उर्दू स्कूल में महिला टीचरों के साथ यौन उत्पीड़न, मायनोरेटी कमिशन के इंस्पेक्शन से खुली पोल, FIR दर्ज

महाराष्ट्र मायनोरेटी कमिशन के अध्यक्ष प्यारे जिया खान ने मंगलवार को पातुर स्थित एक सरकारी स्कूल का दौरा किया, जहां कुछ महिला टीचरों ने यौन उत्पीड़न के साथ सेलरी में कमिशन खाने पर शिकायत की थी। दौरा पूरा होते ही पुलिस ने किया मामला दर्ज। (Sexual harassment of female teachers in Urdu school, inspection of Minority Commission exposed, FIR registered)

महाराष्ट्र: अकोला जिले में पुलिस ने एक सरकारी उर्दू माध्यम स्कूल के पदाधिकारियों के खिलाफ यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज किया है। कार्रवाई उस वक्त अंजाम दी गई, जब राज्य अल्पसंख्यक आयोग की टीम ने अचानक उस संस्थान का दौरा किया। शिकायत में कहा गया, कि प्रिंसीपल महिला टीचरों के साथ यौन उत्पीड़न के अलावा मार पीट भी किया करता था और सेलरी के पैसों में से 20 से 30 प्रतिशत पैसे कांट लिया करता था। (Sexual harassment of female teachers in Urdu school, inspection of Minority Commission exposed, FIR registered)

सरकारी स्कूल का दौरा

महाराष्ट्र अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष प्यारे जिया खान ने मंगलवार को अकोला जिले के पातुर स्थित सरकारी स्कूल का दौरा किया, जहां कुछ महिला टीचरों ने शिकायत की थी कि उन्हें उत्पीड़न और धमकियों का सामना करना पड़ रहा है। पीड़ित महिला टीचर्स ने आरोप लगाया कि स्कूल प्रबंधन ने उनसे उनके वेतन का 20-30 प्रतिशत जबरन वसूल लिया करता है। आयोग के अध्यक्ष प्यारे जिया खान ने इस मामले को बेहद गंभीरता से लिया। उनके दौरे के फौरन बाद पातुर पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज की गई। (Sexual harassment of female teachers in Urdu school, inspection of Minority Commission exposed, FIR registered)

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पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज

इस मामले में चार आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 74 (महिला के साथ मारपीट या आपराधिक बल का प्रयोग, उसकी गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से), 75 (यौन उत्पीड़न), 296 (अश्लील कृत्य) और 308 (2) (जबरन वसूली) के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। हालांकि अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। (Sexual harassment of female teachers in Urdu school, inspection of Minority Commission exposed, FIR registered)

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आयोग के अध्यक्ष ने क्या कहा?

मीडिया से बात करते हुए आयोग के अध्यक्ष प्यारे जिया खान ने दावा किया कि उन्हें अपने औचक निरीक्षण के दौरान कक्षाओं में न तो बच्चे मिले और ना ही टीचर्स मिले। एक ही परिसर में दो स्कूल अवैध रूप से चलाए जा रहे हैं और महिलाओं के साथ उत्पीड़न की घटनाएं हुई हैं। प्यारे जिया खान ने कहा कि सरकार फंड तो देती है, लेकिन योजनाओं के सही तरीके से क्रियान्वयन न होने के कारण राज्य में उर्दू स्कूलों की हालत खराब है। ऐसे में लापरवाही करने वालों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। (Sexual harassment of female teachers in Urdu school, inspection of Minority Commission exposed, FIR registered)


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