Mumbai: कांदिवली की नशेमन कॉलोनी मस्जिद में नमाज़ बंद, ट्रस्टी बोले – 11 नवंबर को वक्फ़ ट्रिब्यूनल से न्याय की उम्मीद

कांदिवली (पश्चिम) की नशेमन कोऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी में स्थित मस्जिद अबू बकर सिद्दीक़ महीनों से बंद है। ट्रस्टी लगातार कानूनी प्रयासों में जुटे हैं और 11 नवंबर को वक्फ़ ट्रिब्यूनल में अगली सुनवाई होगी।

मुंबई: कांदिवली (पश्चिम) में चारकोप सेक्टर-1, नशेमन कोऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी स्थित मदरसा और मस्जिद अबू बकर सिद्दीक़ में पिछले कई महीनों से नमाज़ अदा नहीं की जा रही है।
मस्जिद के ट्रस्टी लगातार प्रशासन और पुलिस से संपर्क कर रहे हैं, ताकि नमाज़ दोबारा शुरू की जा सके।
अब यह मामला 11 नवंबर को वक्फ़ ट्रिब्यूनल में सुनवाई के लिए तय हुआ है, जिस पर पूरे इलाके की निगाहें हैं।

🕌 सोसायटी में बंद मस्जिद को लेकर विवाद जारी

मस्जिद के ट्रस्टी हाजी उस्मान ने बताया कि वे लगातार कानूनी और प्रशासनिक रास्तों से मस्जिद को खोलने की कोशिश कर रहे हैं।
उन्होंने कहा —

Advertisements

“हमने पुलिस कमिश्नर, डीसीपी और चारकोप पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ निरीक्षक को पत्र लिखकर नमाज़ की अनुमति मांगी है।
जैसे अन्य समुदायों के त्यौहारों की अनुमति दी जाती है, वैसे ही हमें भी अपना धर्म पालन करने का अधिकार है।”

ट्रस्टी ने कहा कि सोसायटी के नियमों का हमेशा पालन किया गया है, फिर भी नमाज़ जबरन बंद कराई गई। उन्होंने दुख जताते हुए कहा,

“भारत एक लोकतांत्रिक देश है, जहाँ हर नागरिक को अपने धर्म के अनुसार जीने का अधिकार है।
मगर हमें यह अधिकार नहीं दिया जा रहा।”

🏢 MAHADA नियमों के तहत बनी थी मस्जिद

ट्रस्टियों का कहना है कि मस्जिद पूरी तरह कानूनी रूप से रजिस्टर्ड और MHADA नियमों के अनुरूप बनाई गई थी।
कई वर्षों तक वहाँ पाँचों वक्त की नमाज़ और ईद की जमातें शांतिपूर्वक होती रहीं।
लेकिन कुछ स्थानीय निवासियों के विरोध के बाद “उपद्रवी तत्वों” के दबाव में मस्जिद बंद कर दी गई

एक निवासी ने बताया,

“पहले कुछ शर्तों के साथ नमाज़ पढ़ने की अनुमति थी, जिसे हमने सौहार्द के लिए मान लिया था।
अब वो भी रोक दी गई है।”

मुंबई में खाने के झगड़े ने ली जान: दोस्तों ने टैक्सी ड्राइवर की कर दी हत्या

⚖️ 11 नवंबर को होगी अहम सुनवाई

वक्फ़ ट्रिब्यूनल में पहले भी कई सुनवाई हो चुकी हैं।
अब 11 नवंबर को अगली सुनवाई में ट्रस्टी मस्जिद से जुड़े सभी कानूनी दस्तावेज़,
पुलिस के साथ हुई चिट्ठियाँ और पहले मिली अनुमति के सबूत पेश करने वाले हैं।

हाजी उस्मान ने कहा —

“हम किसी से लड़ाई नहीं कर रहे। बस अपनी इबादत का हक़ मांग रहे हैं।
हमें उम्मीद है कि वक्फ़ ट्रिब्यूनल में न्याय मिलेगा।”

🚪 ‘दोहरे मापदंड’ पर सवाल उठे

मुस्लिम निवासियों का कहना है कि सोसायटी में अन्य समुदायों को अपने त्योहार मनाने की पूरी आज़ादी है,
मगर मुसलमानों को नमाज़ की इजाज़त नहीं दी जा रही।
एक स्थानीय निवासी ने कहा —

“क्या यही बराबरी है? हम सिर्फ़ समान अधिकार चाहते हैं, कोई विशेष सुविधा नहीं।”

🙏 खामोश मस्जिद अब न्याय की राह देख रही

जो मस्जिद कभी अज़ान और नमाज़ की आवाज़ों से गूंजती थी,
आज वो खामोश है।
रहवासी कहते हैं कि मस्जिद उनके लिए सिर्फ़ इबादत की जगह नहीं, बल्कि एकता और भाईचारे का प्रतीक थी।
अब सभी की निगाहें 11 नवंबर की सुनवाई पर हैं।

💬 मुख्य बिंदु एक नज़र में

  • मस्जिद: मदरसा और मस्जिद अबू बकर सिद्दीक़, नशेमन सोसायटी, चारकोप, कांदिवली (पश्चिम)
  • मुद्दा: नमाज़ बंद, ट्रस्टी ने अनुमति के लिए वक्फ़ ट्रिब्यूनल का रुख किया
  • अगली सुनवाई: 11 नवंबर
  • प्रमुख व्यक्ति: हाजी उस्मान (ट्रस्टी)
  • शिकायत: सोसायटी में “दोहरे मापदंड” और धार्मिक स्वतंत्रता पर रोक

FAQ सेक्शन

Q1. मस्जिद में नमाज़ क्यों रोकी गई?
→ सोसायटी के कुछ सदस्यों के विरोध के कारण नमाज़ बंद कराई गई थी।
Q2. मस्जिद की स्थिति क्या है?
→ मस्जिद कानूनी रूप से पंजीकृत है और MHADA के नियमों के अनुसार बनी है।
Q3. मामला अब कहाँ चल रहा है?
→ वक्फ़ ट्रिब्यूनल में 11 नवंबर को अगली सुनवाई तय की गई है।
Q4. ट्रस्टी क्या चाहते हैं?
→ वे सिर्फ़ नमाज़ दोबारा शुरू करने और समान धार्मिक अधिकारों की मांग कर रहे हैं।


Discover more from  

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisements
Scroll to Top

Discover more from  

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading