इस्माईल शेख
मुंबई– सोमवार परेल के मिंट कॉलोनी मोनोरेल स्टेशन के पास बृहन्मुंबई महानगरपालिका द्वारा संचालित साईबाबा स्कूल में आग लगने से इमारत के बेसमेंट में रखें 6 गैस के सिलेंडर फटने से अपरा तफरी मच गई। गनीमत रही की स्कूल बंद पड़ा था। अग्निशमन अधिकारियों ने कहा कि किसी के घायल होने या हताहत होने की सूचना नहीं है।
उन्होंने बताया कि लेवल-1 (निम्नतम स्तर) की आग साईबाबा स्कूल में सुबह 9.15 बजे के आसपास लगने की सूचना मिली थी, जो अपनी जर्जर इमारत के कारण पिछले कुछ वर्षों से बंद था। बृहन्मुंबई महानगरपालिका (BMC) से मिली प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, आग कथित तौर पर भूतल पर स्कूल के स्टोर रूम में एक गद्दे से निकली। मुंबई फायर ब्रिगेड के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, आग ऑक्सीजन सिलेंडर सहित कुछ सिलेंडरों के विस्फोट के कारण फैल गई, क्योंकि पिछले कुछ समय से स्कूल एक कोविड-19 देखभाल और टीकाकरण केंद्र के रूप में संचालित था।
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बंद बीएमसी स्कूल में लगी आग 6 सिलेंडर ब्लास्ट
मुंबई फायर ब्रिगेड के मुख्य अग्निशमन अधिकारी रवींद्र अंबुल्गेकर ने बताया, कि “आग इमारत के भूतल पर लगी थी। इमारत में ऑक्सीजन के साथ-साथ एलपीजी सिलेंडर समेत काफी सामान जमा था। आग भड़कते ही सिलेंडर फट गया, जिससे आग और फैल गई। हालांकि, हमारे अधिकारी समय रहते आग पर काबू पाने में कामयाब रहे। घटना में किसी के घायल होने या मरने की सूचना नहीं है।” आग लगने के कारणों पर अंबुल्गेकर ने कहा कि उनकी जांच चल रही है।
इस बीच, क्षेत्र के पूर्व शिव सेना (उद्धव ठाकरे गुट) नगरसेवक अनिल कोकिल ने आरोप लगाया है, कि सी1 श्रेणी की जर्जर इमारत (तत्काल खाली करने और ध्वस्त करने की आवश्यकता) सी1 घोषित होने के बावजूद, इमारत को ध्वस्त नहीं किया गया और स्टोर रूम के रूप में उपयोग किया जाता रहा है। मनपा की लापरवाही के कारण हादसा हुआ है जो बिलकुल गलत है।
पूर्व शिवसेना नगर सेवक अनिल कोकिल ने कहा, “स्कूल को तीन साल पहले सी1 घोषित किया गया था। क्षेत्र के छात्रों को स्कूल में प्रवेश करने से रोक दिया गया। यह एक कोविड-19 टीकाकरण केंद्र के रूप में भी संचालित होता है। स्कूल के भूतल पर बहुत सारी कोविड से संबंधित सामग्री संग्रहीत की गई थी। आज जब आग लगी तो वहां रखे पांच-छह सिलेंडर फट गये.” पास में स्थित झुग्गी बस्तियों की ओर इशारा करते हुए, कोकिल ने कहा, “अगर कोई बड़ा विस्फोट होता, तो यह झुग्गियों में फैल जाता और बड़ी जान माल की हानी होती। प्रशासन को लोगों की जिंदगी के साथ नहीं खेलना चाहिए इस पर ध्यान देने की जरूरत है।”
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