- कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर यौन शोषण के लगे आरोप
- दिल्ली पुलिस का रवैया गैरकानूनी और ढीलाई
- कोर्ट के आदेश पर दर्ज हुई एफ.आई.आर.
- लाइट और पानी का कनेक्शन काटना पुलिसिया अमानवियता का प्रमाण
- शराब के नशे में दिल्ली पुलिस ने महिला खिलाडियों को दी गालियां
- खिलाड़ियों की पीएम मोदी से हस्तपक्षेप की मांग
- पोस्को लगाने पर तुरंत जरूरी है आरोपी की गिरफ्तारी
सुरेंद्र राजभर
मुंबई- ओलंपिक खेलों में भारत को गोल्ड दिलाने वाली खिलाड़ियों का हमारे पीएम स्वागत करते हैं। महिला पहलवानों को हमारी बेटियां कहते है। तीन महीने पूर्व वे जंतर मंतर पर धरना देने बैठी फिर केंद्रीय मंत्री के आश्वासन दिया गया, कि उन्हें न्याय जरूर मिलेगा और वे धरने से उठ गईं। उन महिला खिलाड़ियों में एक नाबालिक है जिसका नाम है साक्षी मालिक। सभी ने कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर यौन शोषण के आरोप लगाए थे।
उक्त मामले को लेकर एक जांच कमेटी गठित की गई। जांच रिपोर्ट तैयार कर ली गई। जांच कमेटी में एक महिला पहलवान भी शामिल थी। जिसने आरोप लगाए कि उसे रिपोर्ट पूरा पढ़ने नहीं दिया गया। उसके हाथों से छीन लिया गया। शायद ऐसा इसलिए किया गया कि कहीं लीपापोती की खबर बाहर न जाने पाए और अखबारों में कहीं इसकी खबर न प्रकाशित हो जाए। शायद इसके डर से ही महिला खिलाड़ी को पूरी रिपोर्ट पढ़ने नही दिया गया और उसके हाथ से रिपोर्ट छीन ली गई।
केंद्रीय मंत्री का झूठा आश्वासन..
तीन महीने में जांच रिपोर्ट का कुछ नही हुआ। मजबूर होकर महिला रेसलरों का फिर से जंतर मंतर पर धरना शुरू हो गया। दिल्ली पुलिस का रवैया गैरकानूनी और ढीलाढाला रहा। महिला रेसलरो ने दिल्ली पुलिस के कनॉट प्लेस थाने में लिखित शिकायत की लेकिन एफ.आई. आर.नहीं लिखी गई। तब कहीं जाकर सुप्रीमकोर्ट में एफ.आई. आर.के लिए याचिका दायर की गई। कोर्ट का आदेश पाकर रात में एफ.आई.आर.दर्ज हो गई लेकिन लगता है जिस तरह जंतर मंतर की लाइट और पानी का कनेक्शन काटा गया उसमें पुलिसिया अमानवीयता का प्रमाण है।
दिल्ली पुलिस की अमानवीय हरकत
पुलिस ने धरना स्थल पर बेरिकेट लगाकर किसी को आने नहीं दिया। शराब के नशे में दिल्ली पुलिस ने महिला खिलाड़ियों को गालियां भी दी और उन्हे मारा पीटा भी गया। महिला खिलाडियों के सर भी फूटे। एंबुलेंस को आने नहीं दिया गया कुछ इस तरह के आरोप महिला खिलाडियों द्वारा दिल्ली पुलिस पर लगे है। घायल अवस्था में महिला रेसलरो को स्ट्रेचर पर लादकर ले जाया गया। इसी बीच भारी वर्षा से खिलाड़ियों के बिस्तर भीग गए। चारो तरफ कीचड़ तो सोएं कैसे? सोने के लिए फोल्डिंग खाट मंगवाई गई। पुलिस ने मर्दानगी दिखाते हुए खाट लेने नहीं दिया।
इस बीच लल्लन टॉप के पत्रकार को भी पुलिस ने खिलाड़ियों का हाल जानने से रोका। देश भर से लोग देश की शान बढ़ाने वाली बेटियों के समर्थन में आने लगे है, खाप पंचायत के प्रमुख,किसान, पूर्व आई पी एस, सैनिक, पहलवान और फिर सैकड़ों की संख्या में एडवोकेट्स आए। उन्होंने ऐलान किया कि वे हर तरह से बच्चियों की कानूनी मदद करेंगे। जहां सत्ता पक्ष धरने को विपक्षी साजिश बता रहा है तो वही यौन शोषण का आरोपी बृजभूषण शरण सिंह खुले आम लड़कियों पर झूठे आरोप लगा रहा है और कह रहा कि मोदी, अमित शाह और जे.पी. नड्डा में से कोई बोल दे तो इस्तीफा दे दूंगा।
सरकार गिरने का खतरा…
शासन डर रहा है कि यदि कहीं बृजभूषण शरण सिंह को इस्तीफा देने के लिए कहा गया तो संभव है कि अपने प्रभाव वाले जिलों के सांसदों को लेकर पार्टी से निकल गया तो सरकार गिर जाएगी। वहीं खिलाड़ी पीएम मोदी से हस्तक्षेप की मांग कर रहे है। एफआईआर दर्ज होने के बाद भी दिल्ली पुलिस ने अभी तक आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया है। जब कि नाबालिग के यौन शोषण आरोप पर पोस्को के तहत आरोप लगाने पर तुरंत गिरफ्तारी होनी ज़रूरी है। सुप्रीमकोर्ट का कानून भी यही कहता है।
सरकारी गद्दी से प्यार …
हमारी बेटियां हैं, खिलाड़ी का दंभ भरने वाले पीएम और गृहमंत्री को देश की बेटियां नहीं कर्नाटक की गद्दी प्यारी लगती है। इसीलिए सरकार आरोपी को बचा रही है। मोदी सरकार की यही सबसे बड़ी भूल साबित होगी! जो चार छः सीटों की फिक्र करने में कहीं आगामी 2024 के लोकसभा चुनाव में सैकड़ों सांसद सीट न हार जाएं और भाजपा का तिबारा पीएम बनने का ख्वाब भी अधूरा रह जाएगा।
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