बोगस लाॅटरी माफिया व कुछ भ्रष्ट प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा प्रतिमाह करोड़ों का राजस्व घोटाला

  • महाराष्ट्र पुलिस का ढुलमुल रवैया, कई घर उध्वस्त की कगार पर
  • लोटस, यूनिक व इलेवन डॉट, खेलो इंडिया खेलो लाॅटरी से महाराष्ट्र राज्य और केंद्र के जीएसटी की खुली लूट..

सुरेंद्र राजभर
मुंबई-
भारत में डिजिटल क्रांति का दौर विकसित होता जा रहा है और हम तेजी से इस तकनीक का उपयोग जीवन के हर क्षेत्र में कर रहे हैं तथा यह तकनीक सर्वसामान्य जनों के लिए वरदान साबित हो रही है। किंतु इसी तकनीक का उपयोग असामाजिक तत्व धड़ल्ले से कर न सिर्फ आम जनता को ठग रहे हैं, बल्कि सरकार को भी हर महीने करोड़ों के राजस्व का आर्थिक नुकसान भी पहुंचा रहे हैं।

सूत्रों से प्राप्त हुई जानकारी के अनुसार लोटस, यूनिक व इलेवन डॉट, खेलो इंडिया खेलो लाॅटरी द्वारा राजस्व की खुलेआम लूट का गोरखधन्धा मुंबई और महाराष्ट्र के अन्य शहरों में भी चल रहा है। जहां धड़ल्ले से लाटरी माफिया प्रतिबंधित राजश्री लॉटरी के नाम पर सरकार को करोड़ों रुपए का चूना लगाते आ रहे हैं। लेकिन सरकारी नियमों को ताख़ पर रखकर कुछ भ्रष्ट नौकरशाह कतिपय भ्रष्ट लोगों के सहारे लाटरी माफिया, सायबर उपकरणों का उपयोग कर कानून की धज्जियां उड़ा रहे हैं।

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Indian fasttrack news
राजस्व, जीएसटी,
अवैध लॉटरी कारोबार की ताजा तस्वीर

राजस्व की लूट, गलता समाज पैसे बटोरते कारोबारी

बतादें कि महाराष्ट्र राज्य में राजश्री लाटरी पर प्रतिबंध है, लेकिन बड़े पैमाने पर ऑनलाइन सॉफ्टवेयर से सरकारी खजाने पर डाका डाला जा रहा है। लाटरी माफिया सरकार को करोड़ों का चूना रोज लगा रहे हैं। क्योंकि एक तो यह प्रतिबंधित है और दूसरा फर्जी ऐप का उपयोग कर धड़ल्ले से इसे चलाया जा रहा है। लाटरी व्यवसायी और लॉटरी माफिया सरकार को कोई भी जीएसटी या टैक्स नहीं भरते हैं, जिसकी वजह से सरकार को करोड़ों रुपए का नुकसान हो रहा है। सबसे बड़ी बात यह है की इस पूरे खेल मे लॉटरी माफियाओं के साथ कहीं न कहीं सरकारी महकमे के कुछ भ्रष्ट अधिकारी भी शामिल हैं। इसलिये कोई कार्रवाई नहीं होती है। अवैध लॉटरी का गैरकानूनी व्यवसाय जोरों से फल-फूल रहा है। उपलब्ध विवरणों के अनुसार अवैध लाटरी का यह व्यवसाय वैसे तो मुंबई सिटी और महाराष्ट्र के हर प्रमुख शहर में शुरू है लेकिन हमने, जब जांच पड़ताल की तो देखा कि लॉटरी माफिया मुंबई के झुग्गी बस्तियों को टारगेट कर अपने काले साम्राज्य की नींव खड़ी कर अपने गैरकानूनी कारोबार को अंजाम दे रहे हैं। मलाड पश्चिम के मालवानी इलाके में लगभग 20 से अधिक लॉटरी सेंटर चलाए जा रहे हैं। ठीक वैसे ही कांदिवली पूर्व समता नगर पुलिस थाने के अंतर्गत लगभग 40 से 45 लॉटरी सेंटर चलाए जा रहे हैं। चारकोप पुलिस थाना अंतर्गत कुछ दिनों पहले मुंबई पुलिस की समाज सेवा शाखा ने प्रतिबंधित लॉटरी के कारोबार पर कार्यवाही की थी अब कुछ दिनों बाद यहां पर फिर से चोरी चुपके लॉटरी का गोरख धंधा चालू कर दिया गया है।

