- सक्षम अधिकारियों की संरक्षण में अवैध बांधकाम कराकर करोड़ों रुपये कमाने का सिलसिला जारी
- जो पकड़ा जाए भ्रस्ट, जो मैनेज कर ले
- वह ईमानदार
- भूमाफिया, मनपा गठबंधन की एक मिसाल…. मनपा का सी, वार्ड…!
- क़ाली कमाई का रैकेट चला रहे दुय्याम अभियंता सूरज पवार और कनिष्ठ अभियंता मंगेश कांबली रिश्वतखोरी के आरोप में गिरफ्तार
- 8 लाख रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में भ्रस्टाचार निरोधक ब्यूरो ने किया गिरफ्तार
- डी एम सी (DMC) डॉ. संगीता हसनाले के निर्देशन में दिया जा रहा था भ्रष्टाचार को अंजाम..!
सुरेंद्र राजभर
मुंबई- वैसे तो पूरे देश में भ्रष्टाचार फैला हुआ है। जिसके पास जितना बड़ा अधिकार वह उतना ही बड़ा भ्रष्टाचारी होता है। मुंबई देश की आर्थिक राजधानी है। यहां की मनपा के वार्डों में अवैध निर्माण कार्य कराने और करोड़ों रुपए कमाई करने में होड़ लगी है। जो पकड़ा जाए वह भ्रष्ट, जो मैनेज कर ले वह ईमानदार होने का तमगा हासिल कर लेता है। अखबारों में वार्ड के सक्षम अधिकारियों के संरक्षण में अवैध बांधकाम कराकर करोड़ों रुपए कमाने का सिलसिला जारी है। नित्य ही ऐसे समाचार छपते रहते हैं अखबारों में, किंतु बड़े अधिकारी उस पर कानूनी कार्रवाई करने से चुप्पी साध लेते हैं। (Mumbai BMC Corruption News)
भूमाफिया मनपा गठबंधन की एक मिसाल आज सी वार्ड की पेश है। सी वार्ड में दुय्यम अभियंता सूरज पवार और कनिष्ठ अभियंता मंगेश कांबली बहुत समय से काली कमाई का रैकेट चला रहे थे। दुर्भाग्यवश उन्हें 8 लाख रुपए की रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। यह कुल रिश्वत 20 लाख की पहली किस्त बताई जाती है। पकड़े न जाते तो पूरी किश्त वसूल लेते। सी वार्ड में अवैध निर्माण कराने, संरक्षण देने के बदले कैश लेते भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने रंगे हाथ रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है।
बताया जाता है, कि इस लेन देन में वसूली की भूमिका निभाने वाला निलेश होदर है जो ठेकेदार मनपा अधिकारियों के बीच की वसूली की कड़ी बना है। सी वार्ड में पकड़े गए रिश्वतखोर। लेकिन उसी की बगल में बी वार्ड कुख्यात है भ्रष्टाचार के लिए। जहां दुय्यम अभियंता विशाल सखारकर और कनिष्ठ अभियंता युगंधर मराठे की जोड़ी है जो अवैध निर्माण काम के बदले करोड़ों की रिश्वत लेती है। क्या इनका भी हश्र सी वार्ड के भ्रष्टाचारियों जैसा होगा? इनके द्वारा कराए गए गैरकानूनी बंधकाम 350/354 नरसीनाथ स्ट्रीट 113/113A, आई एम एम रोड 148/150, नागदेवी स्ट्रीट 199, ए बी स्ट्रीट 154, नारायण धुरू स्ट्रीट 51, गार्नेट हाइट 175/177 और इसाजी स्ट्रीट जैसे अनेक स्थानों पर अवैध बांधकाम कराकर करोड़ों रुपए कथित तौर पर घूस लेने की चर्चा है।
मनपा में भ्रष्टाचार ही भ्रष्टाचार।
बताते चलें, कि ये अधिकारी बिना डी एम सी जोन 1 के डॉक्टर संगीता हसनाले की सहमति के अवैध निर्माण नहीं करा सकते। बी और सी के अधिकारी इन्हीं के निर्देशन और संरक्षण में भ्रष्टाचार को अंजाम देते हैं, ऐसा बताया जाता है। सूत्रों का कहना है, कि इन सभी भ्रष्ट अधिकारियों को डी एम सी जोन 1 का खुला आशीर्वाद मिला हुआ है। क्या सक्षम उच्च अधिकारी निष्पक्ष जांच कर दोषियों को कानून के हवाले करेंगे?
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