इस्माईल शेख
मुंबई- मलाड पश्चिम मालवणी अंबोजवाड़ी का इलाका झोपड़पट्टी के लिए हमेशा से ही जाना जाता रहा है। यहां सरकार ने कुछ लोगों को शिफ्टिंग दिया हुआ है। तो वहीं कुछ भू माफियाओं ने जगह कब्जा कर वहां झोपड़े बनाकर लोगों को बेच दिए। अब उन झोपड़ों को प्रशासन खाली करने के लिए जद्दोजहद कर रही है। लेकिन भरी बरसात में लोगों को बेघर कर देना प्रशासन के लिए मुसीबत साबित हो गया है।
लोगों ने पूछा तो कहा गया, कि “कार्रवाई का हमें आदेश मिला है।” जब देश का कानून भी इसकी इजाजत नहीं देता, तो इन्हें आदेश किसने दिया। कानून के खिलाफ जाकर लोगों का घर तोड़ना यहां पर क्रूरता दिखाई पड़ रही है। फिलहाल यह जांच का विषय बना हुआ है। प्रशासन द्वारा कलेक्टर की जगह बता कर लगभग 250 घर तोड़ दिए हैं।
आपको जानकारी देते हुए बता की महाराष्ट्र की राज्य सरकार ने एक सर्कुलर जारी कर इस तरह की तोड़क कार्यवाही पर अंकुश लगाने के लिए अध्यादेश जारी किया हुआ है, कि बरसाती मौसम में किसी को बेघर न किया जाय और हाईकोर्ट का भी ऐसे मामलों पर कानूनी प्रक्रिया को कुछ समय तक के लिए रोक देने को कहा गया है जबकि बरसाती मौसम में किसी को बेघर करना अन्याय पूर्वक कृत्य माना गया है।
तो क्या मालवणी अंभुजवाडी के झोपड़े को तोड़ने वाले कर्मचारी एवं अधिकारी क्या देश के कानून से बढ़कर हैं और कौन है जो इन्हें ऐसे आदेश जारी कर दिया है। जो गरीबों का घर तोड़ने के लिए इन सरकारी कर्मचारियों को मजबूर किया गया हो। फिलहाल इन सारे मुद्दों को स्थानीय विधायक एवं पूर्व राज्य मंत्री असलम शेख ने लोकसभा के मानसून सत्र में महाराष्ट्र सरकार के समक्ष सवाल उठाया है।
क्या इन्हें जीने का अधिकार नहीं है?
कांग्रेसी विधायक असलम शेख द्वारा पूछे गए सवालों को सुनने के बाद राज्य के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने जांच किए जाने का आश्वासन दिया है। जांच तो चलता ही रहेगा मगर जिन लोगों का आशियाना भरी बरसात में तोड़ दिया गया उन मजबूर बेसहारा लोगों का क्या? जो आज भी अपने टूटे-फूटे सामानों को इकट्ठा कर वहीं बरसात में भीगते हुए दिन गुजारने के लिए मजबूर हैं। इनके घर तो तोड़ दिए गये। अब इनके स्वास्थ्य का क्या ? जो परिवार और बच्चों के साथ बरसात में खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हैं। क्या गरीब सिर्फ लोगों के अत्याचार सहने के लिए पैदा हुए है? ऐसा पूछा जा रहा है। क्या इन्हें जीने का अधिकार नहीं है?
Discover more from
Subscribe to get the latest posts sent to your email.