पुलिस ने बताया कि 2500 से ज़्यादा ऐसे खाते बनाए गए, जिनमें से कुछ को साइबर जालसाज़ों और मनी लॉन्ड्रिंग करने वालों को बेच दिया गया। खासकर लाड़की बहन योजना योजना में पुरुषों के खातों का इस्तेमाल। 100 से अधिक खाते फ्रिज़। (Mumbai: Fake ‘ladki behan’ scam, over 2,500 slum dwellers targeted)
मुंबई: जुहू पुलिस ने एक ऐसे रैकेट का भंडाफोड़ करने के बाद तीन लोगों को गिरफ्तार किया है, जिसमें झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले लोगों को ‘लाड़की बहन योजना’ का लाभार्थी बनाने के बहाने बैंक खाते खोलने के लिए लालच दिया जाता था। पुलिस ने बताया कि 2500 से ज़्यादा ऐसे खाते बनाए गए थे, जिनमें से कुछ को साइबर जालसाज़ों और मनी लॉन्ड्रिंग करने वालों को बेचा गया था। पुलिस ने बताया कि 100 से अधिक सक्रिय खातों को फ्रिज़ कर दिया गया है। (Mumbai: Fake ‘ladki behan’ scam, over 2,500 slum dwellers targeted)
गुजरात से संचालित
गुजरात के सूरत से संचालित आरोपी गिरोह मुख्य रूप से नेहरू नगर, डीएन नगर और धारावी सहित मुंबई के झुग्गी-झोपड़ियों के निवासियों को निशाना बनाते थे। पुलिस के अनुसार, गिरोह ने पीड़ितों को ‘लाड़की बहन योजना’ के तहत हर महीने पैसौं के लाभ का वादा करके लालच दिया और उन्हें बैंक खाते खोलने के लिए राजी किया। जहाँ उन्हें हर महीने 1500 रुपये मिलेंगे, ऐसा बताया गया। ‘लाभार्थी’ द्वारा बैंक खाता खोलने के बाद, उन्हें 1000 रुपये दिए जाते थे और कहा जाता था कि उन्हें कुछ महीनों के बाद यह राशि मिल जाएगी। हालाँकि, बाद में आरोपियों ने इन खातों को साइबर धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग में लिप्त लोगों को बेच दिया। (Mumbai: Fake ‘ladki behan’ scam, over 2,500 slum dwellers targeted)
लाडकी बहिन योजना में पुरुषों के खाते
जाँच से पता चला कि कुछ बैंक प्रबंधक विशेष रूप से झुग्गी-झोपड़ियों में उचित परिश्रम और सत्यापन करने में विफल रहे। अब तक पुलिस ने घोटाले से जुड़े 100 से ज़्यादा सक्रिय बैंक खातों को फ्रीज कर दिया। दिलचस्प बात यह है कि हालांकि असली लाड़की बहन योजना महिलाओं के लिए है, लेकिन जालसाजों के ज़्यादातर शिकार पुरुष हैं, जिन्हें बताया गया था कि उन्हें हर महीने 1500 रुपये दिए जाएँगे। (Mumbai: Fake ‘ladki behan’ scam, over 2,500 slum dwellers targeted)
सिर्फ तीन तलाक पर रोक है, तलाक-ए-अहसन पर नहीं। मुस्लिम व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर रद्द
खाता खोलने पर दिए पैसे
नेहरू नगर झुग्गी बस्ती में रहने वाले 22 वर्षीय मजदूर वकील सैय्यद खान ने शिकायत दर्ज कराई। उनकी पत्नी को बताया गया था, कि उनके इलाके में लोगों को लाड़की बहन योजना के तहत हर महीने 1500 रुपये मिल रहे हैं। जब उन्होंने पूछताछ की, तो उन्हें नए सिम कार्ड का इस्तेमाल करके नया बैंक खाता खोलने और अपना आधार कार्ड और पैन कार्ड जमा करने का निर्देश दिया गया। वकील सैय्यद खान अपनी पत्नी के साथ बैंक गए और खाता खोला। फिर आरोपी ने उन्हें 1000 रुपये दिए। (Mumbai: Fake ‘ladki behan’ scam, over 2,500 slum dwellers targeted)
कैसे हुई गिरफ्तारी?
