वी बी माणिक
मुंबई- मध्यरेल (Central Railway) के मुख्यालय में विराजमान मुंबई मंडल के डीआरएम (Divisional Railway Manager), सीनियर डीसीएम (Senior Divisional Commercial Manager), एसीएम (Assistant Commercial Manager) और इनके अधीन कार्यरत चेकिंग स्टाफ (checking staff) स्टेशन मास्टर (Station Master) इंजीनियरिंग (Engineering Department) के लोग पूरी तरह अयोग्य, निष्क्रिय, अकार्यक्षम और समय पर ड्यूटी नही आना यत्तियो को लूटना ये कार्य बड़े पैमाने पर चल है। जिस पर सीसीएम (Chief Commercial Manager)
एजीएम (Additional General Manager), जीएम (General Manager) का ध्यान एकदम नही है।
इस गर्मी की छुट्टी में उत्तर भारत की ओर जाने वाली गाड़ियों में छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (CSMT) भायखला, दादर, कुर्ला स्थित लोकमान्य तिलक टर्मिनस (LTT), थाना, कल्याण, कसारा, पनवेल के स्टेशनों पर टीसीओ (Traffic Costing Office) की भारी लूट। और कल्याण स्टेशन पर सीनियर डीसीएम की मनमानी से एक नया पोस्ट बनाया गया गया जो सेक्शन सीटीआई (Centralised Training Institutes) के नाम पर तैयार किया गया है।
भ्रष्टाचार में लिप्त रेल अधिकारी
यहां मुंबई मध्यरेल से संबंधित सारे अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त दिखाई पड़ रहे है। दिन प्रति दिन रेलवे में महिलाओं की सुरक्षा खत्म होती जा रही है। देखा गया है, कि शिकायत पर भी कोई कार्रवाई नही हो रही है। कोई जवाबदार अधिकारी नही है। ऐसे में सवाल खड़ा हो रहा है, कि क्या देश के प्रधानमंत्री मोदी जी इन भ्रष्टाचारियों के दम पर हुंकार भर रहे है, कि “अच्छे दिन आ गए”, जब कि इस वक्त रेलवे में लूटपाट बढ़ गया है। यात्री असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। लेकिन अधिकारी लापरवाह और भ्र्ष्टाचार में व्यस्त है।
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