नितिन तोरस्कर (मंत्रालय प्रतिनिधि)
मुंबई- महाराष्ट्र सरकार ने 15 अक्टूबर से मुंबई के पांचों प्रवेश प्वाइंटों पर लगने वाले टोल टैक्स को खत्म करने का ऐलान कर दिया है। इस फैसले पर विपक्षी दलों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में प्रदेश मंत्रिमंडल ने यह फैसला लेते हुए इसे दूरगामी प्रभाव वाला निर्णय बताया। इस फैसले के बाद हल्के वाहनों को मुंबई के मुख्य मार्गों यानी दहिसर, मुलुंड, ठाणे, ऐरोली और वाशी टोल प्लाजा पर टोल का भुगतान नही करना पडेगा। हालांकि, इस फैसले के बाद भी भारी मोटर वाहनों पर टोल की वसूली पहले की तरह ही जारी रहेगी। इन वाहनों में बड़े टैम्पो, बसें, आवश्यक वस्तुएं ले जाने वाले मालवाहक ट्रक और अन्य बड़े वाहन शामिल हैं।
राजनीति से प्रेरित
महाराष्ट्र सरकार के इस कदम का आम लोगों ने स्वागत किया है। इसके साथ ही महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के नेताओं ने भी इस फैसले का स्वागत किया। साथ ही कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रवक्ता क्लाइड क्रैस्टो, शिवसेना (UBT) प्रवक्ता किशोर तिवारी, सामाजिक कार्यकर्ता प्रफुल शारदा और अन्य ने इसे चुनाव में लाभ उठाने के लिए राजनीति से प्रेरित बताया है।
टोल टेक्स के मुद्दे पर आंदोलन
मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने प्रसन्नता ज़ाहिर करते हुए अपने पार्टी कार्यकर्ताओं की सराहना की। उन्होंने कहा कि हमारे कार्यकर्ताओं ने टोल टेक्स के मुद्दे पर कई आंदोलन किए। जिनमें से कुछ हिंसक भी थे। जिसका नतीजा आज जाकर सामने आया है। मनसे कार्यकर्ता टोल से वसूले गए धन में पारदर्शिता की मांग कर रहे थे। मनसे के लोग यह जानना चाहते थे कि एकत्र किया गया पैसा वास्तव में कहां जा रहा है।
इस मामले में राज ठाकरे ने कहा, “हमने मांग की है कि सभी सड़कें टोल-मुक्त होनी चाहिए। टोल प्लाजा पर तोड़फोड़ करने के लिए हमारी आलोचना की गई। लेकिन, सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए कठोर कदम उठाना जरूरी था। कम से कम अब मुंबईकरों को टोल चुकाने से मुक्ति मिलेगी और हमें खुशी है कि हमारा आंदोलन सफल रहा।”
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