इस्माइल शेख
मुंबई- भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (Anti-Corruption Bureau) ने शनिवार को अंधेरी पूर्व में बृहन्मुंबई महानगर पालिका (MCGM) के के-ईस्ट वार्ड से जुड़े एक कार्यकारी अभियंता को कथित तौर पर 50 लाख रुपये की रिश्वत मांगने और स्वीकार करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। साथ ही जांच के दौरान एसीबी (ACB) को इंजीनियर के आवास से करीब 1 किलो 200 ग्राम सोने के आभूषण और 1.13 करोड़ रुपये नकद भी मिले हैं। (Mumbai BMC Corruption News)
आरोपी की पहचान 57 वर्षीय सतीश विश्वनाथ पवार के रूप में हुई है। एन्टीकरप्शन ब्यूरो मुंबई के अधिकारियों के मुताबिक, उन्हें एक निजी कंपनी के प्रतिनिधि से शिकायत मिली थी कि उन्होंने कंपनी परिसर के बाहर 5,000 वर्ग फुट का शेड बनाया है। (BMC Executive Engineer Shatish Vishvanath Pawar Corruption News)
एसीबी मुंबई के अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक, बृहन्मुंबई महानगर पालिका (MCGM) के के-ईस्ट वार्ड कार्यालय ने कंपनी को शेड के संबंध में 13 अक्टूबर को नोटिस जारी कर दावा किया था कि यह अवैध है। कंपनी ने 19 अक्टूबर को नोटिस का जवाब दिया, जिसके बाद 28 अक्टूबर को बीएमसी अधिकारियों ने शेड को गिराने की प्रक्रिया शुरू कर दी। (Mumbai Andheri BMC News)
BMC इंजीनियर ने मांगा 50 लाख की रिश्वत
बाद में कंपनी के प्रतिनिधि ने पवार को मीटिंग के लिए बुलाया। एसीबी मुंबई के प्रमुख विजय पाटिल ने जानकारी देते हुए कहा, कि “मीटिंग में, बीएमसी इंजीनियर पवार ने कार्रवाई को रोकने के लिए 50 लाख रुपए की मांग की। चूंकि शिकायतकर्ता ने पैसे का भुगतान करने का इरादा नहीं किया था, इसलिए उसने 31 अक्टूबर को एसीबी से संपर्क किया और अगले दिन एसीबी ने पैसे की मांग की पुष्टि कर दी।” (Maharashtra Corruption News)
Mumbai Anti Corruption
एसीबी अधिकारियों ने शुक्रवार देर रात माहिम में एक सड़क पर शिकायतकर्ता से रुपये लेते हुए पवार को गिरफ्तार कर लिया। एसीबी मुंबई प्रमुख विजय पाटिल ने बताया, कि तलाशी के दौरान, हमें कई संपत्तियों के दस्तावेज भी मिले हैं, जिनका विश्लेषण किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा, कि “हम उसकी संपत्ति के स्रोत की भी पुष्टि कर रहे हैं।” Maharashtra News)
एसीबी अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने पवार को एक अदालत में पेश किया, जहां से आरोपी को चार दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। बृहन्मुंबई महानगर पालिका (Bombay Municipal Corporation) केे कार्यकारी अभियंता (Executive Engineer) पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 7 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। आप को बता दें, कि यह धारा आधिकारिक अधिनियम के संबंध में कानूनी पारिश्रमिक के अलावा अन्य रिश्वत लेने के लिए दर्ज किया जाता है। (Corruption News Mumbai)
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