धोखेबाज़ और जालसाज़ फ़िल्म निर्माता निर्देशक गिरफ़्तार।

सुरेंद्र राजभर
मुंबई-
मायानगरी मुंबई में एक फ़िल्मी अंदाज की धोखाधड़ी का खुलासा हुआ है! मामले में तुरंत कार्रवाई करते हुए मुंबई क्राईम ब्रांच यूनिट 11 की टिम ने गिरफ्तारी कर फ़िल्मी किरदार की तरह लोगों के जहन में अपनी छाप छोड़ने का बेहतरीन काम किया है, जिसके लिए पुलिस महकमें में चर्चा का विषय बना हुआ है!

मालाड पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरिक्षक जोर्ज फरनांडिस ने बताया, कि दिल्ली निवासी व्यापारी साईनाथ स्परिट प्रायवेट लिमिटेड के मालिक को अपना व्यापार बढाने के लिए 200 करोड़ रुपयों की जरूरत आ पड़ी थी! व्यापारी ने प्रायवेट फायनांस करने वालों की खोज शुरू कर दिया, इसी बीच मुंबई के कथित रूप से प्रायवेट फायनांस कम्पनी “एंग्लो इंटरप्राइजेज” नामक कम्पनी के मालिक ने उत्तर प्रदेश जाकर दिल्ली के व्यापारी को 200 करोड़ फायनांस मंज़ूर किये जाने का पत्र दिखाया! व्यापारी से कहा कि फायनांस कम्पनी “एंग्लो इंटरप्राइजेज” के खाते में 20 लाख रुपये फायनांस की कार्यवाही के लिए डाल दें! व्यापारी ने आश्वस्त होकर उक्त कम्पनी के खाते में 20 लाख रुपये डाल दिये! इसके बाद फायनांस कम्पनी के द्वारा व्यापारी के पहले फोन उठाना बन्द कर दिया! उसके बाद मोबाईल फोन भी बन्द हो गया!

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धोखाधड़ी की आशंका से दिल्ली का व्यापारी परेशान हो गया! मुंबई आकर उसने मालाड पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज़ कराया! पुलिस ने भी मामले की गंभीरता को समझते हुए तुरंत 20/02/2020 को ही आरोपी के खिलाफ गु.र.क्र. 81/2020 कलम भा.द.वी. की धारा 420, 34 के अंतर्गत दर्ज़ कर लिया गया!

मामला अंतर्राष्ट्रीय होने के कारण, तुरन्त मामले की आगे जांच के लिए डी.सी.वी,सी.आई.डी को सौंप दिया गया! गु.र.क्र.52/2020 दर्ज़ कर कक्ष 11 को आगे जांच के लिए दे दिया गया! बड़े अधिकारियों को मामले की जानकारी देकर तुरन्त जांच शुरू कर दी गई! पता चला कि आरोपी लोखंडवाला अंधेरी पश्चिम में रहता है तो तुरन्त उसके तमाम अड्डों पर छापेमारी की गई!

आरोपी को उसके निवास के पते सी/204 सुपेश स्मृति बिल्डिंग वीरा देसाई मार्ग ,कंट्री क्लब के पास से गिरफ़्तार किया गया! आरोपी की उम्र 54 वर्ष बताई जा रही है! आरोपी ने पुलिस को बताया, कि वह शार्ट फिल्मों का निर्माता/निर्देशक है! उसकी फिल्में यू ट्यूब पर भी हैं! व्यापार में घाटा और आगे फ़िल्म निर्माण के लिए उसके पास पैसे होने से उसने फ़र्ज़ी फायनांस कम्पनी खोल रखी थी! अब तक कई लोगों के साथ धोखाधड़ी करके उसने करोड़न रुपये जमा कर लिये हैं! आप को बताते चलें, कि पुलिस ने यह नहीं बताया कि धोखाधड़ी की कोई रक़म जब्त की गई है या नहीं!

चन्द घंटों में ही आरोपी की गिरफ़्तारी में सहायक पुलिस आयुक्त (अपराध) श्री संतोष रस्तोगी,पुलिस उपायुक्त (प्रकटीकरण) श्री दत्ता नालावड़े के कुशल मार्गदर्शन और प्रभारी पु निरीक्षक चिमाजी आधाव, पु नी रईस शेख,सलिल भोंसले, शरद शिंदे,नितिन उतेकर, अविनाश शिंदे,सत्यनारायण नाइक,रविंद गावीद ,दीपक काम्बले, नितिन शिंदे,सुधीर कोरगांवकर,राजू गारे,राजेश चह्वाण,दिलीप बाघरे,संतोष माने,सुबोध सावंत,महेश नावगे,राकेश लोटनकर,सचिन कदम,सचिन आंवले,अनिल चह्वाण,महेश रावराने जयेश केनी,महिला अमलदार सारिका क़दम, रिया अनेराव और उपेंद्र मोरे की तत्परता को श्रेय दिया जा रहा है!

काश…! पुलिस इतनी ही जल्दी हर मामले की जांच को अंजाम तक पहुचाया जाए, तो अनेक समस्याओं का समाधान तुरन्त हो जाता! मुंबई में अब भी कई ऐसे अनसूलझे मामले लंबित है! जिसपर से राज का परदा उठाना अब भी बाकी है!


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