महाराष्ट्र सरकार ने विरार-अलीबाग मल्टीमॉडल कॉरिडोर को BOT मॉडल पर मंजूरी दी। 2026 से काम शुरू, 126 किमी लंबा कॉरिडोर जोड़ेगा JNPT, NMIA और MTHL से। Virar-Alibaug Multimodal Corridor gets approval, work to start from 2026
मंत्रालय प्रतिनिधि
मुंबई: महाराष्ट्र सरकार ने लंबे समय से अटके विरार-अलीबाग मल्टीमॉडल कॉरिडोर प्रोजेक्ट को आखिरकार हरी झंडी दे दी है। इस फैसले के साथ राज्य की परिवहन और आर्थिक विकास की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। यह कॉरिडोर मुंबई महानगर क्षेत्र के लिए नया लाइफलाइन साबित हो सकता है, क्योंकि यह प्रोजेक्ट मुंबई, नवी मुंबई, पालघर और रायगढ़ को सीधे जोड़ देगा। Virar-Alibaug Multimodal Corridor gets approval, work to start from 2026
प्रोजेक्ट का महत्व
यह 126.3 किलोमीटर लंबा कॉरिडोर मुंबई के कई बड़े आर्थिक और परिवहन केंद्रों को जोड़ेगा। इसमें शामिल हैं:
- जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट (JNPT)
- नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट (NMIA)
- मुंबई ट्रांस हार्बर सी लिंक (MTHL)
साथ ही यह प्रोजेक्ट कई नेशनल हाइवे और एक्सप्रेसवे से भी जुड़ने वाला है, जिनमें शामिल हैं:
- मुंबई-अहमदाबाद हाईवे (NH-48)
- मुंबई-आगरा हाईवे (NH-848)
- कल्याण-मुर्बड हाईवे (NH-61)
- मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे
- मुंबई-बेंगलुरु हाईवे (NH-48)
- मुंबई-गोवा हाईवे (NH-66)
BOT मॉडल पर होगा निर्माण

पहले इस प्रोजेक्ट को EPC (Engineering Procurement Construction) मॉडल पर लाने की तैयारी थी, लेकिन लागत अनुमान से अधिक बोली आने के बाद सरकार ने इसे रद्द कर दिया। अब इसे BOT (Build, Operate and Transfer) मॉडल पर बनाया जाएगा। Virar-Alibaug Multimodal Corridor gets approval, work to start from 2026
इस मॉडल में निजी कंपनियां निवेश कर प्रोजेक्ट बनाएंगी और कुछ वर्षों तक उसका संचालन करने के बाद सरकार को सौंप देंगी। इससे सरकार के ऊपर वित्तीय बोझ कम होगा। Virar-Alibaug Multimodal Corridor gets approval, work to start from 2026
पहला चरण: 96.41 किलोमीटर का निर्माण
पहले चरण में 96.41 किलोमीटर का कॉरिडोर बनाया जाएगा। यह हिस्सा पालघर जिले के नावघर से लेकर रायगढ़ जिले के पेन तालुका के बालवली तक फैला होगा। Virar-Alibaug Multimodal Corridor gets approval, work to start from 2026
इस हिस्से में प्राथमिकता से उन इलाकों पर काम होगा जहां कॉरिडोर का हिस्सा NHAI के वडोदरा-मुंबई एक्सप्रेसवे स्पर (Morbe से Karanjade तक) से जुड़ता है। Virar-Alibaug Multimodal Corridor gets approval, work to start from 2026
जमीन अधिग्रहण और लागत
सरकार ने इस प्रोजेक्ट के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया को तेजी से पूरा करने का आदेश दिया है।
- जमीन अधिग्रहण लागत: ₹22,250 करोड़
- प्रशासनिक मंजूरी: ₹37,013 करोड़
- इसमें अनुमानित ब्याज: ₹14,763 करोड़ भी शामिल है।
इसके अलावा, HUDCO को “कम्फर्ट क्लॉज” दिया गया है, जिसके तहत अगर MSRDC से पर्याप्त राजस्व नहीं आता है तो लोन की अदायगी सुनिश्चित होगी। Virar-Alibaug Multimodal Corridor gets approval, work to start from 2026
आर्थिक विकास की नई राह
यह कॉरिडोर मुंबई और उसके आसपास के शहरों के लिए नई संभावनाएं लेकर आएगा।
- रोज़गार के अवसर: प्रोजेक्ट से निर्माण और संचालन दोनों चरणों में हजारों नौकरियां पैदा होंगी।
- यातायात पर असर: भारी ट्रैफिक जाम से राहत मिलेगी और लॉजिस्टिक्स का समय कम होगा।
- औद्योगिक विकास: नवी मुंबई और रायगढ़ जिले के औद्योगिक क्षेत्रों को नया बूस्ट मिलेगा।
चुनौतियां भी कम नहीं
हालांकि यह प्रोजेक्ट बड़ा बदलाव लाने वाला है, लेकिन चुनौतियां भी सामने हैं।
- जमीन अधिग्रहण से जुड़ी कानूनी बाधाएं
- प्रोजेक्ट लागत में और बढ़ोतरी की आशंका
- BOT मॉडल पर निवेशकों को आकर्षित करने की चुनौती
- स्थानीय लोगों का विरोध और पुनर्वास का मुद्दा
विरार-अलीबाग मल्टीमॉडल कॉरिडोर मुंबई और महाराष्ट्र के लिए एक ऐतिहासिक प्रोजेक्ट है। अगर यह योजना तय समय पर पूरी हुई, तो मुंबई महानगर क्षेत्र को ट्रैफिक जाम, यात्रा समय और लॉजिस्टिक्स लागत से बड़ी राहत मिलेगी। साथ ही यह JNPT, नवी मुंबई एयरपोर्ट और MTHL जैसे प्रोजेक्ट्स से सीधे जुड़कर मुंबई को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक नया पहचान देगा। Virar-Alibaug Multimodal Corridor gets approval, work to start from 2026
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