इस्माईल शेख
मुंबई– प्राइवेट स्कूल में पढ़ रहे स्कूली छात्रों की फीस बढ़ोतरी के मामले अक्सर आते रहते हैं। वहीं, मनमाने तरीके से बढ़ाई जाने वाली फीस की शिकायतें भी खूब मिलतीं हैं। लेकिन अब फीस नहीं भरने पर बच्चों को फर्श पर बिठाने की शिकायत बच्चों के लिए मानसिक प्रताड़ना साबित हो रही है। एक या दो दिन नहीं पूरे 4 महिनों तक स्कूल प्रशासन ने बच्चे को कथित तौर पर क्लास के बाहर फर्श पर बिठाया। फीस नहीं भरने पर बच्चे और उनके पैरेंट्स के साथ किए जाने वाले इस शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न के बर्ताव का मामला दर्ज कराया गया है। Private Schools Fee Issue
दरअसल, देश की आर्थिक राजधानी मुंबई (Mumbai) के एक इंग्लिश मीडियम स्कूल का मामला सामने आया है। छात्र की मां द्वारा दी गई पुलिस कंप्लेंट के आधार पर स्कूल के प्रधानाध्यापक (the headmaster) और उसकी दो अध्यापिकाओं (female teachers) के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। Private Schools Fee Issue
Private Schools Fee Issue
द इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक स्कूली छात्र की मां की ओर से पुलिस में स्कूल प्रशासन के खिलाफ कंप्लेंट दी गई थी। इस शिकायत के आधार पर पुलिस ने सोमवार को मुंबई के एक अंग्रेजी माध्यम स्कूल के प्रधानाध्यापक (the headmaster) और दो अध्यापिकाओं (female teachers) के खिलाफ मामला दर्ज किया है। शिकायत में माता-पिता ने 8वीं कक्षा की बाकी 7,500 रुपये की फीस का भुगतान नहीं करने पर छात्र को 4 महिनों तक कथित तौर पर कक्षा के बाहर फर्श पर बिठाने का आरोप लगाया है। इसके आधार पर पुलिस ने कार्रवाई कर रही है। Private Schools Fee Issue
शिकायत में आरोप लगाया गया कि स्कूल का यह दृष्टिकोण उसके बच्चे के शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न के समान है। शिकायत में यह भी आरोप लगाया कि उसका एक और बच्चा, जो उसी स्कूल में दूसरी कक्षा का छात्र है, उसे भी फीस का भुगतान न करने पर प्राइमरी विंग की अध्यापिका द्वारा अपमानित और भेदभावपूर्ण व्यवहार का सामना करना पड़ा। Private Schools Fee Issue
क्या है परिवार की आर्थिक परिस्थिति?
पुलिस शिकायत के अनुसार, महिला के चार बच्चे हैं जिनकी उम्र 13, 12, 11 और 6 साल की है। महिला अपने पति और ससुरालवालों और बच्चों के साथ रहती है। इनमें से 3 बच्चे उसी सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त अंग्रेजी मीडियम स्कूल में पढ़ते हैं।
महिला ने शिकायत में आरोप लगाया है, कि वह बच्चों की नियमित तौर पर स्कूल फीस भरती रही थी। लेकिन उनके पति टीबी (TB) की बीमारी से पीड़ित होने के चलते काम पर नहीं जा रहे हैं। इसकी वजह से उनकी पारिवारिक वित्तीय स्थिति बिगड़ गई है। जिसकी वजह से उनके परिवार को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। महिला का आरोप है, कि स्कूल प्रशासन के निर्देशों के बाद शिक्षकों ने 8वीं के छात्र को कक्षा में नहीं आने दिया और 4 महिनों तक उसको बाहर फर्श पर बिठा कर रखा। Private Schools Fee Issue
बच्चों के साथ मानसिक प्रताड़ना..
महिला ने अपने बयान में यह भी कहा, कि अन्य बच्चों के सामने भी उनका अपमान किया गया। बच्चे को कहा गया था कि तुम जो कुछ भी सीखना चाहते हो, तुम कक्षा के बाहर बैठकर सीख सकते हो। Private Schools Fee Issue
महिला का आरोप है कि बच्चे को इस तरह से मानसिक तौर पर प्रताड़ित किया गया और भेदभावपूर्ण व्यवहार किया गया जिसके बाद बच्चा अपमानित महसूस करते हुए स्कूल जाना नहीं चाहता। मां का आरोप है, कि बच्चा अपमान होने और ताना मारने की वजह से घर पर रोता रहता है। तनावग्रस्त महसूस करता है। उसकी मानसिक स्थिति चिंताजनक हो गई है। उसको जनवरी के महीने में यूनिट टेस्ट देने की अनुमति भी नहीं दी गई थी। महिला का आरोप है, कि शिक्षकों से मिलने के बाद उनसे कहा गया, कि अगर वह बच्चों की पढ़ाई-लिखाई में सक्षम नहीं हैं तो उनको सरकारी स्कूल में पढ़ाएं। Private Schools Fee Issue
क्या है कानूनी प्रावधान ?
महिला ने अपनी शिकायत में कहा है, कि उसको बताया गया था कि जब तक फीस नहीं दी जाती स्कूल उसके बेटे को वार्षिक परीक्षा में नहीं बैठने देगा। 8वीं कक्षा के छात्र की 7,500 रुपये और दूसरी कक्षा के छात्र की 19,000 रुपये की फीस बकाया थी।
पुलिस ने किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2000 की धारा 23 (किशोर या बच्चे के प्रति क्रूरता) के तहत मामला दर्ज किया है। डीसीपी (जोन 8) दीक्षित गेदाम ने कहा कि मां द्वारा दायर शिकायत के आधार पर स्कूल के 3 व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। इन सभी आरोपों की पुष्टि की जा रही है। जांच के बाद ही आगे की कार्रवाई के बारे में निर्णय लिया जाएगा। Private Schools Fee Issue
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