महाविकास आघाडी के समर्थकों ने उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी हिंसा के विरोध में सोमवार (11 अक्टूबर) को ‘महाराष्ट्र बंद‘ (Maharashtra Close) का ऐलान किया है। नवी मुंबई का एपीएमसी मार्केट (APMC Market) सहित राज्य बाजार समितियां सोमवार को बंद रहेंगी। ऐसे में सब्जियों की आपूर्ति प्रभावित होना तय है। लेकिन राज्य के कई शहरों में रिटेल व्यापारी दुकानें खोलने पर अड़े हुए हैं।
विशेष संवाददाता
मुंबई- महाराष्ट्र की महाविकास आघाडी सरकार में शामिल सभी दलों ने मिलकर उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी हिंसा (Lakhimpur Khiri Violence, UP) के विरोध में सोमवार (11 अक्टूबर) को ‘महाराष्ट्र बंद’ (Maharashtra Close) का ऐलान किया है। इस बंद का रविवार दोपहर तक पुणे-मुंबई और ठाणे शहर के व्यापारियों ने विरोध किया और बाद में शाम 4 बजे तक बंद के समर्थन में दुकाने बंद करने का फैसला किया है।
व्यापारियों ने तय किया कि सोमवार को वे दुकानें खुली रखेंगे। मुंबई व्यापारी संघ की ओर से वीरेन शाह ने कहा कि वे किसानों के दु:ख-दर्द को समझते हैं, उनका समर्थन करते हैं, उनसे सहानुभूति रखते हैं। लेकिन इस बंद में व्यापारियों को ना घसीटा जाए। लेकिन शाम तक मुंबई ट्रेडर्स फेडरेशन के अध्यक्ष वीरेन शाह ने एक वीडियो जारी कर कहा कि सारे दुकानदार शाम 4 बजे तक दुकानें बंद रखेंगे।
शाह ने कहा, कि “कोरोना काल के प्रतिबंध के बाद बमुश्किल दुकानें ठीक से शुरू हो पाई हैं। फिलहाल स्टाफ को सैलरी देना ही मुश्किल हो रहा है। ऐसे में व्यापार का बंद करना और अधिक घाटे को दावत देना है।” इसके बाद शाह ने कहा, कि “अलग-अलग इलाकों के व्यापारियों द्वारा फोन आ रहे हैं और स्थानीय स्तर पर शिवसेना और महाविकास आघाडी से जुड़ी पार्टियों के नेता व्यापारियों से बंद में समर्थन की अपील कर रहे हैं। ऐसे में शाम 4 बजे तक दुकानें बंद रख कर उनका समर्थन किया जाएगा और 4 बजे के बाद दुकानें खोली जाएंगी।” मुंबई के व्यापारियों के बाद पुणे के व्यापारी संघ ने भी शाम तक बंद के समर्थन का ऐलान किया, लेकिन पुणे के रिटेल व्यापारी दुकानें खोलने पर अड़े हुए हैं। इसके साथ ही नागपुर और औरंगाबाद के व्यापारी संघ ने दुकानें खोलने का ऐलान किया है।
सब्जियों की सप्लाई होगी प्रभावित..
