इस्माइल शेख
मुंबई- कांदिवली पश्चिम हीरानंदानी हेरिटेज हाऊसिंग सोसाइटी कॉम्प्लेक्स में हुए फर्जी वैक्सीनेशन मामले में पुलिस ने बुधवार को एक और महिला आरोपी को गिरफ्तार किया है। अब तक इस मामले में 6 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। पकड़ी गई महिला का नाम गुड़िया यादव बताया जा रहा है, जो गोरेगांव के नेस्को जम्बो कोविड सेंटर में काम करती है।
कांदिवली के हिरानंदानी हेरिटेज हाऊसिंग सोसायटी के नकली वैक्सीनेशन मामले में गिरफ्तार गुड़िया पर आरोप है, कि वह गोरेगांव पूर्व के नेस्को कोविड सेंटर की आईडी इस्तेमाल कर फर्जी वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट बनाने का काम करती थी।
नेस्को कोविड सेंटर का सर्टिफिकेट
हिरानंदानी हेरिटेज हाऊसिंग सोसाइटी के लोगों को फर्जी वैक्सीनेशन के बाद जो नेस्को कोविड सेंटर का सर्टिफिकेट दिया गया था, उसे गुड़िया ने फर्जी तरीके से तैयार किया था। फ़िलहाल इस फर्जिवाडे को लेकर कांदिवली पुलिस ने आरोपी महिला को गिरफ्तार कर लिया है।
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आप को बता दें, कि मुंबई में फर्जी वैक्सीनेशन के कई मामले सामने आ चुके हैं। फर्जी वैक्सीनेशन का अब तक चौथा मामला बोरीवली पुलिस थाने में एक कॉलेज मैनेजमेंट के द्वारा दर्ज किया गया। यहां भी इन्हीं आरोपियों द्वारा नकली वैक्सीनेशन कैंप लगाकर लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रुपयों की हेराफेरी की गई।
पहला कांदिवली पुलिस थाने में मामला दर्ज होने के बाद, दूसरा वर्सोवा पुलिस थाने में, तीसरा मामला खार पुलिस थाने में में दर्ज किया गया था। अब चौथा इन्हीं आरोपियों के खिलाफ बोरिवली पुलिस थाने में आदित्य कॉलेज की तरफ से 365 लोगों को नकली वैक्सीन लगाऐ जाने के विरुद्ध मामला दर्ज किया गया है।
अधिक जानकारी के मुताबिक, कांदिवली पुलिस ने फर्जी वैक्सीनेशन मामले जब पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर पूछताछ की तो पकड़े गए आरोपियों ने मुंबई के विभिन्न इलाकों में 9 जगह नकली वैक्सीनेशन कैंप लगाने की जानकारी दी थी। इनमें से एक आरोपी मध्यप्रदेश से पकड़ा गया था, जो वैक्सीन की सप्लाई करता था।
कांदिवली पश्चिम के हीरानंदानी हेरिटेज हाऊसिंग सोसाइटी कॉम्प्लेक्स में 30 मई को नकली वैक्सीनेशन कैंप लगाकर सोसायटी के 390 लोगों को कोविशील्ड की वैक्सीन लगाई गई थी। यहां सोसायटी के लोगों को आरोपी ने खुद को अंबानी के कोकिलाबेन अस्पताल का रिप्रजेंटेटीव बताया कर धोखा दिया गया था।
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वैक्सीन का साइड इफेक्ट
शिकायतें तब सामने आई, जब एक भी व्यक्ति में वैक्सीन का साइड इफेक्ट नजर नहीं आया। इसके बाद से ही सवाल उठने लगे कि कहीं हमें फर्जी वैक्सीन तो नहीं लगा दी गई? सवाल इसलिए भी उठे क्योंकि वैक्सीन लगने के तुरंत बाद लोगों को सर्टिफिकेट भी नहीं मिला।
और भी चौंकाने वाली घटना तब हुई, जब 10 दिनों बाद कुछ लोगों को सर्टिफिकेट मिलने लगे तो, इन पर अलग-अलग अस्पतालों के नाम थे। वहीं सोसायटी के लोगों ने पता करने की कोशिश की, तो जिस अस्पताल के नाम से वैक्सीनेशन कैंप लगाए गए उनका कहना था कि उन्होंने इस सोसाइटी में ऐसा कोई कैंप ही नहीं लगाया।
मामले को भापते हुए लोगों ने इसकी शिकायत पुलिस में कर दी और पुलिस की कड़ी मशक्कत के बाद 5 लोगों को गिरफ्तार कर पूछताछ जारी है। इस खबर के बाद से मुंबई के विभिन्न इलाकों में इन्हीं आरोपियों के विरुद्ध मामले दर्ज होने लगे हैं।
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