मुंबई के कांदिवली (पश्चिम) आर/दक्षिण वार्ड में प्रभारी अभियंता अभय जगताप पर गंभीर आरोप लगे हैं। स्थानीय नागरिकों और विधायक के आदेश के बावजूद अवैध निर्माण पर कार्रवाई न करने से लोग नाराज़ हैं। सवाल उठ रहा है — क्या कानून से ऊपर हैं कार्यकारी अभियंता एवं डी. ओ. अभय जगताप?
मुंबई: कांदिवली (पश्चिम) में स्थित मनपा आर/दक्षिण वार्ड कार्यालय में तैनात (प्रभारी) कार्यकारी अभियंता एवं डी.ओ. अभय जगताप पर स्थानीय नागरिकों और समाजसेवियों ने गंभीर आरोप लगाए हैं।
निवासियों का आरोप है कि वार्ड के अंतर्गत आने वाले सागवाडी आदिवासी पाड़ा, समाज मंदिर के पास अवैध निर्माण होने के बावजूद, जगताप कार्रवाई से बच रहे हैं।

लोगों का कहना है कि उन्होंने सार्वजनिक शौचालय और बोरिंग के लिए मांग की थी, जिसको लेकर 10 लाख रुपये सरकारी फंड भी पास किया गया। लेकिन उस पर कुछ लोगों ने तीन अवैध कमरे बना लिए। विधायक और सहाय्यक आयुक्त के आदेश के बाद भी तोड़क कार्रवाई नहीं की गई, जिससे नागरिकों में नाराज़गी है।
सार्वजनिक शौचालय के लिए दी गई भूमि पर हुआ कब्ज़ा
स्थानीय नागरिकों ने बताया कि क्षेत्र में शौचालय की सुविधा नहीं होने के कारण उन्हें काफी परेशानी होती है।
इसी वजह से गुरुचरण की भूमि पर शौचालय निर्माण के लिए आवेदन किया गया था।
लेकिन कुछ अराजक तत्वों ने मौके का फायदा उठाकर वहाँ तीन अवैध रूम बना लिए।
नागरिकों ने इस संबंध में तत्कालीन सहाय्यक आयुक्त मनीष साल्वे को पत्र लिखा और अवैध निर्माण हटाने की मांग की।
इसके साथ ही, विधायक योगेश सागर ने भी मनपा को पत्र भेजकर कार्रवाई का अनुरोध किया।
अभय जगताप पर मिलीभगत के आरोप
स्थानीय लोगों का कहना है कि (प्रभारी) कार्यकारी अभियंता एवं डी.ओ. अभय जगताप ने वरिष्ठ अधिकारियों के आदेशों की जानबूझकर अवहेलना की है।
आरोप है कि उन्होंने अवैध निर्माणकर्ताओं से पैसे लेकर कार्रवाई रोक दी है।
स्थानीयों के अनुसार, जगताप का रवैया मनमाना है और वे कहते हैं —
“मेरी मर्जी है, कोई काम करूं या न करूं। मेरा क्या बिगाड़ लेंगे अधिकारी या विधायक?”
यह बात न केवल प्रशासनिक अनुशासनहीनता को दर्शाती है बल्कि मनपा की साख पर भी सवाल उठाती है।
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सहाय्यक आयुक्त और विधायक के आदेशों की अनदेखी

सूत्रों के मुताबिक, विधायक योगेश सागर ने खुद सहाय्यक आयुक्त से फोन पर बात कर कार्रवाई के निर्देश दिए, लेकिन कोई कदम नहीं उठाया गया।
अभय जगताप का कहना है कि यह मामला अब वर्तमान सहाय्यक अभियंता शिशिर खोखले या पूर्व अभियंता ब्रह्मणकार को देखना चाहिए। जबकि ब्रह्मणकर का तबादला हो चुका है।
हालांकि जगताप का यह बयान जिम्मेदारी से बचने की कोशिश मानी जा रही है।
स्थानीय समाज का विरोध — कार्रवाई की मांग
इस पूरे मामले में आदिवासी समाज और स्थानीय महिलाएं खुलकर विरोध में उतर आई हैं।
चंदू बंजारा, गोपाल, अजय, कमल काली, दिनेश और कई अन्य लोगों ने पत्रकार को बुलाकर आदिवासी समाज मंदिर के पास बने अवैध निर्माण के खिलाफ अपनी बात रखी।
उनका कहना है कि अगर अब भी कार्रवाई नहीं हुई तो वे मनपा कार्यालय के बाहर प्रदर्शन करेंगे।
इसी सिलसिले में अखिल भारतीय मानवाधिकार नागरिक विकल्प के मुंबई उपाध्यक्ष राजेश किसन मंजाळ से मुलाकात की तो उन्होंने और भी चौकाने वाला खुलासा किया मनपा आर/ दक्षिण विभाग के इमारत व कारखाना विभाग की ओर से शिकायत क्रमांक RS/022/14- 12 – 2024/333 से संबंधित राजेश पवार के खिलाफ नोटिस क्रमांक RS/DO1RS/022/351-MMC ACT/RS333NO1/16-12-2024 जारी किया गया है। इससे साफ जाहिर होता है कि भ्रष्ट प्रभारी कार्यकारी अभियंता एवं डी.ओ. अभय जगताप ने यहां रिश्वतखोरी की हुई है।

निवासियों ने मांग की है कि
“सबसे पहले भ्रष्ट प्रभारी कार्यकारी अभियंता एवं डी.ओ. अभय जगताप के खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो और फिर अवैध निर्माण पर बुलडोजर चले।”
कनिष्ठ अभियंता पर भी सवाल — ‘जगताप से क्यों डरते हैं अधिकारी?’
सूत्र बताते हैं कि जब से अभय जगताप प्रभारी डी.ओ. बने हैं, वे अपने अधीनस्थ अधिकारियों को धमकाते और दबाव डालते हैं।
कई अधिकारी उनके खिलाफ बोलने से डरते हैं।
स्थानीयों का कहना है कि तत्कालीन कनिष्ठ अभियंता नितिन ठाकुर ही इस मामले की सच्चाई बता सकते हैं कि आखिर “जगताप का डर” इतना क्यों है? लेकिन उनका भी तबादला हो गया है।
FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
Q1. मामला किस इलाके का है?
A1. कांदिवली (पश्चिम) आर/दक्षिण वार्ड, पटेल नगर रोड नंबर 4 का मामला है।
Q2. विवाद किस बात को लेकर है?
A2. नागरिकों द्वारा दी गई भूमि पर अवैध निर्माण हुआ है, जिस पर कार्रवाई नहीं की गई।
Q3. किस अधिकारी पर आरोप लगे हैं?
A3. प्रभारी कार्यकारी अभियंता एवं डी.ओ. अभय जगताप पर।
Q4. क्या विधायक और मनपा अधिकारी इस मामले में शामिल हुए?
A4. हाँ, विधायक योगेश सागर और तत्कालीन सहाय्यक आयुक्त मनीष साल्वे दोनों ने कार्रवाई का आदेश दिया था।
Q5. नागरिकों की क्या मांग है?
A5. अभय जगताप के खिलाफ जांच और दंडात्मक कार्रवाई, साथ ही अवैध निर्माण का तुरंत तोड़फोड़ अभियान।
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