लोकल ट्रेन में झगड़ा, यात्री को लगे 6 टांके; कोर्ट ने दो आरोपियों की जमानत ठुकराई

मुंबई की भीड़भाड़ वाली लोकल ट्रेन में झगड़े के दौरान एक यात्री के सिर पर चोट लगने से उसे छह टांके लगे। सेशंस कोर्ट ने कहा — “चोटिल व्यक्ति का अस्पताल से डिस्चार्ज होना जमानत का आधार नहीं।

मुंबई: लोकल ट्रेन मे मार पीट को लेकर एक मुकदमे में मुंबई की सेशंस कोर्ट ने दो आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर दी है, जिन्होंने लोकल ट्रेन में झगड़े के दौरान एक यात्री को घायल कर दिया।
कोर्ट ने साफ कहा कि “घायल का अस्पताल से डिस्चार्ज होना, जमानत देने का आधार नहीं हो सकता।”

यह मामला 4 अक्टूबर का है, जब शिकायतकर्ता ने दादर से गोरेगांव स्लो लोकल ट्रेन पकड़ी थी और उसे सांताक्रूज़ स्टेशन पर उतरना था। भीड़ के कारण जब यात्री उतर नहीं पाए, तो दो लोगों में झगड़ा हुआ, जिससे एक व्यक्ति के सिर पर गंभीर चोट लगी और उसे 6 टांके लगाने पड़े।

Advertisements

🚨 कौन हैं आरोपी और क्या हैं आरोप

पुलिस ने इस मामले में दो यात्रियों — नौशाद अहमद (20) और रामसूरत राय (35) — को गिरफ्तार किया है।
दोनों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा

  • 115 (जानबूझकर चोट पहुंचाना) और
  • 118 (खतरनाक हथियार या साधन से चोट या गंभीर चोट पहुंचाना)
    के तहत मामला दर्ज किया गया है।

दोनों आरोपी पिछले एक महीने से जेल में बंद हैं।

मुंबई में कबूतरों को दाना खिलाने के लिए BMC को चार नए स्थल चुनने पर विचार

🧾 “हम निर्दोष हैं”, आरोपियों की दलील

आरोपियों के वकील ने कोर्ट में कहा कि दोनों गरीब मजदूर हैं और उन्हें गलत तरीके से फंसाया गया है
उनका कहना था कि शिकायतकर्ता को साधारण चोट लगी थी और वह पहले ही अस्पताल से डिस्चार्ज हो चुका है।

लेकिन अभियोजन पक्ष (Prosecution) ने इसका विरोध किया। उन्होंने कहा कि जांच अभी शुरुआती चरण में है और शिकायतकर्ता को सिर पर गंभीर चोट आई थी।

🧑‍⚖️ जज का सख्त रुख — ‘घायल का डिस्चार्ज होना जमानत का आधार नहीं’

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश प्रशांत सी. काले ने 1 नवंबर को अपने आदेश में कहा:

“आरोपियों पर गंभीर आरोप लगे हैं। घायल व्यक्ति का डिस्चार्ज होना जमानत का आधार नहीं हो सकता। पुलिस के कागज़ों के अनुसार, शिकायतकर्ता को लगी चोट सिर के अहम हिस्से पर गंभीर चोट है।”

कोर्ट ने यह भी बताया कि हमले में इस्तेमाल किया गया हथियार भी बरामद किया गया है।
इसी वजह से अदालत ने कहा कि जांच अधूरी है, इसलिए इस चरण में जमानत नहीं दी जा सकती।

🚉 मुंबई लोकल में बढ़ रहे विवाद

मुंबई की लोकल ट्रेनें “शहर की लाइफ़लाइन” कही जाती हैं, लेकिन रोज़ाना की भीड़ और तनाव के बीच झगड़ों के मामले बढ़ रहे हैं।
रेलवे पुलिस (GRP) के अनुसार, हर महीने दर्जनों झगड़ों और धक्कामुक्की की शिकायतें मिलती हैं, जिनमें कई बार यात्रियों को चोटें भी लगती हैं।


FAQ सेक्शन

Q1. यह घटना कब और कहां हुई थी?
👉 यह घटना 4 अक्टूबर को दादर-सांताक्रूज़ लोकल ट्रेन में हुई थी।
Q2. कितने लोग गिरफ्तार किए गए हैं?
👉 दो आरोपी — नौशाद अहमद और रामसूरत राय — को गिरफ्तार किया गया है।
Q3. शिकायतकर्ता को क्या चोटें आईं?
👉 शिकायतकर्ता के सिर पर चोट लगी और 6 टांके लगाने पड़े।
Q4. कोर्ट ने जमानत क्यों नहीं दी?
👉 कोर्ट ने कहा कि घायल का डिस्चार्ज होना जमानत का आधार नहीं, क्योंकि मामला अभी शुरुआती जांच में है।
Q5. आरोपियों पर कौन-कौन सी धाराएं लगाई गई हैं?
👉 धारा 115 और 118 (भारतीय न्याय संहिता) के तहत मामला दर्ज हुआ है।


Discover more from  

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisements
Scroll to Top

Discover more from  

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading