इस्माईल शेख
मुंबई- दहेज उत्पीड़न की घटना मुंबई जैसे बड़े शहरों में आज भी हो रही है। गोरेगांव पश्चिम के राम मंदिर रोड़ स्थित सेन्टेक सिटी नामक बिल्डिंग के सी विंग, रूम नंबर 102 में 31 वर्षीय चेल बी मद सुरार्जा कुमार ध्याम नामक महिला ने पंखे से लटक कर आत्महत्या कर ली। घटना में पीड़ित महिला की माता की शिकायत पर गोरेगांव पुलिस गु.र.क्र.903/24 में भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 85, 108, 80, 3(5) के तहत मामला दर्ज कर आरोपियों की तलाश कर रही है।(Mother-in-law and sister-in-law abscond with husband who committed suicide due to dowry harassment)
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, घटना 3 सितम्बर 2024 दोपहर 1:43 से 1 नवंबर 2024 रात 12 बजे के बीच की है। जांच अधिकारी पीएसआई शिवलकर ने बताया कि 20 दिसंबर 2024 को मामला दर्ज किया गया। मृतक की 58 वर्षीय माता श्रीमती निवेदिता बोरगो हेगन ध्यान महाराष्ट्र के धुलिया इलाके में जयनगर सेवचपूर की रहने वाली है।इन्हीं की शिकायत पर मृतक के 34 वर्षीय पति कबीर भीष्मा देवरी भराली, 63″वर्षीय सास ज्योती कोच और 36 वर्षीय ननंद रिचा भराली के विरूद्ध एफआईआर दर्ज किया गया है। फिलहाल तीनों आरोपी पुलिस की गिरफ्त से फरार चल रहे हैं। (Mother-in-law and sister-in-law abscond with husband who committed suicide due to dowry harassment)
क्या है भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 85 ?
आप को जानकारी देते हुए बता दें कि भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 85 के मुताबिक, अगर कोई पति या उसका कोई रिश्तेदार किसी महिला के साथ क्रूरता करता है, तो उसे इस धारा के तहत दोषी माना जाता है। इस धारा के तहत, तीन साल तक की जेल और जुर्माना हो सकता है। (Mother-in-law and sister-in-law abscond with husband who committed suicide due to dowry harassment)
इस धारा के तहत, क्रूरता के कुछ उदाहरण:
- महिला के स्वस्थ जीवन में खतरा पैदा करना
- महिला को मानसिक प्रताड़ित करना
- महिला से बार-बार दहेज की मांग करना
- महिला के साथ मारपीट करना
- महिला को बिना वजह तंग करना
- महिला को आत्महत्या के लिए उकसाना
- महिला पर जबरदस्ती अनुचित काम के लिए दबाव बनाना
भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 108, आत्महत्या के लिए उकसाने से जुड़ी है।
- अगर कोई व्यक्ति आत्महत्या करता है और किसी ने उसे ऐसा करने के लिए उकसाया, तो उकसाने वाले को 10 साल तक की जेल और जुर्माना हो सकता है।
- यह धारा आत्महत्या के लिए उकसाने के सभी मामलों पर लागू होती है।
- इस धारा का मकसद जीवन की पवित्रता पर ज़ोर देना और आत्महत्या के लिए किसी तरह की सहायता या प्रोत्साहन को रोकना है।
- इस अपराध में उकसाने वाला दोस्त, रिश्तेदार या कोई भी अन्य व्यक्ति हो सकता है।
भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 80, दहेज के कारण हत्या से जुड़ी है।
- अगर किसी महिला की शादी के सात साल के अंदर किसी असामान्य परिस्थिति में मौत हो जाती है, तो यह दहेज के कारण हत्या मानी जाएगी।
- अगर यह साबित हो जाए कि महिला को दहेज के लिए प्रताड़ित किया गया था, तो उसके पति या उसके रिश्तेदारों पर दहेज हत्या का आरोप लगाया जा सकता है।
- दहेज हत्या करने वाले को कम से कम सात साल की जेल हो सकती है और यह सज़ा उम्रकैद तक बढ़ाई जा सकती है।
भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 3(5) का उद्देश्य सामूहिक आपराधिक कृत्यों में सभी लोगों को दोषी मानना है। इसका मतलब है कि अगर कई लोग मिलकर कोई अपराध करते हैं, तो सभी को उस अपराध के लिए समान रूप से ज़िम्मेदार माना जाएगा। इस धारा में यह नहीं देखा जाएगा कि किसने क्या किया। (Mother-in-law and sister-in-law abscond with husband who committed suicide due to dowry harassment)
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