गलत ई-चालान कट गया तो इसकी शिकायत कैसे और कहां करें ?

अगर आप की गाड़ी का गलत ई-चालान कट गया है तो इसकी शिकायत कहां और कैसे करें। इसको समझने के लिए ई-चालान सिस्टम कैसे काम करता है ये जान लें।

डिजिटल डेस्क इंडियन फास्ट्रैक
आप अगर कोई गाड़ी चलाते हैं तो चालान प्रक्रिया से आप जरुर वाकिफ होंगे। चालान प्रक्रिया बताने से पहले हमारे दोस्त किशन से जुड़ा एक किस्सा सुनाते हैं। वो साहब एक शाम अपनी पत्नी के साथ मॉल जाने के लिए निकले। मॉल पड़ोस में ही था तो उन्होंने हेलमेट पहनना जरूरी नहीं समझा। रास्ते में एक चौराहा था। वहां पुलिस भी तैनात थी। लेकिन पुलिस ने उसे नहीं रोका। वो खुश हो रहा था कि चलो बच गए। लेकिन उसे ये नहीं पता था कि उस दौरान एक पुलिसवाले ने उसका फोटो ले लिया था। बाद में उसे चालान का एसएमएस मिला। लिखा था कि इसे आप ऑनलाइन भर सकते हैं।

दरअसल, आजकल ई-चालान होने लगे हैं! एक जमाना था जब पुलिसवाले हाथ देकर वाहन को रोकते थे, कागज मांगते थे। नहीं दिखाने पर एक फॉर्म भरते थे, तब जाकर चालान होता था। इस दौरान लाइसेंस या कोई अन्य कागज जब्त कर लिया जाता था जिसको छुड़ाने के लिए ट्रैफिक पुलिस के दफ्तर जाना पड़ता था। देरी होने पर कोर्ट का चक्कर भी लग जाता था। लेकिन अब पुलिस वालों को भी पहले जैसी मशक्कत नहीं करनी पड़ती और गाड़ी मालिक को भी पसीना नहीं बहाना पड़ता। ये सारे काम अब ऑनलाइन ही हो जाते हैं।

Advertisements

कितना आसान हुआ काम?

ये जानने के लिए हमने कई अलग-अलग जगहों के ट्रैफिक पुलिसवालों से बात की। नौकरी का हवाला देकर उन्होंने नाम छुपाने को कहा। लिहाजा हम उनके नाम तो नहीं बता रहे, लेकिन उन्होंने जो कहा वो बता देते हैं। एक ट्रैफिक पुलिसवाले ने हमें बताया, कि “मैं लंबे वक्त से चालान काट रहा हूं। लोग कागज लेकर नहीं चलते। चालान करो तो गुस्सा दिखाते हैं। कई बार तो लड़के बाइक से भाग जाते। जितनी देर में एक का चालान बनाओ, ट्रैफिक जाम की स्थिति बन जाती। ये ई-चालान ने हमारा काम आसान कर दिया। ऐप पर सारी डिटेल होती है। नाम, नंबर, चेसिस नंबर, इंजन नंबर, सब कुछ होता है। फोटो डाला और तेजी से प्रक्रियाओं का पालन करके चालान कर दिया। मेसेज सीधे गाड़ी मालिक के पास जाता है। सबसे बड़ी बात पहले चौराहे पर खड़े पुलिसवाले को गलत समझा जाता था। अब कोई ऐसा आरोप नहीं लगा सकता।”

ये तो पुलिसवालों का काम आसान हुआ, लेकिन जनता को क्या फायदा हुआ? एक डॉक्टर बताते हैं कि उनको चालान का मेसेज मिला। लालबत्ती जंप करने का। 500 का चालान था। उन्होंने पोर्टल खोला, चालान नंबर डाला और ऑनलाइन पेमेंट कर दिया। हाथोंहाथ रसीद भी मिल गई। ये सब कितना आसान था? वो कहते हैं- कुछ ऑनलाइन ऑर्डर करने जितना आसान लगा। पहले जैसा सिस्टम होता तो मैं क्लीनिक छोड़कर जाता, लाइन में लगता, टेबल-टेबल पूछताछ करता, लेकिन अब इंटरनेट का जमाना है। अब ये काम कैब बुक करने जैसा आसान बना दिया गया है।

एक देश एक चालान?

ई-चालान की बात चल रही है तो हमने इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए आधिकारिक पोर्टल खोला- echallan.parivahan.gov.in इस पोर्टल पर नीचे की ओर लिखा था ‘वन नेशन वन चालान’। इसका मतलब क्या हुआ ये समझने के लिए हमने एक असिस्टेंट रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिसर (ARTO) से बात की जो इन दिनों अपनी ड्यूटी पर तैनात हैं। वो भी नाम नहीं बताना चाहते थे। लिहाजा हम उनकी पहचान जाहिर नहीं कर रहे। उन्होंने कहा,”ये जो ऐप पुलिस के स्मार्टफोन में है, ये NIC ने बनाया है। हर राज्य का अपना अलग ऐप है। लेकिन इसमें जो जानकारी है वो NIC द्वारा तैयार की गई है। चालान से आने वाला पैसा राज्य सरकार के पास पहुंचता है इसलिए हर राज्य का अपना-अलग एप्लिकेशन है। मान लीजिए कि आप राजस्थान के रहने वाले हैं और आपका चालान गुजरात में कटता है तो वो पैसा गुजरात सरकार के राजकोष में जाएगा। आप चाहें कश्मीर के हों या फिर केरल के, चाहे असम के हों या महाराष्ट्र के, आपका चालान काट रहे पुलिसवाले के पास आपकी हर डिटेल होगी। लेकिन पैसा उसी राज्य के राजकोष में जाएगा जहां चालान कटा है।”

