मुंबई मिड डे मील, कौन है जिम्मेदार? बृहन्मुंबई महानगर पालिका, फायर ब्रिगेड या एफ डी ए का कोई और ही विभाग?

मासूम बच्चों की जिंदगी लगाई जा रही दांव पर, दर्जनों कमर्शियल गैस सिलेंडर से किचन में आग लगने की संभावना। वैद्यकिय आरोग्य अधिकारी दीपा जाधव के अनुसार जांच का जिम्मा एफडीए और फायर ब्रिगेड का है। इसे कैसे समझाऐं कि कौन है जिम्मेदार? मुंबई मिड डे मील

सुरेंद्र राजभर
मुंबई-
मनपा स्कूलों और सरकार द्वारा आंगन वाडी के बच्चों को स्वास्थ्य वर्धक मिड डे मील मुहैया कराने के लिए मनपा महिला संगठनों को ठेके देती है। शर्त यह होती है, कि दिनों के अनुसार निश्चित आहार ही मुहैया कराई जाए। तमाम नेताओं और उनके लोगों द्वारा ठेके लिए जाते हैं और अपने लोगों के द्वारा सप्लाई कराई जाती है। जिसकी मासिक हाई जानिक ऑडिट बेहद जरूरी है ताकि पता लगाया जा सके, कि जहां भोजनालय है, वहां साफ-सफाई का विशेष ध्यान दिया जा सके।

https://indian-fasttrack.com/2023/03/28/mumbai-fire-broke-out-in-a-dark-late-night-shop-2-died-in-their-sleep
Indian fasttrack News

बृहन्मुंबई महानगर पालिका (BMC) खुद अपने ठेकेदारों को ठेका देती है और जांच की जिम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग मनपा को दिया गया है, ताकि स्वच्छ और पौष्टिक आहार बच्चों को उपलब्ध कराया जाए। स्वास्थ्य विभाग कभी भोजनालय की ऑडिट करता ही नहीं। सब ऑन पेपर कर दिया जाता है। स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारी आंखें मूंदकर बैठे रहते हैं और प्रॉपर हाइजीन का ध्यान नहीं रखने के कारण किचन में गंदगी ज्यादा रखने वाले बच्चों को जो आहार उपलब्ध कराया जाता है।

Advertisements

मुंबई मिड डे मील की व्यवस्था

मुंबई मिड डे मील, बृहन्मुंबई महानगर पालिका,
कांदिवली लालजी पाड़ा मिड डे मील योजना अंतर्गत किचन की व्यवस्था की तस्वीर

किचन की गंदगी में रोग के कीटाणु पनपते ,रहते हैं जिस कारण बच्चे डेंगू मलेरिया, डायरिया, दस्त, अपच, अतिसार, नेत्र विकार, चर्मरोग के शिकार होकर मनपा और प्राइवेट अस्पतालों में चिकित्सा कराने को बाध्य हैं। आजकल अस्पतालों में बीमार बच्चों की बहुतायत प्रमाण है कि मिड डे मील बनाए जाने वाले किचन में साफ-सफाई का अभाव दिखता है।

कहां है ये मिड डे मील योजना?

ऐसा ही एक मामला जनता कॉलोनी, गली नंबर 2, शिव मंदिर बस स्टॉप, न्यू लिंक रोड, लालजी पाड़ा, कांदिवली पश्चिम, आर/ साऊथ वार्ड, मुंबई 400067 का सामने आया है। जहां की किचन में गंदगी का अंबार लगा रहता है। हाईजेनिक रूप से ऐसा किचन तमाम बिमारी का कारण बनता है और बच्चे बीमार होकर अस्पतालों में भर्ती होते हैं।
बताते चलें कि दीपक पडावे नामक व्यक्ति दो फर्जी महिला मंडल क्रमशः ज्योति महिला मंडल और संजीवनी महिला मंडल का संचालन करता है जिसे साफ सफाई और बच्चों के संक्रमित होते रहने की कोई चिंता नहीं है।

मिड डे मील योजना कांदिवली BMC

चिंता बस बृहन्मुंबई महानगर पालिका (BMC) से मिलने वाले धन की है। संकरे से स्थान में किचन है। जिसमें दर्जनों कमर्शियल गैस सिलेंडर रखे रहते हैं, जिनके ऊपर बोरे भरकर रखे हैं जिससे कभी आग लगने पर हालात मुश्किल हो जाते हैं। किचन में महिलाएं नहीं पुरुष और बच्चे काम करते देखे गए हैं।
मनपा स्वास्थ्य विभाग से जब पूछा जाता है तो बताते हैं किचन के लिए कई एन.ओ.सी. और लाइसेंस लेने पड़ते हैं उक्त व्यक्ति ने मनपा को पूरे कागजात दिए ही नहीं। मानव जीवन चेरिटेबल ट्रस्ट के मुंबई अध्यक्ष इमरान चौधरी के अनुसार संचालक दीपक पड़ावे घूस देकर स्वास्थ्य विभाग से सर्टिफिकेट बनवाता रहता है।

मासूमों की जिंदगी से खिलवाड़..

बृहन्मुंबई महानगर पालिका के कांदिवली आर /साऊथ वार्ड का स्वास्थ्य विभाग उसे बचाने में लगा है, कारण पैसे मिलना है। स्वास्थ्य विभाग में शिकायत करने पर वैधकिय आरोग्य अधिकारी दीपा जाधव कहतीं हैं, “जांच का जिम्मा एफ.डी.ए. और फायर ब्रिगेड का है।”
क्या इस किचन की निष्पक्ष जांच कर बच्चो के जीवन से खिलवाड़ करने वाले संचालक के ऊपर कानूनी कार्रवाई की जाएगी या फिर मिल बांटकर खाया ही जाएगा और मासूमों की जिंदगी से खिलवाड़ होता रहेगा?

https://indian-fasttrack.com/2023/03/28/the-cycle-of-caste-calculation-casteist-politics
Indian fasttrack News

Discover more from  

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisements
Scroll to Top

Discover more from  

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading