बिजली संघटनाओं की कुछ गलतफहमियां हैं, कल मुंबई में इसपर आमने-सामने बैठकर चर्चा करेंगे – उर्जा मंत्री नितिन राउत

राज्य में बिजली संघटनाओं की हड़ताल को समाप्त कराते हुए कल मुंबई में चर्चा के लिए बुलाया, राज्य के उर्जा मंत्री नितिन राउत ने, कहा संघटनाओं की कुछ गलतफहमियां हैं उसे दूर कर दिया जाएगा।

नितिन तोरस्कर (मंत्रालय प्रतिनिधि)
नागपुर-
जब महावितरण वित्तीय संकट में है, तो बिजली कर्मचारियों द्वारा राज्य को बंधक नहीं बनाना चाहिए। राज्य के उर्जा मंत्री (Energy Minister) नितिन राउत (Nitin Raut) ने यूनियनों से तत्काल हड़ताल वापस लेने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, कि कुछ को गलतफहमियां हो गई है। लेकिन कोई चिंता की बात नहीं। कल मुंबई में आमने-सामने बैठकर इसपर चर्चा कर गलतफहमियों को दूर कर दिया जाएगा। (Maharashtra Political News)

राज्य के उर्जा मंत्री नितिन राउत ने जानकारी देते हुए बताया, कि लगभग 36 बिजली कर्मचारी संघों के पदाधिकारियों ने आज वीडियो कांफ्रेंसिंग (Video Conferencing) के माध्यम से चर्चा में भाग लिया। उन्होंने इसमें हड़ताल वापस लेने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, बिजली कर्मियों को महाराष्ट्र को बंधक नहीं बनाना चाहिए। इस समय गर्मी बढ़ी है, बिजली की मांग भी बढ़ी है, 10वीं-12वीं की परीक्षाएं चल रही हैं, खेतों और फसलों को सिंचाई की जरूरत है। इसलिए ऐसे में जब एमएसईडीसीएल आर्थिक संकट में हो तो बिजली कर्मियों को राज्य को बंधक नहीं बनाना चाहिए। तत्काल हड़ताल समाप्त कर दी गई। उन्हें कल मुंबई में आमने-सामने बैठने के लिए भी कहा गया है। कर्मचारियों से सकारात्मक प्रतिक्रिया प्राप्त हुई है।

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राज्य के उर्जा मंत्री नितिन राउत ने जानकारी देते हुए बताया, कि “मैंने उन्हें आश्वासन दिया है कि किसी भी कंपनी का निजीकरण नहीं होगा।” बिजली उत्पादन निश्चित रूप से प्रभावित होगा। प्लांट के बंद होने पर बिजली ग्रिड को भी प्रभावित कर सकती है। एकलहारे विद्युत परियोजना के दो संयंत्र बंद होने से नासिक क्षेत्र की बिजली आपूर्ति बाधित रही। कोयले का बड़ा संकट हमारे सामने है। उन्होंने संघटनाओं से आग्रह करते हुए कहा, कि “संगठनों द्वारा राज्य सरकार को बंधक बनने और विपक्ष को अवसर प्रदान करने का मौका न दें।”

यह सच है, कि बिजली परियोजनाओं में कोयले की कमी है। अधिकारी फिलहाल कोयला कंपनी के पिट्स पर बैठे हैं और निकलने वाले कोयले को तत्काल बिजली परियोजना में भेज रहे हैं। फिर भी, अनेक परियोजनाओं में सिर्फ देड से दो दिनों का खेप है। हालांकि ऐसे हालात सिर्फ महाराष्ट्र में नहीं बल्कि कई राज्यों में है।

महावितरण सेवाएं प्रदान करने वाली कंपनी है। हालांकि, बिजली का उपयोग करते समय ग्राहकों को बिल का भुगतान भी करना पड़ता है। यह ग्राहक का कर्तव्य भी है। यदि ग्राहक अपने बिजली बिलों का भुगतान करते हैं, तो महावितरण को किसी वित्तीय संकट का सामना नहीं करना पड़ेगा। उन्होंने विश्वास जाते हुए कहा, कि “हम इस संकट से जरूर बाहर निकलेंगे।”

कल होगा समझौता।

बिजली संघों ने आश्वासन दिया है कि कल सकारात्मक चर्चा होगी और समाधान निकाला जाएगा और राज्य में लोड शेडिंग की स्थिति नहीं आएगी। ऊर्जा विभाग के अधिकारियों के साथ राज्य के प्रमुख सचिव ने भी बिजली कर्मचारियों की यूनियनों से चर्चा की है। राज्य के उर्जा मंत्री नितिन राउत ने कहा, कि “संघटनाओं की कुछ गलतफहमियां हैं, लेकिन कल की चर्चा से सभी गलतफहमियों को दूर कर दिया जाएगा।”


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