इस खबर के माध्यम से मुंबई, ठाणे और आस-पास के लोगों के लिए एक अहम सूचना दी जाती है, कि नवी मुंबई के वाशी स्थित एपीएमसी मार्केट (APMC Market) सोमवार को बंद रहने से प्रभावित होने रहेगा। इसके साथ ही, पुणे बाजार समिति भी बंद मे शामिल है! इसीतरह सोलापुर कृषि उत्पन्न बाजार समिति भी बंद में शामिल है। इसके अलावा नासिक लासलगांव की बाजार समिति (प्याज मंडी), धुले, नंदुरबार, मनमाड, बारामती बाजार समिति भी बंद में शामिल है। इसलिए सब्जियों की आपूर्ति प्रभावित होना तय है। लेकिन राज्य भर में अस्पताल, दवाइयों की दुकानेंं जैसी जरूरी सेवाओं को बंद से अलग रखा गया है।
मुंबई के डब्बेवाले और फिल्मों की शूटिंग बंद से बाहर
मुंबई के डब्बावालों ने बंद का समर्थन करते हुए काली पट्टी बांधकर हमले का विरोध कर रहे हैं। लेकिन डब्बा पहुंचाने का काम बंद नही किया! राज ठाकरे की पार्टी मनसे के सिने विंग के अध्यक्ष अमेय खोपकर ने भी बंद का विरोध करते हुए कहा है कि, “राजनीतिक दलें अपनी राजनीति करती रहें, लेकिन फिल्मों की शूटिंग बंद नहीं रहेगी।” उनका कहना है, कि “हम किसानों का समर्थन करते हैं लेकिन शूटिंग बंद रखने से आर्थिक बोझ उठाना अब फिल्म उद्योग के कर्मचारियों के लिए असहनीय है।
NCP, शिवसेना द्वारा बंद की अपील, कांग्रेस का मौन व्रत
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर हिंसा के विरोध में NCP प्रमुख शरद पवार ने बंद को शांतिपूर्ण तरीके से सफल बनाने का ऐलान किया है। पार्टी प्रवक्ता नवाब मलिक ने लखीमपुर हिंसा के आरोपी आशीष मिश्रा के पिता और केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र के इस्तीफे की मांग की है। शिवसेना के आदित्य ठाकरे और संजय राउत ने अपने कार्यकर्ताओं और नेताओं से बंद को सफल बनाने की अपील की है। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले ने राजभवन के सामने मूक रहकर आंदोलन करने की कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं से अपील की है। कांग्रेस दोपहर 12 बजे से राजभवन के सामने मौन व्रत रखकर आंदोलन करेगी।
आप को बता दें, कि बंद का समर्थन करने वाली पार्टियां ही सरकार चला रही हैं। इसलिए इन पार्टियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह स्पष्ट किया है कि ‘महाराष्ट्र बंद’ राज्य सरकार की ओर से नहीं किया गया है, महाराष्ट्र सरकार में शामिल पार्टियों के स्तर पर बंद का ऐलान किया गया है। इन पार्टियों ने जनता और अपने कार्यकर्ताओं से बंद को सफल बनाने की अपील की है।
जबरदस्ती पर भाजपा का विरोध..
‘महाराष्ट्र बंद’ पर भारतीय जनता पार्टी के नेता नितेश राणे ने दुकानदारों से जबरदस्ती पर कड़ा रुख अपनाने की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा, कि “अगर व्यापारियों के साथ दुकानें बंद रखने की जबर्दस्ती की गई तो भाजपा कार्यकर्ता सड़कों पर उतर कर विरोध करेंगे। जो भी दुकानदार अपनी दुकानें खुली रखना चाहें और जो अपने काम-धंधे को प्रभावित नहीं करना चाहें, उनका ‘महाराष्ट्र बंद’ पर भाजपा कार्यकर्ता मदद करेंगे। विरोधी पक्ष नेता प्रवीण देरकर ने भी बंद पर सवाल उठाते हुए कहा, कि “किसानों से इतनी ही सहानुभूति है तो बरसात में किसान जो बर्बाद हो चुके हैं उन्हें राज्य सरकार मदद क्यों नहीं पहुंचाती ? बंद के निर्णय से लोगों के रोजगार को क्यों प्रभावित कर रही है?
‘किसानों के समर्थन में काली पट्टियों के साथ खुली दुकानें’
पुणे जिला रिटेल संघ के अध्यक्ष सचिन निवंगुणे ने दुकानें खोलने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि, “कोरोना की वजह से चरमराई आर्थिक स्थिति अभी संभलनी शुरू हुई है! ऐसे में दुकानें बंद रखने की स्थिति नहीं हैं। किसानों के समर्थन के लिए हम काले फीते की पट्टी बांधकर दुकानें चलाएंगे। नागपुर और औरंगाबाद के व्यापारियों ने भी घोषणा कर दी, कि वे पर्व और त्योहारों के वक्त दुकानें बंद करने का समर्थन नहीं कर सकते। इसलिए नागपुर और औरंगाबाद में भी व्यापारी दुकानें खोलने पर अड़े हुए हैं।
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