इस्माइल शेख
मुंबई- मुंबई पुलिस की साइबर सेल (Mumbai Police Cyber Cell) ने एक ठग को गिरफ्तार किया है जो कोरोना काल का फायदा उठाकर ऑनलाइन एडमिशन के नाम पर ठगी करता था (Fake College Admission)। मामले में गिरफ्तार आरोपी ने एडमिशन के नाम पर स्टूडेंट्स के परिजनों से लाखों रुपये की ठगी को अंजाम दिया है। आरोपी एक नामी कॉलेज में पर्सनालिटी डेवलपमेंट व कैरियर गाइड्स की ट्रेनिंग देने वाला टीचर है।
फर्जी तरीके से एडमिशन के साथ-साथ आरोपी ने फर्जी ज़ूम आईडी बनाकर ऑन लाइन क्लासेस भी दिलवाया था। कुछ क्लासेस अटेन्ड करने के बाद आईडी काम करना बंद कर दी तब जाकर बच्चों और परिजनों को ठगी का शिकार होने का अंदेशा साफ हो गया और लोगों ने इसके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज की।
कोरोना वायरस के खतरनाक बिमारी के कारण अब सब कुछ ऑनलाइन हो गया है खासतौर पर पिछले डेढ़ साल से बच्चों की पढ़ाई भी ऑनलाइन ही चल रही है। कोरोना की रोकथाम में पढ़ाई के साथ साथ एडमिशन भी ऑनलाइन हो र हे हैं। बस इसी का फायदा उठाने के लिए ठगबाज़ों की टोली भी एक्टिव हो गई है।
मुंबई के ऐसा ही एक नामी मैनेजमेंट कॉलेज में ऑनलाइन एडमिशन देने के नाम पर लाखों रुपए ऐंठने वाले शख्स को मुंबई पुलिस के उत्तर विभाग साइबर सेल ने गिरफ्तार किया है। इस शख्स का नाम सुशील पारसनाथ मिश्रा है जो एक बड़े कॉलेज में पर्सनालिटी डेवलपमेंट व कैरियर गाइड्स की ट्रेनिंग देने का काम करता था।
फर्जी आईडी के जरिए ऑनलाइन क्लासेस भी की थी शुरू
गिरफ्तार टीचर सुशील पारसनाथ मिश्रा ने अब तक मैनेजमेंट क्लासेस में एडमिशन दिलाने के नाम पर कई लोगों को ठग चुका है जिसमें से कुछ ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। साइबर सेल नार्थ रीजन कांदीवली पूर्व के पुलिस इंस्पेक्टर मंगेश देसाई ने बताया, कि आरोपी ने नकी सिर्फ बड़े मैनेजमेंट कॉलेज का फर्जी मेल आईडी बनाकर एडमिशन होने की कन्फर्मेशन यानी जानकारी दी, बल्कि फर्जी ज़ूम आईडी बनाकर ऑनलाइन क्लासेस भी शुरू की थ। इसकी धोखाधड़ी का खुलास तब हुआ जब बोरीवली के रहने वाले एक सीनियर सिटीजन ने अपने बच्ची का मास्टर ऑफ मैनजमेंट स्टडी में एडमिशन के लिए आरोपी सुशील पारसनाथ मिश्रा को नौ लाख रुपये दिए थे।
कॉलेज का फर्जी ईमेल आईडी बनाकर इस्तेमाल
सुशील ने फर्जी ज़ूम आईडी बनाकर छात्रा की क्लासेस चालू की, लेकिन 1 हफ्ते बाद ऑनलाइन क्लास बंद हो गई। छात्रा परिवार वालों ने जब सुशील से संपर्क किया तो सुशील ने न कोई जबाब दिया और न ही एडमिशन के लिए दिए हुए नौ लाख रुपये लौटाए।
मामला तब और गहरा गया जब एडमिशन होने की पुष्टि के लिए आरोपी सुशील ने नामी कॉलेज का लोगों (सिम्बॉल) लगाकर फर्जी ईमेल आईडी के द्वारा एडमिशन हो जाने की बात कन्फर्म की। जिसके बाद पीड़ित परिवार ने कांदीवली पूर्व के उत्तर विभाग साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराई।
अब तक 4 परिवारों से की 20 लाख की ठगी..
एसे ही आरोप में एक और मामला कांदिवली पश्चिम के साइबर सेल में दर्ज हुई है। इसकी जानकारी कांदिवली पश्चिम साइबर सेल पुलिस की ए.पी.आई. अनुराधा पाटिल ने दी उन्होंने बताया कि किस तरह आरोपी सुशील पारसनाथ मिश्रा ने नामी कालेज की फर्जी इमेल आईडी और लोगों लगा कर एडमिशन के लिए कंफर्म मेल किया था।
अब तक की जांच में यह सामने आया है कि, सुशील मिश्रा ने मुंबई में रहने वाले 4 परिवार वालों से धोखाधड़ी की है। जिनके पास से करीब 20 लाख रुपये ठगे हैं। अब पुलिस इस जांच में जुट गई है कि आरोपी सुशील ठगी का ये काम कब से कर रहा था। इस ठगबाज़ी के रैकेट में और कितने लोग शामिल हैं साथ ही अब तक इसने और कितने लोगों को ठगी का शिकार बनाया है।
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