मुंबई पुलिस ने हथियार तस्करी गिरोह का भंडाफोड़ किया: दो आरोपी गिरफ्तार, गोरखपुर से पिस्टल-राइफल समेत भारी जखीरा बरामद

मुंबई की मालाड पुलिस ने इंटर-स्टेट हथियार तस्करी गिरोह का भंडाफोड़ किया। दो आरोपी गिरफ्तार, गोरखपुर से देसी कट्टे, विदेशी पिस्टल, राइफल और जिंदा कारतूस बरामद। पढ़ें पूरी खबर और पुलिस की जांच।

मुंबई: शहर में अपराध पर लगाम लगाने के लिए पुलिस लगातार अभियान चला रही है। इसी कड़ी में मालाड पुलिस (Malad Police Crime Branch) को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। पुलिस ने इंटर-स्टेट हथियार तस्करी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है और उनके पास से भारी मात्रा में अवैध हथियार (Illegal Arms in Mumbai) बरामद किए गए हैं।

छापेमारी में क्या-क्या बरामद हुआ?

पुलिस की इस कार्रवाई में जितने हथियार बरामद हुए हैं, वे किसी बड़े गिरोह के नेटवर्क की तरफ इशारा कर रहे हैं। गोरखपुर में की गई छापेमारी के दौरान पुलिस ने एक आरोपी की मारुति सुजुकी कार से ये हथियार बरामद किए:

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  • तीन देसी कट्टे (country-made guns)
  • एक विदेशी पिस्टल (foreign pistol)
  • दो मैगजीन
  • 10 जिंदा कारतूस (live cartridges)
  • 12 बोर की राइफल और 10 राउंड

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इन हथियारों का इस्तेमाल अपराध की बड़ी घटनाओं में किया जा सकता था।

पुलिस की कार्रवाई कैसे शुरू हुई?

यह पूरी कार्रवाई DCP संदीप जाधव और ACP हेमंत सावंत के मार्गदर्शन में हुई।

सबसे पहले पुलिस ने मालाड इलाके से धीरज उपाध्याय नाम के एक आरोपी को पकड़ा। उसके पास से एक देसी पिस्टल मिली। पूछताछ में उसने अपने साथी का नाम बताया।

इसके बाद पुलिस ने जाल बिछाकर गोरखपुर निवासी रविंद्र पांडे उर्फ राघवेंद्र पांडे को गिरफ्तार किया। रविंद्र की कार से भारी मात्रा में हथियार और कारतूस मिले।

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आरोपी कौन हैं?

  1. धीरज उपाध्याय – यह आरोपी सबसे पहले मालाड से पकड़ा गया।
  2. रविंद्र पांडे उर्फ राघवेंद्र पांडे – यह गोरखपुर का रहने वाला है और लंबे समय से हथियारों की तस्करी (Arms Smuggling Network) से जुड़ा हुआ बताया जा रहा है।

पुलिस को शक है कि इनके नेटवर्क में और भी लोग शामिल हो सकते हैं, जो यूपी और बिहार से हथियार मुंबई और आसपास के इलाकों में सप्लाई करते थे।

पुलिस की जांच किस दिशा में?

पुलिस का मानना है कि यह गिरोह उत्तर प्रदेश से सस्ते दामों पर हथियार लाकर मुंबई में महंगे दामों पर बेचता था।

पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि

  • इन हथियारों की डील किन-किन अपराधियों से होनी थी?
  • क्या इस नेटवर्क का कनेक्शन मुंबई अंडरवर्ल्ड या किसी बड़े गैंग से है?
  • गिरोह कितने समय से सक्रिय है और अब तक कितने हथियार मुंबई में पहुंचा चुका है?

समाज और सुरक्षा पर असर

मुंबई जैसे बड़े शहर में हथियार तस्करी का नेटवर्क होना बेहद चिंताजनक है। शहर की सुरक्षा को चुनौती देने वाले ऐसे नेटवर्क अपराध को बढ़ावा देते हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि अवैध हथियारों की बढ़ती तस्करी से लूट, मर्डर और गैंगवार जैसी घटनाएँ और बढ़ सकती हैं।

इस मामले के सामने आने के बाद पुलिस ने सभी जिलों में सुरक्षा अलर्ट (Security Alert in Mumbai) जारी कर दिया है।

पुलिस का आधिकारिक बयान

मालवणी पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा:

“हम लगातार हथियारों की तस्करी करने वाले गिरोहों पर निगरानी रख रहे हैं। इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है और आगे की जांच में और भी नाम सामने आ सकते हैं। हमारा उद्देश्य मुंबई को अवैध हथियारों से मुक्त करना है।”


FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)

Q1. मुंबई पुलिस ने किस गिरोह को पकड़ा?
➡️ इंटर-स्टेट हथियार तस्करी गिरोह को।

Q2. कितने आरोपी गिरफ्तार हुए हैं?
➡️ दो आरोपी – धीरज उपाध्याय और रविंद्र पांडे।

Q3. गोरखपुर से कितने हथियार बरामद हुए?
➡️ तीन देसी कट्टे, एक विदेशी पिस्टल, दो मैगजीन, 12 बोर की राइफल और 20 जिंदा कारतूस।

Q4. क्या गिरोह मुंबई में सक्रिय था?
➡️ हाँ, यह गिरोह यूपी से हथियार लाकर मुंबई और आसपास के इलाकों में सप्लाई करता था।

Q5. पुलिस आगे क्या करेगी?
➡️ पुलिस इस नेटवर्क के बाकी सदस्यों की तलाश में जुटी है और जल्द और गिरफ्तारियाँ हो सकती हैं।


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