रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग जिलों को तुरंत 75 करोड़ रुपये के प्रस्ताव प्रस्तुत करने चाहिए; हर साल 100 करोड़ के हिसाब से दोनों जिलों को 300 करोड़ का बजट
नितिन तोरस्कर
मुंबई- रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग जिलों को ‘सिंधुरत्न समृद्धि ’पायलट योजना के माध्यम से हर साल 100 करोड़ के अनुसार तीन सालों में 300 करोड़ रुपये दिए जाएंगे! इस निधि के लिए, दोनों जिलों को पहले चरण में प्रत्येक 75 करोड़ रुपये की विकास योजनाओं का प्रस्ताव तुरंत पेश करना चाहिए! बुधवार 31 मार्च एक बैठक में राज्य के उपमुख्यमंत्री अधिकारियों को संबोधित करते हुए बता रहे थे!

योजनाओं पर प्राथमिकता
राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने इस बीच यह भी जानकारी दी कि, “प्रस्ताव प्रस्तुत करते समय, पर्यटन विकास, मत्स्य विकास, कृषि आधारित उद्योगों के विकास पर जोर दिया जाना चाहिए साथ ही, सार्वजनिक विकास और रोजगार सृजन योजनाओं को व्यक्तिगत योजनाओं पर प्राथमिकता दी जानी चाहिए!” उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने इस समय निर्देशित करते हुए यह भी कहा कि, “गवर्नमेंट फिशरीज कॉलेज, रत्नागिरी में झींगा हैचरी परियोजना का प्रस्ताव तत्काल प्रस्तुत किया जाए!”
रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग जिलों में ‘सिंधुरत्न समृद्धि योजना’ के प्रभावी कार्यान्वयन पर बुधवार को उपमुख्यमंत्री अजित पवार की अध्यक्षता में, महाराष्ट्र मंत्रालय में एक बैठक का आयोजन किया गया था! जो की बैठक उपमुख्यमंत्री के समिति हॉल में आयोजित किया गया था! इस अवसर पर बैठक में भाग लेने के लिए, सिंधुदुर्ग के उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री तथा अभिभावक (पालक) मंत्री उदय सामंत, अतिरिक्त मुख्य सचिव (योजना) देबाशीष चक्रवर्ती, रत्नागिरी के जिला कलेक्टर लक्ष्मी नारायण मिश्रा (वीडियो कान्फ्रेंस के ज़रिए), जिला कलेक्टर सिंधुदुर्ग के. मंजुलक्ष्मी (वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से) मौजूद थे!

पर्यटन विकास की संभावनाएं
राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने इस बैठक में निर्देश देते हुए कहा कि, “सिंधुदुर्ग और रत्नागिरी के स्वच्छ समुद्र तटों और प्राकृतिक समृद्धि को ध्यान में रखते हुए, इन दोनों जिलों में गोवा की तर्ज पर पर्यटन विकास की काफी संभावनाएं हैं! इसका उपयोग स्थानीय युवाओं को रोजगार निर्माण के लिए किया जाना चाहिए! रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग जिलों में आर्थिक समृद्धि लाने के लिए पर्यटन व्यवसाय यहां सही साबित हो सकता है, इसके लिए जिला प्रशासन को प्रयास करना चाहिए!” उन्होंने यह भी सूचित किया कि, “समुद्र तटों की स्वच्छता, पर्यटकों के लिए विश्रामगृह और आवश्यक सुविधाओं पर जोर दिया जाना चाहिए!”
इस बीच राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने सिंधुरत्न योजना के तहत रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग जिलों को 75 करोड़ रुपये की सार्वजनिक विकास योजनाओं के प्रस्तावों को प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है! “सिंधुरत्न समृद्धि” योजना के तहत, दोनों जिलों को हर साल 100 करोड़ रुपये और तीन साल में 300 करोड़ रुपये दिए जाएंगे! उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने राज्य के बजट में भी इसकी घोषणा की है!

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