घर हुआ सस्ता, बिल्डरों के लिए प्रीमियम चार्ज आधा

नितिन तोरस्कर
मुंबई-
महाराष्ट्र के मायानगरी मुंबई समेत ठाणे, पुणे जैसे शहरों में घर लेना अब थोड़ा सस्ता हो सकता है! महाराष्ट्र कैबिनेट की ओर से रियल एस्टेट सेक्टर को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है! उद्धव सरकार ने रियल स्टेट सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए प्रीमियम में 50 प्रतिशत कटौती के प्रस्ताव को कैबिनेट में मंजूरी दे दी है! राज्य सरकार का कहना है, कि “कैबिनेट का फैसला दीपक पारेख कमेटी की ओर से दिए गए सुझावों पर आधारित है!” कोरोना संक्रमण में लॉकडाउन के बाद राज्य के कंस्ट्रक्शन सेक्टर को बढ़ाने पर सुझाव देने के लिए इस कमेटी का गठन किया गया था!

विकासक के प्रीमियम में हुई कटौती…

महाराष्ट्र में प्रोपर्टि डेवलपर्स को सरकार ने बड़ी राहत दी है! अघाड़ि सरकार ने बिल्डरों के रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स के लिए प्रीमियम में 50 प्रतिशत तक की छूट को मंजूरी दे दी है! राज्य सरकार की कैबिनेट में इस प्रस्ताव पर मुहर लग चूकि है! इस मंजूरी के तहत जो भी डेवलपर्स 50 प्रतिशत प्रीमियम छूट का फायदा लेने वाले होंगे, उन्हें 31 दिसंबर 2021 तक ग्राहकों की ओर से चुकाई जाने वाली स्टैम्प ड्यूटी खुद भरेनी होगी!

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प्रीमियम चार्ज पर खुलासा…

मुंबई जैसे शहर में जमीन की किल्लत की वजह से बिल्डर को कम जमीन में ज्यादा कंस्ट्रक्शन करना पड़ता है! लिफ्ट, सीढ़ियां, बालकनी वगैरह में अतिरिक्त कंस्ट्रक्शन की मंजूरी जरूरी होती है जिसके लिए नगरपालिका प्रीमियम और सेस चार्ज लगा कर टेक्स वसूलता है! अतिरिक्त कंस्ट्रक्शन की मंजूरियां प्रकृया प्रोजेक्ट के शुरू होने से लेकर प्रोजेक्ट के पूरे होने तक होती हैं!

बिल्डरों द्वारा ग्राहकों को लुभाने का अवसर…

महाराष्ट्र की उद्धव सरकार के इस फैसले से मुंबई, ठाणे, पुणे और नवी मुंबई जैसे महानगरों में बनने वाली बिल्डिंग और फ्लैट लेने वाले ग्राहकों को फायदा होने वाला है! इससे ग्राहकों को सस्ते में घर मिल सकेगा एवं साथ हि सरकार के इस फैसले से रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स की लागत घटेगी! जानकारों कि माने तो आने वाले दिनों में डेवलेपर्स फ्लैट के खरिददारों को जीरो स्टैम्प ड्यूटी के ऑफर्स से लुभाने की कोशिश कर सकते हैं!

सिधे तौर पर ग्राहकों को मिलेगा फायदा…

दरअसल मुंबई जैसे शहरों में प्रोजेक्ट की कुल लागत का करीब 30 प्रतिशत हिस्सा प्रीमियम और सेस के रूप में चुकाना पड़ता है! महंगी जमीन, प्रीमियम और सेस के चार्ज की वजह से कुल प्रोजेक्ट की कीमत काफी बढ़ जाती है! इससे घर खरीददारों के लिए भी फ्लैट की कीमत ज्यादा रहती है! लेकिन सरकार द्वार लिए फैसले से आधा प्रीमियम यानी, कि सिर्फ 15 प्रतिशत ही बिल्डरों को अदा करनी होगी, जिसका सीधा असर घर की कीमतों पर पड़ेगा!

किस्तों में प्रीमियम का विकल्प…

उद्धव सरकार के इस फैसले का फायदा केवल उन्हीं बिल्डर्स को मिलेगा जो ग्राहकों को स्टांप ड्यूटी के रूप में इसका फायदा आगे देंगे! राज्य सरकार ने प्रीमियम की राशि को किस्तों में चुकाने का भी विकल्प दिया है, ताकि बिल्डर्स को एक बार में ज्यादा नकदी न देना पड़े और उसके पास अपने कामकाज के लिए पर्याप्त नकदी मौजूद रहे!

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महानगर पालिका कि ओर से हुई थी मांग..

महानगरों के नगर पालिकाओं से भी मांग की जा रही थी, कि कोरोना की वजह से उनके रेवेन्यू में काफी फर्क पड़ा है! हर साल प्रीमियम और सेस से नगरपालिका को करीब 2000- 2500 करोड़ का रेवेन्यू मिलता था! जो अब की बार 2020 में रेवेन्यू कलेक्शन 600 करोड़ के करीब ही रह गया! महानगर पालिकाओं ने राज्य सरकार को चिट्ठी लिखकर मांग की थी कि प्रीमियम में बिल्डरों को अगर छूट दी जाएगी तो ज्यादा से ज्यादा बिल्डिंग के प्रोजेक्ट रजिस्टर होंगे! इसका फायदा महानगरपालिका को भी होगा और उनकी कमाई बढ़ेगी!


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