मुम्बई की एक पूर्व BMC अधिकारी डिजिटल अरेस्ट का शिकार हो गई। जालसाजों ने झूठी कहानी में फंसा कर पूरे 51 लाख रूपये ट्रांसफर करा लिए। अधिकारी ने किया साइबर अपराध का मामला दर्ज। (Mumbai BMC officer gets digital arrest, fraud of Rs 51 lakh)
मुम्बई: बृहन्मुंबई महानगर पालिका (BMC) के एक सेवानिवृत्त अधिकारी डिजिटल अरेस्ट का शिकार हो गई। धोखाधड़ी करते हुए एक घोटालेबाज ने उन्हें 51 लाख रुपये से अधिक का चूना लगा दिया। पुलिस के अनुसार, डोंबिवली की रहने वाली 59 वर्षीय शिकायतकर्ता पिछले साल बीएमसी के स्वास्थ्य विभाग से सेवानिवृत्त हुई थी। उन्हें जालसाज ने वाट्सएप के जरिए कॉल कर खुद को पुलिस अधिकारी बताया और गिरफ्तारी के झूठे पेपर दिखाकर पैसे ट्रांसफर करा लिये। बताया की “जांच के बाद आप के पैसे वापस कर दिए जाएंगे।” (Mumbai BMC officer gets digital arrest, fraud of Rs 51 lakh)
कैसे फंसाया?
17 जनवरी को उन्हें एक व्यक्ति का वाट्सएप कॉल आया, जिसने खुद को कोलाबा पुलिस स्टेशन से होने का दावा किया। कॉल करने वाले ने एक व्यक्ति की तस्वीर साझा की, जिसमें कहा गया कि यह एक साइबर अपराधी है और इसने अवैध पैसे ट्रांसफर करने के लिए शिकायतकर्ता (BMC अधिकारी) के बैंक अकाउंट का इस्तेमाल किया है। इस वजह से उक्त गिरफ्तार व्यक्ति के संग बीएमसी अधिकारी पर भी अपराध में शामिल होने का आरोप दर्ज हो सकता है। (Mumbai BMC officer gets digital arrest, fraud of Rs 51 lakh)
फर्जी गिरफ्तारी वारंट और कोर्ट का समन
कॉल करने वाले ने उन्हें यह भी बताया कि उनके परिवार को गिरफ्तार उक्त व्यक्ति से खतरा है। बाद में, शिकायतकर्ता को पुलिस की वर्दी पहने एक व्यक्ति का वीडियो कॉल आया। कॉल करने वाले ने पीड़िता से कहा कि उसके नाम पर कई मामले हैं और अगर वह उन मामलों को निपटाना चाहती है तो उसे पैसे देने होंगे। अगले दिन, घोटालेबाज ने वाट्सएप पर शिकायतकर्ता के साथ एक फर्जी गिरफ्तारी वारंट, कोर्ट का समन और लाभार्थी के बैंक खाते का विवरण साझा किया और कहां कि अपने अकाउंट में जमा सारे पैसे इस बैंक खाते में जांच के लिए ट्रांसफर कर दो। (Mumbai BMC officer gets digital arrest, fraud of Rs 51 lakh)
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पैसे वापस करने का आश्वासन
घोटालेबाज ने महिला को आश्वासन दिया था कि एक बार जांच प्रक्रिया पूरी होने पर अगर वह निर्दोष पाई गई, तो उसके खिलाफ मामले बंद हो जाऐंगे और उनके पैसे वापस कर दिए जाएंगे। हालांकि, कई बार कॉल करने के बावजूद जब जालसाज ने उनके कॉल का जवाब नहीं दिया, तो शिकायतकर्ता को एहसास हुआ कि उनके साथ धोखा हुआ है और उन्होंने पिछले सप्ताह ठाणे पुलिस से संपर्क किया। पुलिस ने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66सी (पहचान की चोरी) और 66डी (कंप्यूटर संसाधन का उपयोग करके धोखाधड़ी) से संबंधित विभिन्न अधिनियमों के तहत मामला दर्ज कर मामले की पड़ताल कर रही है। (Mumbai BMC officer gets digital arrest, fraud of Rs 51 lakh)
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