अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के किमतों पर हो रहे वार..

संवाददाता- (इस्माइल शेख)
मुंबई-
कच्चे तेल पर उत्पादन को लेकर सऊदी अरब और रूस के बीच विवाद बढ़ता जा रहा है! जिसके कारण तेल के दामों में लगातार गिरावट की खबरें आरही है, परिणामस्वरूप, अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में लगभग 30 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिल रही है! इस समय भारत में कच्चे तेल की कीमत में अंतर्राष्ट्रीय गिरावट से पेट्रोल और डीजल के दाम में 5 से 6  रुपये प्रति लीटर की गिरावट देखी जा रही का है!

आईओसीएल से मिली जानकारी के अनुसार देश के चारों महानगरों में पेट्रोल के दाम में 30 पैसे से लेकर 31 पैसे प्रति लीटर की कटौती देखने को मिली है! वहीं डीजल की कीमत में 25 पैसे से लेकर 27 पैसे प्रति लीटर तक कटौती हुई है!

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कोरोना वायरस बना बहस का मुद्दा..
चीन से निकला कोरोना वायरस अंतर्राष्ट्रीय बाजार को भी नीगलने की कोशिश कर रहा है! खासकर अंतर्राष्ट्रीय तेल बाजार में, कोरोना वायरस ने कच्चे तेल के बाजार को भी प्रभावित किया है! कच्चे तेल निर्यातक देशों के ओपेक संगठन के उत्पादन में गिरावट पर चर्चा के लिए हाल ही में एक बैठक आयोजित की थी! जिसमें बहस के दौरान मुद्दा था, कि कोरोना वायरस ईंधन की मांग को कम करेगा! कारण वायरस के चलते लोग यात्रा कम करने वाले है! इसलिए ओपेक की बैठक में चर्चा की गई थी! हालांकि, कोरोना और तेल खपत के मुद्दे पर रूस सहमत नहीं था! साथ ही सऊदी अरब और रूस कच्चे तेल के उत्पादन में कमी पर सहमत नहीं हुए हैं! परिणामस्वरूप, अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें लगातार गिर रही हैं! सऊदी अरब और रूस दोनों ही देश कच्चे तेल निर्यातक के रुप में प्रमुख माने जाते हैं!

किमतों में गिरावट कहां से..
सऊदी अरब और रूस में तेल की किमतों पर युद्ध शुरू हो गया है! 1991 के बाद से पहली बार कच्चे तेल की कीमत सबसे निचले स्तर पर आई है! विश्व बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में 14.25 डॉलर की गिरावट आई है। कच्चे तेल की कीमतें अब 31.02 डॉलर प्रति बैरल मिल रहा है!

अंतर्राष्ट्रीय बाजार में ओपेक का संगठन..
ओपेक उन देशों का संघ है जो तेल का निर्यात करते हैं! इस संघ में 3 देश हैं, यह संगठन तेल की कीमतों पर भारी राजस्व उत्पन्न करता है! इसमें सऊदी अरब को इन देशों का प्रमुख माना जाता है! दुनिया के तेल उत्पादन का लगभग 44 प्रतिशत ओपेक देशों द्वारा उत्पादित किया जाता है! इन देशों में दुनिया के तेल भंडार का 81.5 प्रतिशत हिस्सेदारी है!


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