मुंबई में ई-चालान की 59 प्रतिशत शिकायतें पुलिस ने कर दी खारिज: RTI से हुआ खुलासा

पिछले एस साल के बीच लोगों ने 1,81,613 ई-चालानों के खिलाफ ऑनलाइन शिकायतें दर्ज करवाई थीं। लेकिन इनमें से 1,07,850 शिकायतें पुलिस ने खारिज कर दिया। वन स्टेट वन चालान पर पारदर्शिता लाना बहोत जरूरी है। Mumbai police rejected 59 percent of e-challan complaints: RTI revealed

Mumbai News: मुंबई ट्रैफिक पुलिस (MTP) ने ‘वन स्टेट वन चालान’ (Parivahan) डिजिटल पोर्टल के जरिए 1 जनवरी 2024 से 28 फरवरी 2025 के बीच कुल 556.64 करोड़ रुपये का जुर्माना वसूला है। यह चौंकाने वाली जानकारी केंद्र शासित सूचना का अधिकार (RTI) के तहत सामने आई है। आरटीआइ कार्यकर्ता अनिल गलगली की तरफ से दायर एक आरटीआई आवेदन के जवाब में इसका खुलासा हुआ है। Mumbai police rejected 59 percent of e-challan complaints: RTI revealed

59 प्रतिशत शिकायतें ख़ारिज

इस पिछले एक साल की अवधि में नागरिकों ने 1 लाख 81 हजार 613 ई-चालानों के खिलाफ ऑनलाइन शिकायतें दर्ज करवाई थीं। लेकिन इनमें से 1,07,850 शिकायतें मुंबई पुलिस द्वारा खारिज कर दी गईं। यानी कुल 59 प्रतिशत शिकायतें अस्वीकार कर दी गईं। इसके पीछे का कारण चौंकाने वाला है। Mumbai police rejected 59 percent of e-challan complaints: RTI revealed

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श्रेणी के हिसाब से डेटा होने चाहिए थे।

मुंबई ट्रैफिक पुलिस ने यह भी बताया कि फिलहाल पोर्टल पर शिकायतों का वर्गीकरण वाहन श्रेणी (दोपहिया, चार पहिया, यात्री वाहन, मालवाहक) आदि के आधार पर जानकारी उपलब्ध नहीं है। इस कारण यह पता लगाना संभव नहीं है कि किस प्रकार के वाहनों पर सबसे ज्यादा कार्रवाई हुई। Mumbai police rejected 59 percent of e-challan complaints: RTI revealed

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शिकायतों की जांच कैसे होती है?

‘वन स्टेट वन चालान’ पोर्टल पर आई शिकायतों की वरली स्थित मल्टीमीडिया सेल में जांच की जाती है। इसमें वाहन की तस्वीरें और अन्य दृश्य साक्ष्यों का मूल्यांकन किया जाता है। यदि साक्ष्य अस्पष्ट होते हैं, तो शिकायत को आगे की जांच के लिए संबंधित ट्रैफिक विभाग को भेज दिया जाता है। Mumbai police rejected 59 percent of e-challan complaints: RTI revealed

पारदर्शिता और जवाबदेही ज़रूरी

आरटीआइ कार्यकर्ता अनिल गलगली ने कहा,“ई-चालान प्रणाली पारदर्शी होनी चाहिए, नागरिकों को अपनी बात रखने का पूरा मौका मिलना चाहिए और हर शिकायत की निष्पक्ष व गहराई से जांच होनी चाहिए। बीना कारण के शिकायतों को खारिज कर देना अन्याय पूर्ण है। इसपर विभाग को ध्यान देने की जरुरत है।” Mumbai police rejected 59 percent of e-challan complaints: RTI revealed


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