नितिन तोरस्कर
मुंबई- “महाराष्ट्र में संघर्ष का इतिहास रहा है। महाराष्ट्र को आसानी से कुछ नहीं मिला। महाराष्ट्र ने हर चीज के लिए संघर्ष किया है। महाराष्ट्र राज्य भी शहीदों के संघर्ष और बलिदान के ज़रिए ही स्थापित किया गया है। महाराष्ट्र की सीमा में मराठी गांवों को वापस लाने और ‘कोरोना वायरस’ के सबसे बड़े संकट को दूर करने के लिए महाराष्ट्र राज्य का संघर्ष आज भी चल रहा है। महाराष्ट्र के लोगों की एकता और दृढ़ संकल्प के बल पर ही महाराष्ट्र राज्य इन दोनों उद्देश्यों को प्राप्त करेगा।” इस तरह के विश्वास को व्यक्त करते हुए, उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने राज्य के लोगों को महाराष्ट्र एवं मजदूर दिवस पर राज्य की जनता को बधाई दी।
उपमुख्यमंत्री ने श्रद्धांजलि दी
मौके पर, राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित दादा पवार ने महाराष्ट्र के शूरवीरों द्वारा संयुक्त महाराष्ट्र के आंदोलन में भाग लेने वाले बलिदानों के लिए आभार व्यक्त किया और संयुक्त महाराष्ट्र आंदोलन के शहीद नायकों को भी श्रद्धांजलि दी। उपमुख्यमंत्री ने राज्य की लड़ाई को एक बार फिर से दोहराते हुए कहा, कि “संयुक्त महाराष्ट्र आंदोलन के दौरान देखे गए बेलगाम, कारवार, निपाणी, बिदर और भालकी सहित सीमावर्ती क्षेत्रों के सभी मराठी गाँवों को राज्य में शामिल करने का सपना अभी भी अधूरा है और हमारी लड़ाई सीमा क्षेत्र से सटे अंतिम मराठी गाँवों को महाराष्ट्र मे लाने तक जारी रहेगी।”
लड़ाई में योगदान
उपमुख्यमंत्री अजित दादा पवार ने राज्य के सभी ‘कोरोना सेनानियों’ को उनकी सेवा के लिए धन्यवाद देते हुए कहा, कि “राज्य पर आए ‘कोरोना वायरस’ संकट के खिलाफ महाराष्ट्र एकता और दृढ़ संकल्प के साथ लड़ रहा है। राज्य के डॉक्टर, नर्सेस, स्वास्थ्य कर्मचारी, सफाईकर्मी, पुलिस, आंगनबाड़ी के कर्मचारी, आशाताई, सरकारी एवं अर्ध-सरकारी कर्मचारी, स्थानीय निकाय, राज्य भर के जनप्रतिनिधि एवं कर्मचारी के साथ राज्य के सभी नागरिक अपने जीवन को जोखिम में डालकर कोरोना जैसे भयंकर वायरस के खिलाफ लड़ाई में योगदान दे रहे हैं।”
इसके साथ ही आभार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा, कि “स्थानीय स्वशासी निकायों के अधिकारी और कर्मचारी, राज्य भर के जनप्रतिनिधि, नागरिक सभी ‘कोरोना’ के खिलाफ लड़ाई में योगदान देने के लिए अपनी जान जोखिम में डाले हुए हैं। सभी ‘कोरोना सेनानियों’ को उनकी सेवा प्रदान करने के लिए धन्यवाद।”
राज्य में प्रतिबंध
राज्य की जनता के स्वास्थ्य पर ज़ोर देते हुए उन्होंने कहा, कि “कोरोना के संकटकाल में राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता नागरिकों के जीवन को बचाना है। सरकार द्वारा ‘कोरोना’ की श्रृंखला को तोड़ने के लिए नाईलाज होकर राज्य में प्रतिबंध (लॉकडाउन) लगाए हैं। ऐसे में वित्तीय हानी सहन कर सकते हैं, लेकिन जीव हानी नहीं होनी चाहिए! इसकी रोकथाम के लिए युद्ध स्तर पर कोशिश की जा रही है।”
उन्होंने विश्वास जताते हुए यह भी कहा, कि “राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत किया जा रहा है। राज्य के सभी लोगों की एकता, दृढ़ संकल्प और संयम के बल पर महाराष्ट्र जल्द ही ‘कोरोना’ के खतरे पर मात कर देगा। इसके लिए राज्य के प्रत्येक नागरिक को ‘कोरोना’ के खिलाफ लड़ाई में योगदान देना चाहिए।” इसके साथ ही उपमुख्यमंत्री अजित दादा पवार ने राज्य की जनता को मास्क पहनने, सोशल डिस्टन्सिंग जैसे बार-बार हाथ धोने आदि के नियमों का पालन करते हुए अपने और अपने परिवार को सुरक्षित रखने की अपील की है।
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