- जाति प्रमाणपत्र के लिए राष्ट्रीय दस्तावेज होने जरूरी….!
- न्यायमूर्ति रिटायर्ड संदीप शिंदे की अध्यक्षता में गठित करने हेतु सरकार ने दी मंजूरी
सुरेंद्र राय
मुंबई- महाराष्ट्र सरकार ने मराठवाड़ा में मराठा कुनबी समुदाय, कुनबी मराठा समुदाय को जाति प्रमाण पत्र देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसमें कई कागजात साक्ष्य के रूप में मान्य होंगे, निजाम काल के अनिवार्य साक्ष्य, वंशावली, शैक्षिक साक्ष्य, राजस्व साक्ष्य, निजाम काल में किए गए समझौते, निजाम काल के संस्थानों द्वारा दिए गए चार्टर, राष्ट्रीय दस्तावेज होने ज़रूरी होंगे। इसमें निजाम शाही के समय के प्रमाण सरकारी कागजातों में होंगे। सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में समिति गठित करने का निर्णय लिया गया है। (Maratha Arakshan News)
मिलेगा जाति प्रमाणपत्र ..
सरकारी निर्णय संख्या MASU -2023/P.No.03/16A दिनांक 07/सितंबर 2023, मैडम कामा मार्ग, हुतात्मा राजगुरू चौक, मंत्रालय,मुंबई के अनुसार महाराष्ट्र सरकार शिक्षा एवम समाज कल्याण विभाग, सरकारी निर्णय दिनांक 13 अक्तूबर 1967, महाराष्ट्र अनुसूचित जाति, जनजाति, विमुक्त जाति, घुमंतू जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, जाति प्रमाणपत्र जारी करने और सत्यापन का विनियमन अधिनियम, महाराष्ट्र सरकार का सामाजिक न्याय, सांस्कृतिक कार्य, खेल और विशेष सहायता विभाग के निर्णय दिनांक 1 जून 2004, महाराष्ट्र सरकार का सामाजिक न्याय ईवीएम विशेष सहायता विभाग दिनांक 1 सितंबर 2012, महाराष्ट्र सरकार के सामाजिक न्याय और विशेष सहायता विभाग की अधिसूचना 5 परिपत्र दिनांक 28 फरवरी 2018, क्रमांक दिनांक 29 मई 2023, पिछड़ावर्ग और विशेष पिछड़ावर्ग जातिप्रमानपत्र जारी और सत्यापन का बिनयनम अधिनियम 2000 के अनुसार किया जाता है। (Maratha Arakshan News)
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13 अक्तूबर 1967 निर्णय संख्या 1 के तहत उल्लखित राज्य में अन्य पिछड़ावर्ग की सूचीनुसार (अ) (स) 83 पर कुनबी जाति का उल्लेख है। सरकारी निर्णय 2004 को जारी किया गया, उसके द्वारा मराठा कुनबी के समान कुनबी मराठा को (ए) (न) 83 पर कुनबी जाति के समान जाति के रूप में शामिल किया गया है। यह भी कहा गया, कि सक्षम प्राधिकारी पुराने अभिलेखों साक्ष्यों के आधार पर जांच कर प्रमाणपत्र जारी करने का निर्णय लेना चाहिए। (Maratha Arakshan News)
समिति गठित करने का निर्णय..
सरकार की पहल पर न्यायमूर्ति रिटायर्ड संदीप शिंदे की अध्यक्षता में गठित करने के लिए सरकार ने मंजूरी दी है। समिति के अन्य सदस्य मुख्य सचिव राजस्व, प्रधानसचिव विधि एवम न्याय, अतिरिक्त मुख्यसचिव संबंधित जिलों के कलेक्टर, विभागीय आयुक्त औरंगाबाद।
आवश्यकता पड़ने पर प्रशासनिक विभागो के अतिरिक्त मुख्य सचिव प्रमुख सचिव को बैठक में आमंत्रित किया जाना चाहिए। (Maratha Arakshan News)
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