मुंबई का पी/नॉर्थ वार्ड तेजी से गर्म हो रहा है। 2015 से 2024 के बीच तापमान 5°C से ज्यादा बढ़ गया है। अवैध निर्माण और हरियाली की कमी ने संकट गहरा दिया है। Mumbai’s P/North ward: The crisis of rising temperatures and decreasing greenery
📍 P/North वार्ड कहाँ है और क्यों अहम है?
मुंबई का पी/नॉर्थ वार्ड (P/North Ward) 46.67 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। इसके पूर्व में संजय गांधी नेशनल पार्क और पश्चिम में मढ़-मनोरी के मैंग्रोव जंगल हैं। इसमें मलाड, मालवनी, माढ़ और अक्सा जैसे प्रमुख इलाके आते हैं।
यह मुंबई का सबसे ज्यादा आबादी वाला वार्ड है। 13 वर्ष पहले यानी 2011 की जनगणना के अनुसार यहां करीब 10 लाख लोगों की आबादी रिकार्ड की गई थी। इतनी घनी आबादी के बीच हर डिग्री तापमान का बढ़ना लाखों लोगों को प्रभावित करता है। Mumbai’s P/North ward: The crisis of rising temperatures and decreasing greenery

🌳 हरियाली के बावजूद बढ़ता तापमान
मानचित्र पर यह इलाका हरा-भरा दिखता है, लेकिन हकीकत अलग है।
- 2015 से 2024 के बीच तापमान 5°C से ज्यादा बढ़ा
- 42.24°C (2015) से बढ़कर 50°C (2024) तक पहुंच गया
- सबसे ज्यादा असर झोपड़पट्टी और घनी आबादी वाले इलाकों में
- कंक्रीट, डामर और टिन की छतों ने प्राकृतिक ठंडक देने वाले पेड़ों और खुली जमीन की जगह ले ली

🔥 सबसे ज्यादा खतरे में कौन हैं?
पी/नॉर्थ वार्ड की अनौपचारिक बस्तियां (झोपड़पट्टियां) इस संकट का सबसे बड़ा शिकार हैं।
- 26% घरों की छतें एस्बेस्टस और टिन की, जो तेजी से गर्म होती हैं
- 25% घरों में अब भी पारंपरिक ईंधन (लकड़ी आदि) से खाना बनता है
- केवल 25% लोग ही अपने घरों के मालिक, बाकी किरायेदार हैं
- स्वास्थ्य सेवाओं, बिजली और साफ पानी तक सीमित पहुंच
मुंबई में भारी बारिश, कहीं गिरे पेड़ तो कहीं इमारत का हिस्सा ढहा, IMD ने जारी किया अलर्ट
👉 इन सभी कारणों से यह इलाका जलवायु संकट (Climate Crisis) का हॉटस्पॉट बन चुका है।
📊 आंकड़े और सैटेलाइट डेटा क्या कहते हैं?
- 60% इलाके का तापमान 5°C से ज्यादा बढ़ा
- दत्तवाडी, महाराष्ट्र नगर और कलेक्टर कंपाउंड सबसे गर्म इलाकों में शामिल
- मैंग्रोव इलाकों में मलबा डालकर और अवैध निर्माण कर ठंडी और नम जमीन को गर्म और बंजर बनाया गया
📌 निष्कर्ष: जितनी तेजी से हरियाली और खुली जगहें कम हो रही हैं, उतनी ही तेजी से यहां की जमीन गर्म हो रही है। Mumbai’s P/North ward: The crisis of rising temperatures and decreasing greenery



✅ समाधान: मुंबई को क्या कदम उठाने चाहिए?
1. प्राकृतिक इलाकों की सुरक्षा
- मैंग्रोव और जंगलों की कानूनी सुरक्षा और पुनर्वनीकरण
- अवैध निर्माण और मलबा डालने पर कड़ी रोकथाम
2. गर्मी-संवेदनशील विकास
- नई इमारतों और SRA प्रोजेक्ट्स में पेड़, वेंटिलेशन और ग्रीन स्पेस अनिवार्य
- झोपड़पट्टियों में रिफ्लेक्टिव पेंट और शेड नेट्स का इस्तेमाल
3. कमजोर आबादी की सुरक्षा
- रिफ्लेक्टिव रूफ और ठंडी छतें सभी घरों में लागू हों
- स्वच्छ पानी, बिजली और स्वास्थ्य सेवाओं की 100% कवरेज
- हीटवेव जागरूकता अभियान, खासकर महिलाओं के लिए
4. पेड़ और हरियाली बढ़ाना
- सड़क किनारे, फुटपाथ और सरकारी जमीन पर पेड़ लगाना
- छायादार पैदल मार्ग और साइकिल ट्रैक विकसित करना
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