वी बी माणिक
मुंबई– पश्चिम और मध्य रेलवे के लोकल गाड़ियों में हिजड़ों का आतंक काफी बढ़ गया है। आज यानी 26 जुलाई, पश्चिम रेल के माटुंगा से लोकल ट्रेन में एक लड़की यात्रा कर रही थी। तभी एक कौशल्या नामक हिजड़े (किन्नर) द्वारा उस लड़की के साथ दुर्व्यवहार किया गया। जिस पर सांताक्रूज रेलवे स्टेशन पर उस लड़की द्वारा बांद्रा जीआरपी में शिकायत दर्ज कराई गई। (Mumbai Local Train)
बांद्रा जीआरपी ने भारतीय दंड संहिता की धारा 509 के तहत गुनाह दर्ज कर आरोपी हिजड़े को जमानत पर छोड़ दिया है। क्योंकि जिस धारा में सात साल से कम सजा का प्रावधान है उसमें आरोपी को गिरफ्तार नही किया जाता। जब चार्जसीट दायर होगा तब कोर्ट सजा का निर्णय लेगा। (Mumbai Local Train)
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हिजड़ो का आतंक..
बांद्रा जीआरपी के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक कुंभार से फोन पर बात करने पर उन्होंने बताया, कि इस एरिया में हिजड़ो पर काफी कार्रवाई की गई है। फिर भी चोरी छिपे ये चले आते है। दूसरी ओर आरपीएफ निरीक्षक मीणा ने जानकारी देते हुए कहा, कि अधिक से अधिक केस हिजड़ो पर किया जा रहा है। पर ये कोर्ट से छूटने पर वापस चोरी छिपे गाड़ियों में भीख मांगने और बदतमीजी के साथ वसूली करने के लिए आ जाते है। पर सबसे बड़ी बात ये है कि आरपीएफ के पास सुरक्षा बलों की काफी कमी है। (Mumbai Local Train)
अब मुद्दा ये है, कि ये हिजडो को महिलाओं के डब्बे में यात्रा करने की अनुमति देता कौन है? अधिकांश हिजड़ो के पास यात्रा करने का टिकट नही होता। मेल एक्सप्रेस गाड़ियों में भी ये हिजड़े यात्रियों से जबरी पैसों की वसूली करते है। मध्यरेल के एलटीटी थाना कल्याण में भी हिजड़ो का काफी आतंक है। ये कब बंद होगा? चेकिंग स्टाफ इन पर कार्रवाई करने से क्यो कतराता है? (Mumbai Local Train)
शिकायत होने पर आरपीएफ और जीआरपी, चेकिंग स्टाफ दो चार हिजड़ो पर कार्रवाई कर अपना कालर टाइट कर लेते है। अब यात्रियों की सुरक्षा की जबाबदारी कौन लेगा? ये सबसे बड़ा प्रश्न है। क्या इस विषय पर डीआरएम और अन्य अधिकारी संज्ञान लेंगे, या ऐसे ही चलता रहेगा? (Mumbai Local Train)
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