इस्माइल शेख
मुंबई– राज्य सरकार द्वारा आम यात्रियों के लिए स्थानीय यात्रा (Mumbai Local) ट्रेनों पर प्रतिबंध के बावजूद, कई लोगों ने शुक्रवार को लोकल यात्रा करने की कोशिश की। इसके लिए, कुछ आवश्यक सेवा कर्मियों के फर्जी पहचान पत्रों पर भरोसा कर पुलिस की जाल में फंसे, जबकि अन्य लोग मध्य रेलवे में टिकट के बिना यात्रा करने की कोशिश करते पाए गए। यात्रियों को टिकट निरीक्षक और रेलवे पुलिस ने पकड़ लिया। मध्य और पश्चिम रेलवे में केवल आवश्यक सेवा कर्मियों को यात्रा की अनुमति देने के लिए स्टेशन पर रेलवे पुलिस और कर्मियों की एक बड़ी टुकड़ी तैनात की गई थी।
यात्रियों के पहचान पत्र
गुरुवार रात से ही केंद्र और राज्य सरकार की तरफ से केवल चिकित्सा के साथ चिकित्सा उपचार के लिए जाने वालों को मध्य एवं पश्चिमी रेलवे मार्गों पर यात्रा करने की अनुमति दी गई थी। शुक्रवार सुबह से इसकी सख्ती शुरू हो गई। तदनुसार, अधिकांश स्टेशनों पर पूर्व एवं पश्चिम की ओर केवल दो से तीन प्रवेश द्वारों के साथ शुरू किये गए थे। इसके अलावा, सार्वजनिक टिकटिंग सेवाओं, मोबाइल टिकटिंग, एटीवीएम सेवाओं को बंद कर दिया गया था। जिससे कि अन्य यात्री इन सेवाओं से टिकट प्राप्त कर यात्रा नहीं कर सकें। शुक्रवार स्टेशन के प्रवेश द्वार के पास रेलवे पुलिस के साथ रेलवे सुरक्षादल तथा टिकट निरीक्षक तैनात रहे। यहां यात्रियों को उनके पहचान पत्र और टिकट देखकर ही स्टेशनों में प्रवेश करने की अनुमति दी गई।
निरिक्षण के दौरान यह देखा गया कि कुछ लोगों ने आवश्यक सेवा कर्मियों के फर्जी पहचान पत्रों के साथ यात्रा करने की कोशिश की क्योंकि स्थानीय यात्रा को आम जनता के लिए अनुमति नहीं थी। ऐसे यात्रियों को सेंट्रल रेलवे के टिकट निरीक्षकों ने पकड़ा। 25 यात्रियों से नकली पहचान पत्र जब्त किए गए।
अब तक 600 लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई..
जून 2020 में, आवश्यक सेवा कर्मियों को स्थानीय यात्रा करने की अनुमति दी गई थी। यहां तक कि कुछ सामान्य यात्रियों के पास स्थानीय यात्रा के लिए आवश्यक सेवाओं में नियोजित होने का दावा करने वाले पहचान पत्र थे। दिसंबर 2020 तक, मध्य रेलवे के विभिन्न स्टेशनों पर 600 से अधिक यात्री फर्जी आईडी पर यात्रा करते हुए पकड़े गए। पश्चिम रेलवे पर भी ऐसी ही कार्रवाई की गई।
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