इस्माइल शेख
मुंबई- गोरेगांव इलाके में गरीबों को मिलने वाला सरकारी अनाज एक सरकारी गोदाम से छापेमारी कर पुलिस ने कालाबाजारी का खुलासा किया है इस छापेमारी से परिसर में हाहाकार मच गया है। पुलिस के साथ राशनिंग विभाग और आरे सुरक्षा विभाग की छापेमारी से इसका खुलासा हुआ है। यहां से राशन कार्ड पर मिलने वाला साफ सुथरा अनाज गोदाम में उतार कर दूसरी बोरियों में भरकर कालाबाजारी किया जा रहा था। मिली जानकारी के मुताबिक, करीब 24 लाख रुपए का राशन की दुकान से पात्र राशन कार्ड धारकों को मिलने वाला अनाज एक भाजपा के सक्रिय कार्यकर्ता मयूर विजय गोसावी के गोदाम से बरामद किया गया है।
मुंबई के गोरेगांव पूर्व आरे परिसर के यूनिट क्रमांक 2 में सरकारी गोदाम से राशनिंग विभाग का छापेमारी के दौरान चावल और शक्कर की बरामदगी भ्रष्टाचार को उजागर कर रही है। गोदाम भाजपा के सक्रिय कार्यकर्ता मयूर विजय गोसावी का बताया जा रहा है। जो टेंडर के आधार पर आरे से निजी इस्तेमाल के लिए भाड़े पर लिया गया है। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक मुख्य आरोपी मयूर गोसावी फरार बताया जा रहा है। जब कि छापेमारी के दौरान गोदाम में काम करने वाले 20 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया है।
विश्वसनीय सूत्रों की माने तो यहां सरकारी अनाज को दूसरे प्लास्टिक के बोरीे में भर कर विभिन्न दुनाकों, होटलों और छोटे किराने की दुकानों पर सप्लाई किया जाता रहा है। मामले में लिप्त भारतीय जनता पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ता मयूर विजय गोसावी, अख्तर अंसारी और आशिश दुबे का नाम सामने आ रहा है।
जब की आरे पुलिस थाने की वरिष्ठ पुलिस निरिक्षका ज्योती देसाई ने इस बारे में खुलासा करने से मना कर दिया कहां की जांच की जा रही है। शुक्रवार की आधी रात छापेमारी के दौरान आरे पुलिस थाने के क्राईम Pi परदेसी, Psi प्रमोद सावंत, Psi उल्लास कोलम एवं आरे पुलिस की पूरी टीम मौजूद रही साथ ही मौके पर परिमंडल 12 के पुलिस उपायुक्त सोमनाथ घाडगे ने दौरा किया और घंटों की छापामारी के बाद मीडिया के सामने जानकारी मुहैया कराई।
आप को बता दे कि छापेमारी में आरे सुरक्षा रक्षक विलास पवार और राशनिंग विभाग के अधिकारियों ने कार्रवाई करते हुए कुल 5 ट्रक अनाज सरकारी विभाग को वापस कराने में अपनी अहम भूमिका निभाई। मुंबई के एक सरकारी गोदाम का इस्तेमाल कर सरकारी अनाज में सेंधमारी कालाबाजारी का रिकार्ड तोड़ रही है। सरकार ऐसे कालाबाजारियों के साथ क्या करती है ये तो बस कागज़ों का खेल देखा जा सकता है लेकिन एसे कालाबाजारी से गरीब तबके को मिलने वाला अनाज ही चट कर जाना देश की इमानदारी को ही शर्मसार कर रही है। ऐसे मामले में सरकारी विभाग के कई अधिकारियों के संलिप्त होने की आशंका जताई जा रही है। मामले की तहकीकात गोरेगांव पूर्व की आरे पुलिस कर रही है।
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