केंद्रीय गृहमंत्रालय ने नागरिकता के लिए मांगे आवेदन

डीएम या राज्य का गृह सचिव इसके लिए एक ऑनलाइन और लिखित रजिस्टर बनाऐंगे, जिसमें भारत के नागरिक के रूप में शरणार्थियों के पंजीकरण का विवरण होगा। इसकी एक प्रति केंद्र सरकार के पास एक हफ्ते के भीतर भेजनी होगी।

विशेष संवाददाता
मुंबई-
भारत की केंद्र सरकार ने पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए गैर मुस्लिम शरणार्थियों से भारत की नागरिकता देने के लिए आवेदन मांगे है। केंद्र सरकार ने शुक्रवार 28 मई 2021 को अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश के हिंदू, सिक्ख बौद्ध व जैन, पारसी और ईसाईयों तथा गुजरात, राजस्थान, छत्तीसगढ़, हरियाणा ,पंजाब के 13 जिलों में रहने वाले गैर-मुस्लिमों को भारत की नागरिकता देने के लिए आवेदन करने को आमंत्रित किया है।

केंद्रीय गृहमंत्रालय ने नागरिकता कानून 1955 और 2009 के तहत बनाए गए नियमों के अनुसार आदेश के तत्काल कार्यान्वयन के लिए अधिसूचना जारी कर दिया है। भले ही 2019 के तहत सीएए (CAA) के नियमों को अभी तक तैयार नहीं किया गया है।

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आप को जानकारी देते हुए बता दें, कि जब 2019 में CAA कानून बनाया गया था, तो देश के विभिन्न हिस्सों में इसके खिलाफ व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए थे। यहां तक की इनके मद्देनज़र 2020 की शुरुआत में दिल्ली में दंगे भी हुए थे। जिसके बाद से ये कानून ठंडे बस्ते में चला गया था।

CAA कानून

CAA के अनुसार पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश से गैर-मुस्लिम उत्पीड़त अल्पसंख्यकों जिनमें हिंदु, सिक्ख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई को भारतीय नागरिकता दी जाएगी, जो 31 दिसंबर 2014 तक में भारत आ चुके थे।

गृह मंत्रालय के मुताबिक, जो लोग भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने के पात्र हैं, वें शरणार्थी वर्तमान में गुजरात के मोरबी, राजकोट, पाटन और बडोदरा छत्तीसगढ़ के दुर्ग और बलौदाबाजार, राजस्थान के जालौर, उदयपुर, पाली, बाडमेर और सिरोही, हरियाणा के फरीदाबाद और पंजाब के जालंधर में रह रहे हैं।

गृह मंत्रालय ने कहा, कि शरणार्थियों के आवेदन का सत्यापन राज्य के सचिव (गृह) या जिले के डिएम द्वारा किया जा सकेगा! मामले के हिसाब से जिला स्तर और राज्य स्तर पर आवेदन और सत्यापन रिपोर्ट को सुलभ बनाया जाएगा। इसके लिए ऑनलाइन पोर्टल का इस्तेमाल होगा! शरणार्थी के आवेदन और सत्यापन के विषय में केंद्र द्वारा समय-समय पर जारी निर्देश का राज्य या केंद्र शासित प्रदेश और संबंधित जिला प्रशासन द्वारा सख्ती से पालन किया जाएगा।

शरणार्थियों का पंजीकरण

इसके अलावा डिएम या राज्य के गृह सचिव केंद्र के नियमानुसार एक ऑनलाइन और लिखित रजिस्टर बनाऐंगे जिसमें भारत के नागरिक के रूप में शरणार्थियों का पंजीकरण विवरण होगा। इसकी एक प्रति केंद्र सरकार को सात दिनों के भीतर भेजना होगा। अधिसूचना में कहा गया है, कि “यह आदेश अधिकारिक राजपत्र में इसके प्रकाशन की तारीख से लागू होगी और अगले आदेश तक वैद्य होगा।”

गृह मंत्रालय ने नागरिकता कानून 1955 और 2020 में कानून के तहत बनाए गए नियमों के तहत आदेश के तत्काल कार्यान्वयन के लिए अधिसूचना जारी कर दिया है। गृह मंत्रालय के नोटिस में कहा गया है, कि “नागरिकता कानून 1955 की धारा 16 के तहत मिली शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए केंद्र सरकार ने कानून की धार (5) के तहत यह कदम उठाया है। इसके अंतर्गत उपरोक्त राज्यों के जिले में रह रहे अफगानिस्तान, बांग्लादेश, पाकिस्तान के हिंदू, सिक्ख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को भारतीय नागरिकता के तौर पर पंजीकृत करने लिए आवेदन मांगे गए हैं।”

इसके अलावा गैजेट नोटिफिकेशन में जानकारी दी गई है, कि “भारत के नागरिक के रूप में पंजीकरण के लिए ऑनलाइन पोर्टल पर आवेदन होगा, जिसमें जिला कलेक्टर या सिर्फ हरियाणा और पंजाब के गृह सचिव जरुरत पडने पर मामले के हिसाब से आवेदन की जांच करेंगे।”


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