नितिन तोरस्कर (मंत्रालय प्रतिनिधि)
मुंबई- 15 जुलाई गुरुवार, राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार की अध्यक्षता और सांसद शरद पवार की उपस्थिति में राज्य के किसानों की मदद कर फलोत्पादन बढ़ाने और ब्रांडिंग तैयार कर, महाराष्ट्र सरकार राज्य के फलों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार दिलाने, फल प्रसंस्करण उद्योग स्थापित करने में मदद के लिए बैठक आयोजित की गई थी।
महाराष्ट्र में बागवानी (फल उत्पादन) के विकास के लिए किसानों को विश्व बाजार से बागवानी की सर्वोत्तम किस्में प्रदान करना, राज्य में बागवानी प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए आवश्यक जनशक्ति प्रदान करना, प्रत्येक जिले में अपनी अनूठी बागवानी विकसित और ब्रांड तैयार करना, वसंतदादा चीनी संस्थान की तर्ज पर फल अनुसंधान के लिए एक स्वतंत्र संस्थान स्थापित कर राज्य सरकार एक सकारात्मक निर्णय लेगी और वरिष्ठ नेता सांसद शरद पवार द्वारा दिए गए सुझावों को लागू करेगी। इसकी गवाही आज गुरुवार 15 जुलाई को राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने बैठक के दौरान दी।
यह गवाही उपमुख्यमंत्री ने वरिष्ठ नेता सांसद शरद पवार की उपस्थिति में सहयाद्री गेस्ट हाउस में आयोजित “महाराष्ट्र में बागवानी क्षेत्र: तथ्य, अवसर और निर्देश” पर एक बैठक को संबोधित करते हुए दी।
बैठक में कृषि मंत्री दादाजी भूसे, फलोत्पादन मंत्री संदिपान भुमरे, बागवानी राज्य मंत्री अदिति तटकरे, विपणन विभाग के प्रमुख सचिव अनूपकुमार, कृषि सचिव एकनाथ डवले, कृषि आयुक्त धीरज कुमार, पोखरा के परियोजना निदेशक इंद्र मालो, सहद्री फार्मर्स प्रोड्यूसर्स के विलास शिंदे एवं अन्य के साथ कृषि निर्यात क्षेत्र के मान्यवर उपस्थित रहे। मौके पर राज्य के कृषि एवं फलोत्पादन विभाग की ओर से प्रदेश के बागवानी पर प्रस्तुति दी गई।
बैठक का मार्गदर्शन करते हुए सांसद शरद पवार ने कहा कि महाराष्ट्र में बागवानी और फलों के निर्यात की अपार संभावनाएं हैं. राज्य के प्रत्येक जिले को एक अलग फल जिले के रूप में विकसित किया जा सकता है। किसानों को बागवानी और उपज में वृद्धि के लिए विश्व स्तर की सर्वोत्तम किस्में उपलब्ध कराई जाएं। इसके लिए राज्य सरकार को किसानों की मदद करनी चाहिए।
सरकार राज्य के फलों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाजार दिलाने, ब्रांडिंग बनाने, फल प्रसंस्करण उद्योग स्थापित करने में मदद करनी चाहिए। सांसद शरद पवार ने यह भी सुझाव दिया कि फल निर्यातकों की धोखाधड़ी को रोकने के लिए व्यवस्था को कुशल बनाया जाना चाहिए।
कृषि मंत्री दादाजी भूसे ने कहा, कि “राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में फलों और सब्जियों को निर्यात योग्य बनाने के प्रयास किये जा रहे हैं और किसानों को अपेडा के माध्यम से निर्देशित किया जा रहा है। प्रदेश में उद्यानिकी क्षेत्र में वृद्धि करते हुए फलों को जिलावार भौगोलिक दर्जा देने के साथ ही एवोकडो जैसे नये फलों को बढ़ावा दिया जा रहा है।”
कृषि मंत्री दादाजी भूसे ने यह भी बताया, कि “इस साल अब तक राज्य में 80 प्रतिशत बुवाई पूरी हो चुकी है और 39 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सोयाबीन की बुआई हो चुकी है।” अधिक जानकारी देते हुए उन्होंने कहा, कि “इस वर्ष घर में उगाए गए सोयाबीन के बीजों का प्रयोग प्रभावी रहा है और सोयाबीन की बुवाई पिछले वर्ष की तुलना में 105 प्रतिशत अधिक हो चुकी है।”
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