इस्माइल शेख
मुंबई- समुद्र के पानी को मीठा करने के लिए प्रस्तावित प्रोजेक्ट के लिए बृहन्मुंबई महानगर पालिका (BMC) सलाहकार नियुक्त करेगी। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का ड्रीम प्रोजेक्ट है। इस पर बृहन्मुंबई महानगर पालिका (BMC) विशेष ध्यान दे रही है। बृहन्मुंबई महानगर पालिका (BMC) को उम्मीद है कि सलाहकार नियुक्त करने से प्रोजेक्ट को गति मिलेगी। इस पर 150 करोड़ रुपये खर्च होंगे। सलाहकार टीम प्रोजेक्ट की रिपोर्ट तैयार करेगी। इस प्रोजेक्ट से शुरू में प्रतिदिन 200 एमएलडी और बाद में 400 एमएलडी पानी मुंबई (Mumbai) को मिलेगा। इस पर कुल 3520 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।
2025 तक शुरू होगा प्रोजेक्ट
बृहन्मुंबई महानगर पालिका का अनुमान है, कि यह प्रोजेक्ट वर्ष 2025 तक शुरू हो जाए। सलाहकार प्रोजेक्ट की विस्तृत रिपोर्ट( डीपीआर), प्रोजेक्ट का डिजाइन और प्रोजेक्ट तैयार होते समय उसकी देखरेख का काम करेगा। बृहन्मुंबई महानगर पालिका (BMC) को उम्मीद है, कि इससे प्रोजेक्ट को गति मिलेगी और समय पर पूरा करने में मदद मिलेगी।
पर्यावरण को क्या होगा नुकसान ?
इस प्रोजेक्ट को तैयार करने में बड़े पैमाने पर बिजली का खर्च होने की उम्मीद है। यहां पानी का शुद्धिकरण किया जाएगा। झील का पानी शुद्ध कर पीने योग्य बनाने के लिए प्रत्येक हजार लीटर पर 17 रुपये खर्च होंगे। गोराई में प्रति हजार लीटर पर 18 रुपये खर्च होने वाला है। इस प्रॉजेक्ट पर 3520 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। प्रॉजेक्ट की वजह से पर्यावरण को भी कोई नुकसान नहीं होगा। मुंबई (Mumbai) में प्रतिदिन 3850 एमएलडी पानी की आपूर्ति होती है, जबकि इससे कहीं ज्यादा पानी की आवश्यकता है। इस प्रॉजेक्ट को पूरा करने के लिए 30 महीने का लक्ष्य रखा गया है।
शुरू में प्रॉजेक्ट के लिए 6 हेक्टर जमीन की जरूरत है। इसके लिए मालाड के मनोरी में जगह तलाशी गई है। प्रोजेक्ट का काम समय पर पूरा करने के लिए बृहन्मुंबई महानगर पालिका (BMC) ग्लोबल टेंडर निकालेगी। इस प्रॉजेक्ट के लिए सर्वे जारी है। मार्च तक इसके डीपीआर का काम पूरा हो जाएगा। इसके साथ ही मई 2022 में इस प्रॉजेक्ट का ग्लोबल टेंडर निकाला जाएगा। बृहन्मुंबई महानगर पालिका (BMC) की कोशिश है कि 2025 से मुंबईकरों को समुद्र के खारे पानी से मीठा पानी पीने के लिए मिलने लगेगा।
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