Mumbai BMC : अवैध फिल्म स्टूडियो पर चला प्रशासन का बुलडोजर

बृहन्मुंबई महानगर पालिका ने अवैध निर्माण पर कार्रवाई करते हुए शुक्रवार को मालाड़ के एक अवैध फिल्म स्टूडियो पर बुलडोजर चला दिया है। BMC Demolishes Film Studios in Madh-Marve Malad West

इस्माईल शेख
मुंबई
– बृहन्मुंबई महानगर पालिका (BMC) ने मालाड़ पश्चिम के अवैध फिल्म स्टूडियो पर शुक्रवार को कार्रवाई करते हुए ध्वस्त (Film Studios Demolishes) कर दिया है। आप को बता दें कि अदालत के आदेश के बाद अवैध संपत्ति को ढहाने के लिए बुलडोजर चलाया गया है।

कोर्ट का आदेश..

बृहन्मुंबई महानगर पालिका (BMC) ने शुक्रवार को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (National Green Tribunal) द्वारा फिल्म स्टूडियो को अवैध मानते हुए एक आदेश पारित करने के बाद मुंबई के मालाड़ पश्चिम स्थित मढ़-मार्वे इलाके में फिल्म स्टूडियो को ध्वस्त करना शुरू कर दिया। इन स्टूडियोज ने अनुमतियों का गलत इस्तेमाल किया और अस्थायी (Tempervary) के बजाय स्थायी ढांचे (Permanent Structure) का निर्माण कर दिया।

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भाजपा नेता का आरोप

भारतीय जनता पार्टी के नेता किरीट सोमैया ने मनपा आयुक्त इकबाल सिंह चहल पर निशाना साधते हुए दावा किया कि उन्हें पता था कि संरचनाएं अवैध थीं, लेकिन उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की। इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पिछली महा विकास अघाड़ी (MVA) सरकार ने अस्थायी ढांचों के नाम पर अवैध अनुमति दी थी। उन्होंने कहा, “हमने अदालत का दरवाजा खटखटाया जिसने मनपा से सवाल किया कि अवैध निर्माण की अनुमति कैसे दी गई। मैंने मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री से इसकी जांच का आदेश देने का अनुरोध किया है।”

एनजीटी ने अपने आदेश में कहा कि उन्होंने पाया कि अनुमति केवल संबंधित उद्देश्य के लिए एक अस्थायी संरचना स्थापित करने के लिए थी। हालांकि, फिल्म स्टूडियो ने विशाल संरचनाएं स्थापित की, जिनमें बहुत सारे स्टील और कंक्रीट सामग्री का उपयोग किया गया। BMC, Film Studios, Madh-Marve

BMC, Film Studios, Madh-Marve,
तोड़क कार्यवाही के दौरान एक्शन का जायजा लेते हुए भाजपा नेता किरीट सोमैया की तस्वीर

BMC Demolishes Film Studios in Madh-Marve

“हमारे आकलन में, इस तरह की संरचनाओं को उनके आकार और उपयोग की गई सामग्री से अस्थायी प्रकृति का नहीं माना जा सकता है, लेकिन स्टूडियो ने दावा किया कि ये संरचनाएं पर्यावरण के अनुकूल सामग्री का उपयोग करके तैयार की गई थीं। इसलिए निर्मल कार्य कोई अस्थायी प्रकृति का माना जाना चाहिए। BMC, Film Studios, Madh-Marve

अदालत ने कहा, कि “हम इस तर्क से सहमत नहीं हैं और पाते हैं कि इस प्रकार की संरचनाएं अस्थायी अनुमति के अनुदान का उल्लंघन दर्शाती हैं।” इसके साथ ही एनजीटी के आदेश में कहा गया है, कि “इस मामले में, घोर उल्लंघन हुआ है क्योंकि उन्होंने निर्माण बढ़ाने के लिए अस्थायी अनुमति देने के लिए आगे आवेदन करने से पहले विचाराधीन संरचनाओं को भी नहीं हटाया।” BMC, Film Studios, Madh-Marve

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2 thoughts on “Mumbai BMC : अवैध फिल्म स्टूडियो पर चला प्रशासन का बुलडोजर”

  1. One needs to know what action will be taken on the 35 pages vindictive report submitted by the DMC to the Municipal Commissioner which is just the tip of an ice-berg. Some public servants were involved and were hand-in-glove while the destruction of full grown trees and mangroves took place . Stringent action needs to be taken against the public servants and their political master

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