इस्माइल शेख
मुंबई- बुधवार को दशहरा रैली में शिवसेना के दोनों गुटों ने एक दूसरे पर जमकर हमला बोला। शिवाजी पार्क में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को गद्दार बताया। शिंदे पर तंज कसते हुए कहा, कि “रावण के दस मुख थे।” उन्होंने विद्रोहियों की तुलना रावण से की। कहा, कि “ये लोग आज कटप्पा हैं। लोग कटप्पा को कभी माफ नहीं करेंगे।” उद्धव ने कहा, कि “अगर भाजपा ने धोखा नहीं दिया होता तो महाविकास अघाड़ी नहीं बनती।” उद्धव ठाकरे ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर भी निशाना साधा। कहा, कि “शिवसेना को मुंबई महानगर पालिका (BMC) चुनाव में धूल चटाने का सपना नहीं देखना चाहिए। हम जमीन पर काम करते हैं। देश के गृह मंत्री के रूप में आप को पीओके हासिल हैं, चीनी सैनिकों ने लद्दाख और अरुणाचल में प्रवेश किया।” ठाकरे ने यह भी कहा, कि “हम बागियों को देशद्रोही कहेंगे।”
शिंदे ने किया पलटवार..
शिवाजी पार्क से पांच किलोमीटर दूर बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स (BKC) मैदान में अपनी रैली को संबोधित करते हुए एकनाथ शिंदे ने कहा, कि “भाजपा-शिवसेना ने मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ा था। आपने कांग्रेस-एनसीपी से हाथ मिलाकर बीजेपी को धोखा दिया। राज्य की जनता ने 2019 में भाजपा-शिवसेना को सत्ता में जनादेश दिया। सत्ता हासिल करने के लिए आपने पार्टी के सिद्धांतों और दिवंगत बालासाहेब ठाकरे के विचारों से समझौता किया। भाजपा के साथ सरकार बनाकर हम जनादेश को पूरा कर रहे हैं। वे राज्य के विकास को गति देने की कोशिश कर रहे हैं। हम बालासाहेब के आलोक में हिंदू धर्म के पथ पर आगे बढ़ रहे हैं।” उन्होंने बालासाहेब ठाकरे के सपनों को याद दिलाते हुए कहा, कि “जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाना और राम मंदिर निर्माण का सपना बालासाहेब ठाकरे का सपना था जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साकार किया। गद्दारी तो भाजपा से आपने की है मैने नहीं।” ( Eknath Shinde dassehra Rally)
दोनों गुटों की रैलियों में हजारों लोगों ने हिस्सा लिया। ज्ञात हो कि शिंदे के नेतृत्व में विद्रोह के बाद जून में पार्टी का विभाजन हो गया था। 56 साल में पहली बार एक ही पार्टी की दो रैलियां हुईं। बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश पर उद्धव को शिवाजी पार्क में रैली करने की इजाजत मिल गई। दोनों समूहों ने राज्य के कोने-कोने से लोगों को लाने के लिए हजारों बसों की बुकिंग की थी। पार्टी के दोनों खेमे का कहना है कि बालासाहेब ही असली शिवसेना हमारी है। यहां विरासत का दावा हो रहा है। मामला सुप्रीम कोर्ट और चुनाव आयोग के पास अब भी प्रलंबित है। (Uddhav Thackeray Dassehra Rally)
परिवार में अकेले रह गए उद्धव ठाकरे।
बालासाहेब के तीन बेटों में से दो शिंदे के परिवार के साथ हैं। ठाकरे के बड़े बेटे बिंदु माधव का निधन हो गया है। निहार उनके बेटे हैं जो आज चाची स्मिता ठाकरे के साथ शिंदे की रैली में पहुंचे थे। स्मिता ठाकरे के बेटे जयदेव की पत्नी हैं। जयदेव ने शिंदे के साथ मंच साझा किया। चचेरे भाई राज ठाकरे पहले ही अलग हो चुके हैं। राज ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) नाम से एक पार्टी बनाई। (Shiv Sena Dassehra Rally)
ट्वीट पर चला वार
युद्ध स्तर की रैली से पहले दोनों खेमे ने ट्वीट कर एक दूसरे पर निशाना साधा। कवि हरिवंश राय बच्चन की कविता की पंक्तियों का जिक्र करते हुए शिंदे ने लिखा, कि “मेरा बेटा मेरा उत्तराधिकारी नहीं होगा।” मुख्यमंत्री ने उद्धव और आदित्य ठाकरे पर तंज कसते हुए कहा, कि “हम वही हैं, जो बालासाहेब ठाकरे के विचारों के अनुसार शिवसेना के हिंदुत्व पथ को बढ़ावा दे रहे हैं।” उद्धव ग्रुप ने लिखा, कि “हम अपनी पार्टी को बीजेपी का गुलाम नहीं बनने देंगे।”
शिंदे समर्थक महिलाओं की हुई पिटाई
अहमदनगर से मुंबई आ रही शिंदे समर्थक महिलाओं की पिटाई का मामला सामने आया है। मारपीट का आरोप ठाकरे समर्थक महिलाओं पर है। कार में शिंदे की महिला समर्थक सवार थीं। कसारा के सामने उनकी कार एक बस को ओवरटेक करने की कोशिश कर रही थी। इससे बस में सवार ठाकरे समर्थक महिलाएं चिढ़ गईं। उन्होंने कार रोकी और मुख्यमंत्री के समर्थकों की पिटाई कर दी।
वड़ा-पाव पर तोड़फोड़
शिवसेना की दशहरा पर दोनों रैलियों में राज्य के दूर-दराज से हजारों की संख्या में लोग पहुंचे हैं! खाने-पीने की व्यवस्था के दावों के बावजूद कई लोग भूखे-प्यासे थे। लोगों ने अपनी भूख मिटाने के लिए रैली स्थलों के पास वड़ा-पाव, चाय-नाश्ते की दुकानों पर तोड़फोड़ की। पीने के पानी की बोतलें भी खूब बिकीं। पुलिस की कड़ी मौजूदगी के बावजूद अव्यवस्था की आशंका बनी रही।
उद्धव को एक और झटका
शिंदे खेमा उद्धव को बड़ा झटका देने की तैयारी कर रहे हैं। मुख्यमंत्री समर्थक सांसद कृपाल तुमाने ने आज दावा किया कि उद्धव गुट के 2 सांसद और 5 विधायक जल्द ही मुख्यमंत्री शिंदे के पाले में शामिल होंगे। जून में बगावत करने वाले शिंदे के पास पार्टी के 55 में से 40 विधायक हैं और ठाकरे के 18 में से 12 सांसद हैं। अगर कृपाल तुमाने का दावा सही साबित हुआ तो शिंदे खेमे में 45 विधायक और 14 सांसद होंगे।
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