कोरोना महामारी काल में जातीय हमले से त्रस्त वंचित बहुजन आघाडी ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर निष्पक्ष जांच और कार्यवाही की मांग किया!

सुरेंद्र राजभर
मुंबई-
पूरा महाराष्ट्र एक तरफ कोविंद-19 से बेजार है, त्राही-त्राही कर रहा है! ऐसे में वंचित बहुजनों पर पूरे महाराष्ट्र में जानलेवा हमलों की जैसे बाढ़ आ गई है! वंचित बहुजन आघाडी के कांदिवली तालुका सचिव अंकुश जाधव, विलास शिरसाठ, प्रवीण मोरे तथा मागाठाणे तालुका महासचिव पंडित कोकणे, तालुका सचिव सुरेंद्र राजभर, शहामत शेख ने समता नगर पुलिस थाने में पत्रक देकर राज्य के मुख्यमंत्री से घटनाओं और हमलों की निष्पक्ष जांच करने की मांग करते हुए राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख द्वारा आरोपियों को बचाने के आरोप लगाए हैं! वंचित बहुजन आघाडी ने जिलाधिकारी, तहसीलदार को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा!

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पत्रक दिखाते हुए अंकुश जाधव ने बताया, कि ‘कोरोना संक्रमण के चलते जहां महाराष्ट्र की जनता त्राही-त्राही कर रही है, वहीं उच्च वर्ग के लोगों द्वारा वंचितों को जातिसूचक गालियों से सिर्फ नवाजा ही नहीं जा रहा, बल्कि उन पर जगह-जगह प्राण लेवा हमले भी किए जा रहे हैं, जिसकी जांच पुलिस निष्पक्ष होकर नहीं कर रही और ना कोई कार्यवाही कर रही है! क्योंकि उस पर राज्य के गृह विभाग का दबाव है! वंचित बहुजन आघाडी ने अपने चार पृष्ठ वाले पत्रक में घटनाओं, हमलों के पूरे विवरण भी दिए हैं, जिसके अनुसार नागपुर के अरविंद बनसोडे की 27 मई 2020 को उच्च वर्गों ने बीच सड़क पर हत्या कर दी, जो बहुजन समाज का था! पुणे का बहुजन तरुण विराज जगताप 6, 7 उच्च वर्गीय लोगों द्वारा मौत के घाट उतार दिया गया! भंडगांव के दलित दगडू धर्मा सोनवणे के घर पर 7 जून 2020 को उच्च वर्ग द्वारा हमला किया गया घर की औरतों के अंग पर हाथ डालकर शीलभंग की कोशिश और जान से मारने की धमकी! साळापुरी के पांच बौद्ध तरूणों पर प्राणघातक हमला किया गया उनको मृत समझ छोड़ कर चले गए लोग!

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कोरेगांव के राहुल अडसूल को जातिसूचक गालियां दी गई, जिसकी तक्रार नोंद की गई है! बीड़ जिले में पारदी समाज की तिहरी हत्या से पूरा राज्य हिल गया था! चंदनापुरी के बौद्ध परिवार को 20 से 25 लोगों ने मारा पीटा और जातीय गालियां भी दी! मंठा में एक दलित शिक्षक के साथ गाली गलौज और मारापीटा गया! यहां तक कि उसे क्षुब्ध होकर उसे आत्महत्या करनी पड़ी! उसे आत्महत्या के लिए उकसाया गया! परभणी में बौद्ध महिला सरपंच व बौद्ध परिवार के लोगों को स्कूल में ‘क्वॉरंटाईन’ किया गया! उच्च वर्ग के लोगों ने स्कूल में घुसकर उनको मारा पीटा और महिला सरपंच के पति पर जानलेवा हमला भी किया गया! औरंगाबाद में प्रेम प्रकरण में तरुण के कुटुंबों की हत्या की गई! साळापुरी के तरुण बौद्ध युवा पर प्राणघातक हमला किया गया! जून की 12 तारीख को बीड में होलार समाज के एक व्यक्ति पर जानलेवा हमला किया गया! उपर्युक्त सभी हमलों में लिप्त आरोपियों को पुलिस पर स्थानीय विधायक, पालक मंत्री और खुद गृहमंत्री द्वारा बचाए जाने के सीधे आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री से सभी हमलों की जांच का ब्यौरा मांगते हुए अनुसूचित, अनुसूचित जनजाति के विरुद्ध हमले की निवारक नियम कानूनों को सार्वजनिक करने की भी मांग की! तत्संबंध में गृह विभाग के आदेश के प्रकाशन की भी मांग करते हुए पुणे, अहमदनगर, बीड, नागपुर सहित राज्य के सभी जिलों में त्वरित न्यायालय स्थापित करने, सक्षम निष्पक्ष पुलिस निरीक्षक से जांच कराने और एससी, एसटी, के पीड़ितों को सरकारी वकील मुहैया करने की भी मांग की है! मुख्यमंत्री स्वयं संज्ञान लेकर निष्पक्ष जांच कराएं और दोषियों को दंडित कराकर दलितों में सुरक्षा की भावना जगाऐं!

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