बम्बई में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने मशहूर पार्लेजी कंपनी पर छापामारी की है। शुक्रवार सवेरे से ही ये छापामारी की प्रक्रिया जारी है। आयकर विभाग की फॉरेन असेट यूनिट और मुम्बई की इनकम टैक्स इन्वेस्टिगेशन विंग की ओर से सर्च किया जा रहा है। (Income tax raid on Parle-G company in Bombay)
मुम्बई: शुक्रवार 7 मार्च, पार्ले ग्रुप ऑफ कंपनी पर इनकम टैक्स विभाग ने छापेमारी की है। पारले ग्रुप Parle-G, मोनाको और अन्य ब्रांड के नाम से बिस्कुट बेचने वाली कंपनी है। मुम्बई में कंपनी के कई स्थानों पर छापेमारी की जा रही है, जो सुबह से ही चल रही है। आयकर विभाग की फॉरेन असेट यूनिट और मुम्बई की इनकम टैक्स इन्वेस्टिगेशन विंग की ओर से सर्च ऑपरेशन जारी है। इसके अलावा अभी तक कोई भी जानकारी नही मिल पाई है। (Income tax raid on Parle-G company in Bombay)
हालांकि यह सर्च क्यों हो रहा है? इसकी वजह कोई बताने को तैयार नही है। छापेमारी पूरी होने के बाद इसके पीछे के कारणों का खुलासा हो सकता है। फिलहाल इनकम टैक्स विभाग कंपनी के दस्तावेजों को खंगालने का काम कर रही है। कहा जा रहा है कि वित्तीय वर्ष 2024 में कंपनी ने अचानक उछाल मारा था। (Income tax raid on Parle-G company in Bombay)
2024 में पारले-जी का प्रॉफिट
सबसे पहले बात कर लेते हैं Parle-G बिस्कुट को वित्त वर्ष 2023-24 में हुए प्रॉफिट के बारे में, तो खबर के मुताबिक, वित्तीय वर्ष 24 में इसका मुनाफा दोगुना होकर 1,606.95 करोड़ रुपये रहा, जो कि 23 में 743.66 करोड़ रुपये था। इसके बीते वित्त वर्ष में पारले बिस्कुल की ऑपरेशनल इनकम दो प्रतिशत के इजाफे के साथ बढ़कर 14,349.4 करोड़ रुपये हो गई। अगर रेवेन्यू की बात करें, तो ये 5.31 फीसदी उछलकर 15,085.76 करोड़ रुपये रहा। ये आंकड़े दर्शाते हैं कि Parle Biscuit की डिमांड अभी भी जोरदार बनी हुई है। (Income tax raid on Parle-G company in Bombay)
कितनी पुरानी है कंपनी ?
साल 1929 देश की आजादी के एक साल बाद पारले कंपनी की शुरुआत हुई थी। 90 के दशक के बच्चों को तो अपना वह दौर भी याद होगा, जब चाय के साथ पारले-जी का कॉम्बिनेशन सबसे ज्यादा फेमस हुआ करता था। खबरों की मानें तो ऐसा कहा जाता है कि कंपनी ने पारले नाम बम्बई के विले-पार्ले इलाके से लिया था। (Income tax raid on Parle-G company in Bombay)
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कॉम्पिटीशन का दौर ..
पारले ने पहली बार 1938 में पारले-ग्लूको (Parle-Gluco) नाम से बिस्कुट का प्रोडक्शन शुरू किया। आजादी से पहले पारले-जी (Parle-G) का नाम ग्लूको बिस्किट (Gluco Biscuit) ही हुआ करता था। लेकिन, आजादी के बाद ग्लूको बिस्किट का प्रोडक्शन बंद कर दिया गया। क्योंकि देश में उस समय अन्न संकट का खतरा बन गया था। जबकि इस बिस्कुट को बनाने के लिए गेंहू का इस्तेमाल किया जाता था। जब संकट कम हुआ, तो कंपनी ने इसका प्रोडक्शन फिर से शुरू किया, लेकिन तब तक इस सेक्टर में कॉम्पिटीशन काफी बढ़ गई थी और बाकि कंपनियों की मार्केट में एंट्री हो चुकी थी। खासकर ब्रिटानिया ने ग्लूकोज-डी (Glucose-D) बिस्किट से अपनी धमक जमा ली थी। (Income tax raid on Parle-G company in Bombay)
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