न्यूज़ डेस्क
महाराष्ट्र– देश के कई राज्यों में मौसम ने करवट ले ली है और बेमौसम बरसात देखने को मिल रही है। वहीं, महाराष्ट्र के अकोला में भी बेमौसम बारिश ने कहर बरपाया हुआ है। अकोला जिले के अकोला, तेल्हारा, अकोट, बालापुर और पातुर तालुका में 27 दिसंबर की सुबह हल्की बारिश हुई। दरअसल, भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के नागपुर कार्यालय से जारी अलर्ट के अनुसार, 27 और 28 दिसंबर को जिले में तूफान, बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि की संभावना है। बारिश के साथ-साथ तूफानी हवा से खड़ी फसल को भारी नुकसान पहुंच सकता है। मौसम विभाग के अलर्ट जारी होने के बाद से क्षेत्र के किसान परेशान है। ऐसे में किसानों को सतर्क रहने के लिए प्रशासन ने अपील की है। (Devastation due to unseasonal rain in Maharashtra, damage to cotton along with gram, wheat, pigeon pea and fruits)
फसलों को नुकसान ..
इस बेमौसम बरसात के कारण खरीफ फसल में अरहर, कपास और रबी फसलों में चना, गेहूं, प्याज और फलों के उत्पादन पर भारी नुकसान पहुंचने की आशंका जताई जा रही है। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि यदि ओलावृष्टि होती है, तो इन सभी फसलों को गंभीर नुकसान हो सकता है। इसके लिए किसानों को सतर्क रहने को कहा गया है। (Devastation due to unseasonal rain in Maharashtra, damage to cotton along with gram, wheat, pigeon pea and fruits)
किसानों के लिए अपील ..
जिला प्रशासन ने किसानों को सतर्क करते हुए कई अलग-अलग सुझाव दिए हैं, जिनमें ये सुझाव शामिल हैं। (Devastation due to unseasonal rain in Maharashtra, damage to cotton along with gram, wheat, pigeon pea and fruits)
- कटी हुई फसलों को सुरक्षित रखें: जिला प्रशासन का सुझाव है कि खेतों में रखे हुए कटे फसलों को जल्द से जल्द सुरक्षित स्थानों पर ले जाएं।
- बाजार समिति में सावधानी बरतें: यदि उत्पादों को मंडी में बिक्री के लिए लाया गया है, तो उन्हें अच्छे से ढककर रखें।
- सुरक्षित स्थानों पर रहें: इसके अलावा जिला प्रशासन ने सुझाव दिया है कि वज्रपात और ओलावृष्टि से बचने के लिए सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं।
- पेड़ के नीचे न खड़े हों: बिजली चमकते समय पेड़ों के नीचे खड़े होने से बचें।
- मोबाइल बंद रखें: बिजली गिरने की स्थिति में मोबाइल उपकरणों का उपयोग न करें।
किसानों को हो गई चिंता ..
यहां पर किसान इस बेमौसम बरसात से काफी चिंता में हैं। उनका कहना है, कि पहले से ही बढ़ती लागत और बाजार में फसल के कम दाम ने उन्हें मुश्किल में डाल दिया है। ऐसे में अब प्राकृतिक आपदा से नुकसान की संभावना उनके लिए और कठिनाई खड़ी कर दिया है। वहीं, विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले दिनों में लगातार हो रहे मौसमी बदलाव के कारण किसानों की समस्या और भी बढ़ सकती है। (Devastation due to unseasonal rain in Maharashtra, damage to cotton along with gram, wheat, pigeon pea and fruits)
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