बदली किस्मत, चिकन खरीदने निकले और करोड़पति बनकर घर लौटे

सदानंद और उनका परिवार कुदायमपडी में एक छोटे से घर में रहता है। वह पिछले 50 वर्षों से एक चित्रकार के रूप में काम कर रहे हैं। घर से चिकन खीदने निकले और चंद घंटों में करोड़पति बनकर लौटे।

विशेष संवाददाता
केरल-
17 जनवरी, कब और कैसे किसी की किस्मत बदल जाए, यह कोई नहीं कह सकता। ऐसा ही कुछ केरल (kerla) तिरुवनंतपुरम के कुदायमपडी गांव के रहने वाले सदानंद के साथ हुआ। सदानंद, क्रिसमस और नए साल के लिए एक बंपर लॉटरी (lottery) टिकट खरीदा और इस लॉटरी ने चंद घंटों में उनकी किस्मत ही बदल दी। सीधे वो 12 करोड़ रुपये के मालिक बन गए। सुबह जब वह चिकन (Chiken) खरीदने के लिए घर से बाहर निकले तो उन्होंने टिकट खरीदा। दोपहर में जब नतीजे आए तो पता चला कि सदानंद ने अपने टिकट के लिए 12 करोड़ रुपए जीत लिए हैं।

सदानंद केरल, कोट्टायम के कुदायमपदी के रहने वाले हैं। उन्होंने जो टिकट नंबर जीता उसके बारे में भी आप को बता दें, टिकट क्रमांक XG 218582 था, जो 12 करोड़ रुपयों का विजयता बना दिया। सदानंद और उनका परिवार कुदायमपडी में एक छोटे से घर में रहता है। वह पिछले 50 वर्षों से एक चित्रकार के रूप में काम कर रहे हैं।

Advertisements

सदानंद ने बताया, कि उन पर बहुत कर्ज है और वह अपने बच्चों के लिए बहुत कुछ करना चाहते हैं। लॉटरी (lottery) टिकटों को कोट्टायम में बेंज लॉटरी एजेंसी द्वारा बेचा गया था। कोट्टायम में लॉटरी एजेंट (lottery agency) बीजी वर्गीज द्वारा बेचे गए टिकट सदानंद के लिए बहुत महत्वपूर्ण साबित हुआ और उन्हें करोड़पति बना गया।

लॉटरी (lottery) का दूसरा पुरस्कार 6 लोगों के लिए 50 लाख रुपये (कुल 3 करोड़ रुपये)। तीसरा पुरस्कार 10 लाख रुपये 6 लोगों के लिए और चौथा पुरस्कार पांच लाख रुपये 6 लोगों को दिया जाने वाला है। इसके अलावा 5000, 3000, 2000 और 1000 जैसे कई अन्य पुरस्कार भी हैं। टिकट पांच सीरीज XA, XB, XC, XD, XE और XG में जारी किए गए हैं। लॉटरी विभाग ने सात लाख से अधिक टिकट छापे हैं। लॉटरी विभाग (Lottery Dipartment) ने जानकारी देते हुए बताया, कि ज्यादातर टिकट बिक चुके हैं।


Discover more from  

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisements

Discover more from  

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading

Scroll to Top