यानी आपके वाहन के प्रदूषण से लेकर इंश्योरेंस तक के बारे में वो ट्रैफिक पुलिसवाला जानता होगा जिसने आपको रोका है। लेकिन ये जानकारी उनके ऐप में पहुंची कैसे? इसका जवाब हमें मिला ई-चालान के पोर्टल पर जहां लिखा है कि ‘वाहन’ और ‘सारथी’ ऐप से इस ऐप को जोड़ा गया है, ताकि हर डिटेल चालान ऐप को मिल सके। सारथी (sarathi.parivahan.gov.in) और वाहन (vahan.parivahan.gov.in) सरकारी पोर्टल हैं। इनमें सारथी, ड्राइविंग लाइसेंस के बारे में जानकारी देता है और वाहन आपके वाहन से जुड़ी जानकारी चालान ऐप को मुहैया कराता है।

गड़बड़ी होने पर क्या करें?

चालान कटने पर कई लोगों को लगता है, कि उनका चालान कटना सही नहीं था। वे कहते हैं कि जरूर कोई गड़बडी़ हुई होगी। खबरें तो ऐसी भी आती हैं कि गुजरात में खड़ी गाड़ी का महाराष्ट्र में चालान कट गया। राजस्थान में खड़ी कार का मुंबई में चालान हो गया। ऐसे में सवाल उठता है, कि क्या इस प्रक्रिया में सब अच्छा ही अच्छा है? इसका जवाब तलाश करने के लिए हमने और एक ट्रैफिक पुलिस अधिकारी से बात की। उन्होंने भी नाम छिपाने की शर्त पर बताया, कि “मान लें कि आपकी गाड़ी का नंबर MH 02 से शुरू होता है और पुलिसवाला इसका चालान बना रहा है। लेकिन मानवीय चूक के कारण 02 की जगह 01 या और कोई सिलेक्ट हो गया तो  चालान गलत हो सकता है। आपकी गाड़ी का नंबर जो भी है, अगर उसका एक डिजिट भी गलत हो गया तब भी गलती हो सकती है। रोजाना देशभर में हजारों चालान होते हैं, एक दो गलतियां तो होंगी ही। ये मानवीय चूक होती हैं और इनका उद्देश्य किसी को परेशान करना नहीं होता। साथ ही जैसे ही गलती पता चलती है उसे तत्काल सुधार लिया जाता है।”

शायद आगे चलकर ऐसी गलतियां भी ना हों! ARTO ने हमें बताया, कि आगे चलकर HSRP में गलती की गुंजाइश ही नहीं होगी। HSRP यानी हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट्स। अधिकारी बताते हैं, कि आने वाले समय में चालान फोटो के जरिए नहीं इसी HSRP के जरिए होंगे। उन्होंने कहा, कि “ऐसी चर्चा है कि आने वाले समय में HSRP पर QR कोड जैसा कुछ स्कैन करना होगा। इससे गलतियों की तमाम आशंकाएं खत्म हो जाएंगी। लेकिन फिलहाल भी गलतियां ना के बराबर ही हैं। इसी बात से आप अंदाजा लगा लें कि गलती होने पर आप मीडिया वाले खबर बना देते हैं। वैसे वर्तमान सिस्टम काफी अच्छा है और इसे लगातार बेहतर बनाया जा रहा है।”

एक ट्रैफिक पुलिस कर्मचारी ने कहा कि अगर कोई गलती हो जाती है तो भी लोगों को परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है। वे ऑनलाइन ही शिकायत दर्ज करा सकते हैं। यही नहीं हर राज्य की अपनी हेल्पलाइन भी है। वहां भी शिकायतें दर्ज कराई जा सकती हैं। हर शिकायत की जांच होती है और जल्द से जल्द उसका निपटारा सुनिश्चित करना होता है। तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। ऐसा होने पर आप मेल करें, फोन करें, ऑनलाइन फॉर्म भर दें। शिकायत पर तुरंत कार्रवाई होगी।

शिकायत कहां करें ?

हिंदी, मराठी या किसी अन्य भाषा में नंबर प्लेट लगवाने पर चालान होता है। केवल HSRP नंबर प्लेट ही मान्य हैं।
प्लेट पर छपे नंबरों के साथ छेड़छाड़ करने पर भी चालान होता है। इसलिए नंबरों को तोड़ मरोड़कर शब्द ना बनाएं।
आप अपने कागज डिजी लॉकर में रख सकते हैं और मांगने पर इनको दिखा सकते हैं।
अगर आपके चालान को लेकर कोई आपत्ति है तो echallan.parivahan.gov.in/gsticket पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं।


Discover more from  

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisements
Scroll to Top

Discover more from  

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading