नितेश राणे की जमानत याचिका पर कल होगी सुनवाई

भारतीय जनता पार्टी के विधायक नितेश राणे की जमानत याचिका पर बुधवार को होगी सुनवाई। आरोप प्रत्यारोप में दोनों पक्षों को सुनने के बाद मुख्य जिला व सत्र न्यायाधीश एस.वी. हांडे ने क्या कहा ?

नितिन तोरस्कर (मंत्रालय प्रतिनिधि)
मुंबई
– भारतीय जनता पार्टी (BJP) विधायक (MLA) नितेश राणे (Nitesh Rane) की नियमित जमानत अर्जी पर आज सुनवाई पूरी हो चुकी है और कल फैसला होगा। इसकी जानकारी देते हुए मुख्य जिला एवं सत्र न्यायाधीश एस.वी. हांडे ने कहा। बता दें, कि सिंधुदुर्ग जिला बैंक के चुनाव से पहले शिवसेना कार्यकर्ता संतोष परब पर हमला किया गया था। इस मामले में फिलहाल भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायक (MLA) नितेश राणे (Nitesh Rane) न्यायिक हिरासत में हैं।

कोर्ट में गुंडागर्दी..

आज (मंगलवार) राणे की जमानत याचिका पर जिला सत्र न्यायालय में सुनवाई की प्रक्रिया रखी गई थी। इस मामले को लेकर विशेष सरकारी वकिल (Public Procecuter) प्रदीप घरत और भूषण साळवी ने सरकार की ओर से तर्क दिया। जबकि बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता (Advocate) सतीश मानेशिंदे और संग्राम देसाई की जोड़ी ने कोर्ट में जोरदार दलिलें पेश की। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद न्यायाधीश हांडे ने कल फैसला सुनाए जाने का निर्णय ज़ाहिर किया। सुनवाई के पूर्व हुए दोनों पक्षो के दलिलों ने कोर्ट रुम में हंगामा खड़ा कर दिया। मौके पर सरकारी वकील प्रदीप घरत ने राणे के वकीलों पर गुंडागर्दी के गंभीर आरोप लगाए हैं।

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सुपारी देकर हमला करवाने के आरोप

इस बीच कोर्ट ने दोनों पक्षों को समझने के बाद जमानत अर्जी पर सुनवाई शुरू की। विधायक राणे के वकील संग्राम देसाई ने दलील देते हुए कहा, कि सरकारी वकील उन पर सुपारी देकर हमला करवाने जैसे बड़े से बड़े शब्दों का इस्तेमाल कर रहे है। जबकी, पुलिस की जांच में इस बात का जिक्र नहीं है, कि पैसों का लेनदेन किया गया था। सचिन सातपुते ने धीरज जाधव को 10 हजार रुपए दिए थे और सरकारी वकील कह रहे हैं, कि 1 लाख रुपए दिए। इसके अलावा बताया जा रहा है, कि नितेश राणे के खिलाफ 11 और राकेश परब के खिलाफ 2 मामले दर्ज हैं। हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया, कि इसमें कई झूठे मामले हैं।

उन्होंने आगे कहा, कि किसी भी तरह के अपराध का कोई मामला नहीं है। सभी मामले राजनीतिक नहीं होते। नितेश राणे के खिलाफ सभी झूठे मामले दर्ज किए गए हैं। ऐसे मामले राजनीतिक दबाव में बनाए जा रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया, कि “कई मामलों में गवाह आए और गए लेकिन उन्होंने नितेश राणे का नाम नहीं लिया।”


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