जबकि कांदिवली पुलिस थाने अंतर्गत लगभग 10 से 12 लॉटरी सेंटर चलाए जा रहे हैं। गोरेगांव पूर्व एसवी रोड पर तो खुले आम लॉटरी का धंधा चलाया जा रहा है यहां सबसे ज्यादा लॉटरी सेंटर चलाने का मामला सामने आया है। मुंबई के अंधेरी से लेकर दहिसर तक के बीच कुकुरमुत्ते की तरह अवैध लॉटरी का सेंटर खोलकर सरकार को हर 15 मिनट के भीतर करोड़ों का चुना लगाया जा रहा है। मुलुंड परिसर में जब पता करने की कोशिश की तो वहां बाहर राजश्री लॉटरी का बोर्ड लगा मिला और अंदर लकी कूपन लॉटरी का साफ्टवेयर लगाया गया है, जो राज्य सरकार से मान्यता प्राप्त राजश्री लॉटरी की नकल है। ऐसा देखने को मिला है कि 2016 में जीएसटी लागू होने के बाद कई लॉटरी कंपनियों में ताले लग गए थे। राजश्री लॉटरी भी उन्ही में शामिल रही है।

मुंबई के उपनगरों में विशेष कर अंधेरी से दहिसर तक के सभी उपनगरों में बोगस ऑनलाइन लॉटरी जो राज्य द्वारा संचालित लॉटरी की नकल कर के अन्य नामों से चलाई जा रही है। सरकारी नियमों के अनुसार ऑनलाइन लॉटरी पर 28% जीएसटी का भुगतान करना पड़ता है। किंतु इस अवैध कारोबार पर ना तो जीएसटी का भुगतान किया जाता है और ना ही सरकारी अनुमति ली जाती हैं। सरकारी खजाने में सेंध लगाने का काम ऑनलाइन लॉटरी से हो रहा है। अवैध ऑनलाइन लॉटरी पर एक सॉफ्टवेयर का निर्माण किया जाता है। ऑपरेटिंग के लिए इंजीनियर को हर महीने तनख्वाह दी जाती है। अवैध सॉफ्टवेयर के हर शख्स को फ्रेंचाइजी दी जाती है। यह पूरा मामला टैक्स चोरी का है। ऐसे अवैध सॉफ्टवेयर पर ना तो साइबर की नजर पड़ती है ना ही जीएसटी अधिकारियों को कोई पता चल पाता है। यह भी बताया जाता है कि लॉटरी को रोजाना हजारों लोग खेलते हैं। यही कारण है, कि इसमें लगने वाला पैसा भी लाखों में होता है। इसी बात का फायदा उठाकर फर्जी लॉटरी एप्लीकेशन के माध्यम से गरीब जनता को अमीर बनने का झांसा देकर लाखों रुपए की हेराफेरी की जाती है। इस लॉटरी में 15 मिनट के भीतर विजेता के नाम की घोषणा हो जाती है और राज्य या केंद्र सरकार को कोई कर अदा नहीं किया जाता है। इस गैर कानूनी तरीके से चल रहे इस पूरे व्यवसाय में पैसे का जो लेनदेन कैश में किया जाता है। जिससे काली कमाई का हिसाब सरकार को नहीं देना पड़ता है। ध्यान देने योग्य है, कि साइबर एक्सपर्ट का कहना है कि राजश्री कंपनी महाराष्ट्र सरकार की मंजूरी से अपना लॉटरी बेचने का काम कर रही थी। वह फिलहाल बंद है। राजश्री लॉटरी बंद होने के बाद उसके डिस्ट्रीब्यूटरों ने मिलकर अपने कई ऐसी दुकानों की शुरुआत की है। सभी ने एक सॉफ्टवेयर का निर्माण किया है जिसके द्वारा लाॅटरी माफिया कुछ भी धोखाधड़ी कर सकते हैं।

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लोगों का कहना है, कि ऐसे मामले पर पुलिस ही नहीं बल्कि जीएसटी के इंटेलिजेंस विंग को भी जांच करनी चाहिए।। जहां-जहां ऐसे सॉफ्टवेयर के नाम का यूज कर लॉटरी का कारोबार किया जा रहा है ऐसे जगहों पर उन्हें काफी सारा डाटा मिल सकता है। उनके सर्वर पर कितने टिकट का लेनदेन हुआ है और कितने का उन्होंने अब तक व्यापार किया है।इसकी पूरी जानकारी इनके साफ्टवेयर पर उपलब्ध होगी। गैंबलिंग एक्ट, फोर्जरी, 420, और जीएसटी के विभिन्न धाराओं के तहत हो सकती है कार्रवाई। किंतु राज्य सरकार इन लाॅटरी माफियाओं के विरुद्ध कोई कार्रवाई क्यों नही कर पा रही है? इसकी चर्चा पूरे मुंबई में चर्चा का विषय बनी हुई है ।


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