- राज्य में पर्यटन विकास के लिए 250 करोड़ रुपये बांटने का उप मुख्यमंत्री अजित पवार का निर्देश
- प्रदेश के दस जिलों में पर्यटन विकास के लिए प्रायोगिक आधार पर दस ‘जिला पर्यटन अधिकारी’।
- पर्यटन विकास के लिए निजी संस्थाओं की भागीदारी के लिए जिले में पर्यटन समिति स्थापित करने का निर्णय
नितिन तोरस्कर (मंत्रालय प्रतिनिधि)
मुंबई- महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने बुधवार को राज्य में महाबलेश्वर, एकवीरा देवस्थान, लोनार सरोवर, अष्टविनायक, कोंकण के समुद्री तटों जैसे पर्यटन स्थलों के विकास के लिए 250 करोड़ रुपये तुरंत वितरित करने का निर्देश दिया है। उन्होंने राज्य के दस महत्वपूर्ण जिलों में प्रायोगिक आधार पर जिला पर्यटन अधिकारियों की नियुक्ति को मंजूरी भी दे दी।
पर्यटन विकास के इस खास बैठक के दौरान जिले में पर्यटन विकास में निजी संगठनों को शामिल करने के लिए जिलों में पर्यटन समितियों की स्थापना को प्रोत्साहित करने का भी निर्णय लिया गया है। आप को बता दें, कि फिलहाल सारी तैयारीयां ये कोरोना काल के बाद के लिए पर्यटन पर ज़ोर देने के लिए किया जा रहा है।
राज्य में पर्यटन विकास परियोजनाओं की समीक्षा और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए उपमुख्यमंत्री अजीत पवार की अध्यक्षता में मंत्रालय में विशेष बैठक का आयोजन किया गया था। इस अवसर पर पर्यटन मंत्री आदित्य ठाकरे, पर्यटन राज्य मंत्री अदिति तटकरे, पर्यटन विभाग की प्रमुख सचिव वल्सा नायर सिंह, वित्त विभाग के प्रधान सचिव राजगोपाल देवरा समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
राज्य मंत्रिमंडल ने मंगलवार को पर्यटन मंत्री आदित्य ठाकरे की अध्यक्षता में राज्य की साहसिक पर्यटन नीति को मंजूरी दी थी। इसी पृष्ठभूमि में मंगलवार को राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार की अध्यक्षता में हुई बैठक के दौरान पर्यटन विकास की दृष्टि से अहम फैसला लिया गया है।
बजटीय आवंटन के 25 प्रतिशत के चरणबद्ध वितरण के अलावा 100 प्रतिशत पूर्ण पर्यटन विकास कार्यों के लिए 72 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाना चाहिए। यह भी निर्णय लिया गया कि प्रायोगिक एवं संविदा आधार पर जिला पर्यटन अधिकारियों की नियुक्ति करते समय कृषि-पर्यटन के क्षेत्र में कार्यरत विशेषज्ञों पर विचार किया जाए।
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