- अधिकारियों ने किया मुंबईकरों पर बहुत बड़ा एहसान।
- किसी अजूबे से कम नहीं बृहन्मुंबई महानगर पालिका..
सुरेंद्र राजभर
मुंबई- कमाल की बात है। 15 दिनों में 54000 गड्ढे भरना। किसी अजूबे से कम नहीं है। मुंबई महानगर पालिका का दावा है, कि उसने मात्र 15 दिनों में ही महानगर के तीन एक्सप्रेस हाईवे सहित कुल 54000 गड्ढे भर दिए। बृहन्मुंबई महानगर पालिका ने दावे किए थे कि मानसून के पूर्व ही उसने पहले ही छः हजार गड्ढे भर दिए थे।
ऐसे में बृहन्मुंबई महानगर पालिका का दावा है, कि इससे अब कम गड्ढे पड़ेंगे लेकिन 54 हजार छोटे बड़े गड्ढे उभरना सारे दावे की पोल खोल देते हैं। मनपा यह भी दावा करती है, कि इस बार उसने जनता की शिकायतों का इंतजार नहीं किया। यानी वह कहना चाहती है, कि “अब मुंबईकरों को शिकायत कर जगाने की जरूरत ही नहीं है।” यानी बृहन्मुंबई महानगर पालिका बिना मुंबईकरों के जगाए जागती नहीं थी। सोई रहती थी। इस बार नींद से अपने आप जाग गई। सौ बार शिकायतें करने के बाद भी सोई रहने वाली बृहन्मुंबई महानगर पालिका प्रशासन अब जगाए जाने का इंतजार नहीं की। खुद जग गई और रिकार्ड समय में 54000 हजार गड्ढे भर कर मुंबईकरों पर एहसान कर दिया।

क्या है सवाल..? बृहन्मुंबई महानगर पालिका
इतनी जल्दी और भारी मात्रा में गड्ढे भरने के दावे पर भी सवाल उठेंगे ही। जैसा कि बृहन्मुंबई महानगर पालिका बहाना करती है, कि भारी वर्षा और ट्रैफिक के कारण गड्ढे भारी मात्रा में पड़ते हैं। तो सवाल यह है कि आरसीसी (RCC) की सड़कों में भी गड्ढे क्यों पड़ते हैं? साधारण सी बात है डांबर का शत्रु है पानी और जल भराव से गड्ढे पड़ेंगे ही, लेकिन सड़क बनाने की विधि में प्लास्टिक के उपयोग तक विज्ञान पहुंच गया है। लेकिन मनपा अत्याधुनिक तकनीकी का प्रयोग क्यों नहीं करती। हर बार वही गिट्टी डालकर कोरम पूर्ति करना क्या उचित है? चलो इस बार शायद चुनावी वर्ष में बृहन्मुंबई महानगर पालिका अपने आप जागी।मुंबईकरों को जगाना नहीं पड़ा। इसके लिए बृहन्मुंबई महानगर पालिका बधाई की पात्र है।
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