- राजस्थान के मुख्यमंत्री ने किया वैक्सीन का ऐलान..
- वैक्सीनेशन पर सरकारों का फैसला..
- कोरोना की दूसरी लहर से बुरी तरह प्रभावित हुआ है महाराष्ट्र..
- इन जटिल परेशानीयों के बीच अच्छे संकेत..
- मुंबई की व्यवस्था से मामलों में हुई घटत..
- क्या कहती है सीरो सर्वे..
नितिन तोरस्कर/ इस्माइल शेख
मुंबई- कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर का सामना कर रहे महाराष्ट्र और राजस्थान की सरकारों ने अपने राज्यों के सभी नागरिकों को मुफ्त में कोरोना की वैक्सीन लगाने का ऐलान कर दिया है।
महाराष्ट्र सरकार के फैसले की जानकारी मंत्री नवाब मलिक ने दी। उन्होंने कहा कि राज्य अपने सभी नागरिकों को मुफ्त में वैक्सीन लगाएगा कैबिनेट मीटिंग में इसपर विचार-विमर्श हो चुका है। साथ ही राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भी इसका ऐलान जाहिर कर दिया!
एनसीपी नेता नवाब मलिक ने बताया, कि “वैक्सीन के लिए जल्द ही वैश्विक टेंडर जारी किए जाएंगे।” इसके साथ ही राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी अपनी राज्य के जनता के लिए मुफ्त वैक्सीन का ऐलान कर दिया है!
राजस्थान के मुख्यमंत्री ने किया वैक्सीन का ऐलान..
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीटर पर जानकारी साझा करते हुए बताया, कि “राजस्थान सरकार ने प्रदेश के 18 वर्ष से अधिक आयुवर्ग के सभी लोगों को लगभग 3 हजार करोड़ रुपये की धनराशि खर्च कर नि:शुल्क कोविड वैक्सीन लगाने का फैसला किया है।” इसके साथ ही, उन्होंने यह भी जानकारी दी, कि “अगर केंद्र अन्य आयु वर्गों की तरह 18-45 साल के लोगों के वैक्सीनेशन का भी खर्च उठा लेती तो राज्यों का बजट प्रभावित नहीं होता।”
वैक्सीनेशन पर सरकारों का फैसला..
1 मई से 18 साल से अधिक उम्र के लोग भी करा सकेंगे वैक्सीनेशन। आप को बता दें, कि देशभर में 1 मई से कोरोना वैक्सीनेशन का दूसरा चरण शुरू होने जा रहा है जिसमें 18 साल से अधिक उम्र का कोई भी व्यक्ति वैक्सीन लगवा सकेगा। हालांकि केंद्र सरकार केवल स्वास्थ्यकर्मियों, फ्रंटलाइन कर्मचारियों और 45 साल से अधिक उम्र के लोगों को मुफ्त में वैक्सीन लगाएगी, वहीं 18-45 साल के लोगों को मुफ्त में वैक्सीन लगाने का फैसला राज्यों पर छोड़ा गया है। जब कि महाराष्ट्र से पहले कई राज्य मुफ्त वैक्सीन लगाने का ऐलान कर चुके हैं।
कोरोना की दूसरी लहर से बुरी तरह प्रभावित हुआ है महाराष्ट्र..
बता दें कि महाराष्ट्र कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर से बुरी तरह प्रभावित हुआ है और राज्य में अभी भी 65,000 से अधिक नए मामले सामने आ चुके हैं इसके साथ ही लगभग 700 मरीजों की मौत हो रही है। यहां अब भी 6.96 लाख सक्रिय मामले हैं! मरीजों के बोझ के कारण स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराने की कगार पर है। इसे काबू करने के लिए राज्यभर में पिछले कुछ दिनों से लॉकडाउन जैसी पाबंदियां लागू कर दी गई हैं।
इन जटिल परेशानीयों के बीच अच्छे संकेत..
महाराष्ट्र के चरम पार करने का अनुमान, पिछले दो हफ्ते से स्थिर हो चुका है! बढ़ते मामलों में राज्य सरकार की इन पाबंदियों के कारण असर भी देखने को मिल रहा है! जिससे राज्य में संक्रमण के मामले स्थिर पाए जा रहे हैं। यहां पिछले दो हफ्ते से दैनिक मामले 60,000- 70,000 के बीच बने हुए हैं। जब कि फरवरी में दूसरी लहर की शुरूआत के बाद से ऐसा पहली बार देखने को मिला है जब राज्य में मामले इतने लंबे समय तक एक ही स्तर पर रुका हुआ है। इसके अलावा ट्रांसमिशन रेट में भी गिरावट हुई है और 1.38 प्रतिशत के स्तर से गिरकर यह 1.13 प्रतिशत पर आ गई है।
मुंबई की व्यवस्था से मामलों में हुई घटत..
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई तो चरम सीमा को पार भी कर चुका है लेकिन यहां पिछले लगभग तीन हफ्ते से मामले घट रहे हैं। शनिवार को यहां 5,867 नए मामले सामने आए जो, कि अप्रैल के एक दिन में सामने आए थे जो सबसे कम मामले हैं। यहां 11,163 मामलों का पीक 4 अप्रैल को सामने आया था। इसके अलावा यहां की ट्रांसमिशन रेट भी 1 से नीचे चली गई है यानि 100 संक्रमित 100 से कम लोगों को संक्रमित कर रहे हैं।
क्या कहती है सीरो सर्वे..
सीरो सर्वे के मुताबिक, मुंबई के 36.3 प्रतिशत लोगों में पाई गई एंटीबॉडीज! बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) के सीरो सर्वे में मुंबई के 36.3 प्रतिशत लोगों में कोरोना वायरस की एंटीबॉडीज पाई गई हैं। BMC ने मार्च में 10,197 लोगों पर यह सर्वे किया था। इसमें झुग्गी बस्तियों वाले इलाकों में 41.6 प्रतिशत लोगों और अन्य इलाकों में 28.5 प्रतिशत लोगों के खून में कोरोना की एंटीबॉडीज पाई गईं। आप को और अधिक जानकारी देते हुए बता दें, कि पिछले साल जुलाई में हुए दूसरे सीरो सर्वे में मुंबई के 40.5 प्रतिशत लोगों के खून में एंटीबॉडीज पाई गई थीं।
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