15 फरवरी को वकील ने दूसरों को बैंक खाते खोलने में मदद करने के लिए फिर से उस व्यक्ति से संपर्क किया। जब वह व्यक्ति नेहरू नगर लौटा, तो निवासियों को उस पर शक हुआ और उन्होंने जुहू पुलिस को उसके बारे में सूचित किया। जुहू पुलिस स्टेशन के पुलिस इंस्पेक्टर प्रवीण पाटिल और एपीआई रंजीत चव्हाण मौके पर पहुंचे और संदिग्ध को हिरासत में ले लिया। उसकी पहचान वसई में रहने वाले 25 वर्षीय डिलीवरी एग्जीक्यूटिव अविनाश अमृत कांबले के रूप में हुई है। कांबले ने खुलासा किया कि वह जुहू के रहने वाले फालगुनी जोशी, रितेश जोशी, प्रतीक (उपनाम अज्ञात) और श्रुति रवि राउत के निर्देश पर खाते खोल रहा था। उसने प्रत्येक खाता खोलने के लिए 4000 रुपये लेने की बात स्वीकारी। (Mumbai: Fake ‘ladki behan’ scam, over 2,500 slum dwellers targeted)
किसे करते थे टार्गेट?
एक पुलिस अधिकारी ने कहा, “अविनाश कांबले ने झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले लोगों से संपर्क किया और उन्हें बैंक खाता खोलने के लिए 1000 रुपये नकद देने की पेशकश की, जिसे उसने बाद में दूसरों को 4000 रुपये में बेच दिया।” जुहू पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक सुनील जाधव ने मामले की आगे की जांच के लिए पीएसआई शरद लांडगे, पीआई प्रवीण जाधव और कांस्टेबल नितिन मांडेकर, अमित महांगड़े, अर्जुन घाडीगांवकर, आकाश धोडके, अमोल हेलकर और अनिल तायडे की एक टीम बनाई। जांच के दौरान, कांबले ने कबूल किया कि वे खास तौर पर अशिक्षित झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले लोगों को निशाना बनाते थे। खाते खुलवाने के बाद गिरोह ने बैंक खातों से जुड़े सिम कार्ड और पासबुक, आधार कार्ड और पैन कार्ड समेत दस्तावेज जुटाए। (Mumbai: Fake ‘ladki behan’ scam, over 2,500 slum dwellers targeted)
सभी बैंक खाते किए फ्रिज़
कांबले ने खातों को रितेश जोशी और श्रुति राउत को बेच दिया, जबकि फालगुनी जोशी ने उसे प्रति खाते 4000 रुपये का कमीशन दिया। जुहू पुलिस स्टेशन के पीएसआई लांडगे ने कहा, “हमने बैंकों से संपर्क किया और आरोपियों द्वारा खोले गए सभी खातों को फ्रीज कर दिया।” उन्होंने यह भी कहा, कि “हमने श्रुति राउत के घर पर भी छापा मारा और कई पासबुक, डेबिट कार्ड और सिम कार्ड जब्त किये। फालगुनी जोशी को भी गिरफ्तार किया गया है और उनके घर से कई पासबुक जब्त किए गये। अब तक हमने 100 से अधिक बैंक खातों को फ्रीज किया है और विभिन्न खातों से 19,43,779 रुपये जब्त किए हैं। इन खातों के जरिए करोड़ों रुपये के लेन-देन हुए हैं, जिनमें से कई साइबर धोखाधड़ी, मनी लॉन्ड्रिंग, ट्रेडिंग और काले धन के लेन-देन से जुड़े हैं।” (Mumbai: Fake ‘ladki behan’ scam, over 2,500 slum dwellers targeted)
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