- 775, मैच भ्रष्टाचार के शिकंजे में
- पीटीआई ने स्पोर्ट रडार को भेजी प्रश्नावली
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विशेष संवाददाता (इंडियन फास्ट्रैक New’s Network)
मुंबई- स्पोर्ट रडार इंटीग्रिटी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2022 में हो चुके 13 क्रिकेट मैच अब संशय के घेरे में आ गए हैं। स्पोर्ट रडार इंटीग्रिटी सर्विसेज यूनिट विशेषज्ञों की एक अंतरराष्ट्रीय टीम है जो खेलों में अनियमित सट्टेबाजी, मैच फिक्सिंग और अन्य प्रकार के भ्रष्टाचार का विश्लेषण करती है। 28 पन्नों की रिपोर्ट “सट्टेबाजी,भ्रष्टाचार और मैच फिक्सिंग” में कहा गया है, कि 2022 में 92 देशों के 12 खेलों में अभूतपूर्व एक हजार दो सौ बारह संदिग्ध मैच पाए गए।
कैसे होता है मैच को लेकर जांच ?
कंपनी मैचों के दौरान संदिग्ध गतिविधि का पता लगाने के लिए यूनिवर्सल फ्रॉड डिटेक्शन सिस्टम एप्लिकेशन का उपयोग करती है। फुटबॉल में 775 मैच ऐसे हुए जो शायद भ्रष्टाचार के शिकंजे में फंस गए हों। सूची में बास्केटबॉल दूसरे और लॉन टेनिस तीसरे स्थान पर है।
क्रिकेट मैच कौन से रडार पर है?
दिलचस्प बात यह है, कि 12 खेलों में से केवल 13 क्रिकेट मैच भ्रष्ट हैं और यह सूची में छठे स्थान पर है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि यह आंकड़ा और भी ज्यादा हो सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है, “जबकि कई खेल अपेक्षाकृत कम संख्या में संदिग्ध मैच दिखाते हैं, लेकिन 13 संदिग्ध क्रिकेट मैच स्पोर्ट रडार इंटीग्रिटी सर्विसेज द्वारा दर्ज किए गए उच्चतम वार्षिक आंकड़े हैं, और हैंडबॉल और फुटबॉल ने भी अब तक के सबसे अधिक संदिग्ध मैच दर्ज किए हैं।”
पीटीआई के सवाल क्या है?
पीटीआई ने स्पोर्ट रडार को एक प्रश्नावली भेजी ताकि यह समझा जा सके कि, किस खेल में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार हुआ है और चाहे वह अंतरराष्ट्रीय मैच हो या टी20 लीग मैच। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है, कि कंपनी रिपोर्ट में दर्शाए गए ग्राफिक्स के अनुसार भारत में खेले जाने वाले किसी भी मैच का उल्लेख नहीं करता है। इसलिए, यह अनुमान लगाया जा सकता है कि रिपोर्ट में वर्णित 13 भ्रष्ट मैचों में से कोई भी भारत में नहीं खेला गया था।
कब से हुआ भ्रष्टाचार की शुरुआत?
आप को बता दें, कि स्पोर्ट रडार 2020 में आईपीएल मैचों के दौरान सट्टेबाजी की अनियमितताओं का पता लगाने के लिए बीसीसीआई की भ्रष्टाचार-रोधी इकाई के साथ काम कर रहा था। ऐसे में माना जा रहा है की इन खेलो के इस भ्रष्टाचार में रसूखदार सट्टेबाजों के एक बड़े समूह के लिप्त होने की संभावना है। जिसकी सघन जांच लाजमी है।
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