हज़ारों करोड़ की आमदनी का लालच देकर करोडन का चूना लगाने वाला अंतरराष्ट्रीय गिरोह पकड़ा गया।

सुरेंद्र राजभर
मुंबई-
विभिन्न लोग भिन्न- भिन्न क्षेत्रों में एंटीक मैटेरियल के कॉपर रेडनियम मिलने का झूठफैलाकर करोडन रुपये चुना लगाते थे।

पुलिस रिपोर्ट में बताया गया कि 9 लोगों का एक अंतरराष्ट्रीय गिरोह जिसमें 32 से 58 वर्ष के लोग शामिल थे। जो पैसेवालों को अधिक पैसा कमाने का ख़्वाब दिखाकर ठगते थे।

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फ़रियाद मिलने पर मुंबई क्राईम ब्रांच की यूनिट 11 ने जांच करने के पूर्व गु.र.क्र. 56/2020 क़लम 406, 420,465,471,170,120 धाराओं के तहत जांच शुरू की। शिकायत करने वालोंकी सूचना पर टीम ने अपने उच्चाधिकारियों को सूचित कर मालाड पश्चिम के, एरंगल गाँव, स्थित एरंगल बीच, पर किनारा नामक बंगले में छापा मारा गया। वहां से 9 आरोपियों को क्राईम ब्रांच की टीम ने गिरफ़्तार किया। 

कैसे करते थे जालसाज़ी..
पुलिस के अनुसार सारे आरोपी मिलकर फ्रैंकलिन पॉवर मैटेरियल्स हैंडलिंग सेंटर, सुप्रियो इंटरनेशनल सेंटर, एवेन्यू एंटिक इंटरनेशनल, एवन मेटल ऑर्गेनाइजेशन और टाइनस इंटरनेशनल एंटिक एंड मेटल प्रायवेट लिमिटेड नामक कम्पनी बनाकर लोगों को लालच देते थे। वे लोग कहते थे कॉपर इरेडियम बहुत ही महंगी वस्तु है जिसकी अंतरराष्ट्रीय कीमत 30 से 35 हज़ार करोड़ रुपये है। जिसकी मांग अमेरिका का नासा, इंडिया का इसरो डीआरडीओ जैसे तमाम संस्थान ख़रीदते हैं, जिसका उपयोग सेटेलाईट, मिसाइल्स, बोइंग विमानों के पार्ट बनाने के काम में आता है। इसलिए इसकी अंतर्राष्ट्रीय व्यवहार में किमत काफी ज्यादा होती है।

कैमिकल का इस्तेमाल डेमो का उपयोग..
आरोपी भ्रम फ़ैलाकर साथ ही राइस पुलर पद्धति से प्रत्यक्ष डेमो दिखाकर विश्वास जमाते थे। जिसके अनुसार कैमिकल क्रिया किये गए चावल के दाने से धातु को आकर्षित करने का प्रयोग करते थे। प्रत्यक्ष देखने वालों पर विश्वास जमाकर उनसे 10 लाख रुपये ऐंठ लिए थे। शेष रक़म लेकर कॉपर इरेडियम देने के लिए मालाड पश्चिम के एरंगल स्थित बंगले में बुलाया था। शंका होने पर फरियादी क्राइम ब्रांच 11 पहुंचकर रपट दर्ज़ कराई।

पुलिस की छापेमारी..
पुलिस के अनुसार उक्त बंगले से 9 लोगों की गिरफ्तारी की गई। साथ में राइस पुलर मशीन। सेलो टेप से पैक किये पैकेट्स और कुछ धातुएं बरामद की गई। आरोपी फ़र्ज़ी कम्पनियों के फ़र्ज़ी कागजपत्र, आईडी कार्ड वगैरह दिखाकर विश्वास जमाते थे। पुलिस ने यह नहीं बताया कि क्या कोई रक़म भी आरोपियों के पास से मिली है या नहीं।

खुलासे में अहम किरदार..
केस सुलझाने में स.पो. आयुक्त (गुंहे) संतोष रस्तोगी एवं पो.उप-आयुक्त प्रकटीकरण-1 दत्ता नालावड़े के मार्गदर्शन में यूनिट 11 के प्रभारी पो.नि.चिमाजी आढाव, रईस शेख, सलिल भोसले,शरद झीने आदि दर्जनों पुलिसकर्मियों ने 48 वर्षीय गुजरात में सूरत का रहने वाला आरोपी सोबीत कुमार कंपनी का मालिक, महाराष्ट्र पुने का रहने वाला साईन्टिस 38 वर्षीय मनीष नरेश मित्तल, मुंबई से सटे मीरा-रोड़ का रहने वाला 54 वर्षीय आरोपी कंपनी का कॉडीनेटर संजय रामसेवक चौधरी, भिवंड़ी का रहने वाला साईन्टिस 38 साल के आरोपी उत्तम कचरे माधवी, केरला का रहने वाला कंपनी का कॉडीनेटर 43 वर्षीय नीरज अहमद कुंजतूर अब्दुल रहमान, मुंबई के कांदिवली का रहनेवाला कंपनी का कॉडीनेटर 32 साल के आरोपी सुधीर श्रीकृष्णा ठाकुर, डोंबिवली का रहनेवाला 49 वर्षीय आरोपी नीलेश सदानंद दलवी को शीघ्र गिरफ़्तार करने और सामान की बरामदगी में मुंबई क्राईम ब्रांच यूनिट 11 की टीम ने सफ़लता पाई है! पुलिस ने बताया, कि इससे पहले भी इस गिरोह ने ऐसे ही फंसाकर 8 करोड़ रुपये तक की हेराफेरी की है! ऐसी जानकारी आरोपीयों ने कबूल किया है जिसपर जांच की जा रही है! 


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